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मप्र सियासी संकट: कमलनाथ बहुमत परीक्षण को तैयार, भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप

न्यूज डेस्क/ डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला Published by: Sneha Baluni Updated Fri, 13 Mar 2020 03:12 PM IST
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MP crisis live updates speaker send notice to rebel congress mlas, scindia will file RS nomination
कमलनाथ-लालजी टंडन - फोटो : ANI
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मध्यप्रदेश में सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र सौंपकर भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह विधानसभा के आगामी सत्र में बहुमत परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा से राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन
भाजपा में बुधवार को शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और गोपाल भार्गव भी मौजूद रहे।
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हमारी सरकार स्थिर है: कमलनाथ
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, 'केवल वही बता सकते हैं कि आखिर वह क्यों गए। हमारी सरकार स्थिर है। चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है।'

यह भाजपा का षड्यंत्र है
राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करने के बाद कमलनाथ ने कहा, 'मैंने राज्यपाल को बताया कि कैसे विधायकों को बंगलूरू में कैद करके रखा जा रहा है और कैसे उनके इस्तीफे को एक भाजपा नेता ने स्पीकर को सौंपा। यह मजाक चल रहा है। यह भाजपा का षड्यंत्र है। बंधक बनाए गए विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करें।'

बहुमत परीक्षण के लिए कमलनाथ तैयार
मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच कमलनाथ ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यपाल के अभिभाषण और बजट के बाद स्पीकर द्वारा तय तारीख को बहुमत परीक्षण कराया जाएगा, लेकिन यह तभी संभव है जब बंधक बनाए गए 22 विधायक रिहा होंगे।

भाजपा ने किया बचाव 

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सरदार आरपी सिंह ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सभी विधायक अपनी इच्छा से बंगलूरू गए हैं। उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है। वे सुरक्षित हैं और रोज अपने वीडियो अपलोड कर अपनी भावनाएं भी सामने रख रहे हैं। ऐसे में उन्हें जबरदस्ती बंधक बनाकर रखने वाली बात बिल्कुल गलत है। जहां तक इस्तीफों की वैधता का सवाल है, राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं और वे चाहें तो इसकी जांच कर अपनी तसल्ली अवश्य कर सकते हैं। 

मानेसर होटल में मौजूद हैं 100 भाजपा विधायक
भाजपा के 100 विधायक इस समय मानेसर होटल में ठहरे हुए हैं। जबकि शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा सहित यशोधरा राजे सिंधिया सहित सात विधायक बाहर हैं। 

कांग्रेस के 13 विधायक नहीं गए जयपुर 
मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पीसी शर्मा सहित 13 विधायक जयपुर नहीं गए हैं।

बंगलूरू के होटल में मौजूद हैं 19 विधायक, सात का नहीं है कोई पता
सिंधिया के इस्तीफे के बाद जिन 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था उनमें से 19 बंगलूरू के रिजॉर्ट में मौजूद हैं। जिसमें तुलसी सिलावट, इमरती देवी, जसवंट जाटव जैसे नेता शामिल हैं। वहीं तीन विधायक ऐसे हैं जिन्होंने इस्तीफा तो दिया है लेकिन बंगलूरू में नहीं हैं। उनके नाम- बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी हैं। इसके अलावा सात विधायक ऐसे हैं जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से मिले शिवकुमार और जीतू पटवारी
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और अन्य लोगों के साथ आज अपर पुलिस महानिदेशक अमर कुमार पांडेय से बागी विधायकों को एक होटल में रखने को लेकर मुलाकात की। गुरुवार को जीतू पटवारी को बागी विधायकों से मिलने नहीं दिया गया।

स्पीकर ने विधायकों को जारी किया नोटिस

विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी विधायकों को शुक्रवार को उनके सामने पेश होकर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि उन्होंने इस्तीफा खुद दिया है और यह फैसला बिना किसी के दबाव में आए लिया गया है। प्रजापति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'विधायकों के दबाव में इस्तीफा नहीं देने की पुष्टि करना स्पीकर की जिम्मेदारी है।' सारी प्रक्रिया नियमों के तहत हो रही है और उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी।

मध्यप्रदेश की सियासत के हालात

  • 228 सदस्यों की है मध्य प्रदेश विधानसभा
  • 114 विधायक थे बगावत से पहले कांग्रेस के
  • 07 विधायकों का बाहरी समर्थन था उसके पास
  • 22 विधायकों के इस्तीफे पर 206 होगी सदस्यता
  • 104 पर सिमट जाएगा बहुमत का आंकड़ा
  • 92 विधायक रह जाएंगे कांग्रेस के पास अपने
  • 107 विधायक हैं भाजपा के विधानसभा में
  • 07 बाहरी विधायकों का समर्थन भी भाजपा को मिलना संभव
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