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मध्यप्रदेश सियासी संकट: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत परीक्षण से पहले दिया इस्तीफा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: Sneha Baluni Updated Fri, 20 Mar 2020 12:59 PM IST
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MP political crisis kamal nath floor test digvijaya shivraj scindia bjp congress assembly resignation speaker SC
प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं कमलनाथ - फोटो : Special Arrangement
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मध्यप्रदेश में बहुमत परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस सरकार को लगातार अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनता ने मुझे पांच साल का बहुमत दिया था लेकिन भाजपा सरकार 15 महीनों से सरकार गिराने की कोशिश कर रही है।

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सिंधिया का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा कि एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार गिराने की साजिश रची। वहीं आज शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक होनी है। जिसमें शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।
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शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक
शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। माना जा रहा है कि शिवराज को नेता चुना जा सकता है।

प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा पर लगाया सरकार गिराने का आरोप
कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैंने हमेशा विकास में विश्वास किया है। हमारे विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाया गया। मुझे जनता ने पांच साल के लिए बहुमत दिया था। प्रदेश पूछ रहा है कि मेरा कसूर क्या है। 15 महीनों से भाजपा साजिश रच रही है। भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश में लगी रही। चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। विधायकों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया। एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार गिराने की साजिश रची।'

राज्यपाल से मुलाकात का मांगा समय
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बजे राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने का समय मांगा है। माना जा रहा है कि वह इस मुलाकात के दौरान अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं।

सपा और बसपा नहीं लेंगे बहुमत परीक्षण में हिस्सा
सपा और बसपा के विधायकों ने बहुमत परीक्षण में हिस्सा न लेने का फैसला लिया है।

लापता हुए केपी सिंह
कांग्रेस विधायक केपी सिंह लापता हैं। थोड़ी देर में मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।

23 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का कहना है कि विधायकों ने खुद इस्तीफा दिया है। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं। मैंने निष्पक्ष होकर काम किया है। दुखी मन से विधायकों के इस्तीफे स्वीकर किए है। मुझे इस्तीफों पर अधिकार लेने का अधिकार है। वहीं भाजपा विधायक शरद कौल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।

हम विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत
मध्यप्रदेश के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, 'इस बार भाजपा ने खरीद फरोख्त नहीं की बल्कि बहुत बड़ी सेंध लगाई है। हम बहुमत साबित कर देंगे। हमारे पास पांचवा फॉर्मूला है। इसके बारे में दोपहर 12 बजे खुलासा होगा। यह बताया जाएगा कि कैसे 16 विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया था।'

दिग्विजय ने स्वीकारी हार
दिग्विजय सिंह ने स्वीकार कर लिया है कि अब उनकी सरकार सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि पैसे और सत्ता के दम पर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है।

सिंधिया को बनाया जा सकता है ऊर्जा मंत्री
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री बनाया जा सकता है। तीन अप्रैल को संसद का बजट सत्र समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार हो सकता है।

16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरुवार देर रात कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इन सभी विधायकों ने छह अन्य विधायकों के साथ 10 मार्च को अपना इस्तीफा दिया था लेकिन प्रजापति ने इनके इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया था। हालांकि उन्होंने छह अन्य के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। ये सभी 16 विधायक अभी बंगलूरू में ठहरे हुए हैं।

कमलनाथ का इस्तीफा

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