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सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों में बड़ा बदलाव: नए अवकाश नियम 2025 जारी, महिलाओं की चाइल्ड केयर लीव में कटौती

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Thu, 27 Nov 2025 04:50 PM IST
सार

मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की अवकाश व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए नए सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 जारी किए हैं, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे।  

 

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Major changes in government employees' leave: New Leave Rules 2025 released, reduction in child care leave for
वल्लभ भवन, भोपाल - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की अवकाश व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए मध्य प्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नए नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे, जिसके साथ ही 1978 के अवकाश नियम समाप्त हो जाएंगे। इन संशोधित नियमों का सीधा असर प्रदेश के सात लाख से अधिक कर्मचारियों पर पड़ेगा। सबसे बड़ा परिवर्तन महिला कर्मचारियों की चाइल्ड केयर लीव में किया गया है। अब तक महिलाओं को दो वर्ष यानी 730 दिन का संतान पालन अवकाश पूर्ण वेतन के साथ मिलता था, लेकिन नए नियमों के अनुसार पहले 365 दिन ही 100% वेतन मिलेगा। इसके बाद अगले 365 दिनों के लिए केवल 80% वेतन अनुमत होगा। यह नियम अवकाश को एक बार में या टुकड़ों में लेने, दोनों ही स्थितियों में लागू होगा। 
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हर वर्ष 30 दिन अर्जित अवकाश मिलेगा
इसके अलावा एक बदलाव यह है भी है कि सरोगेसी से जन्मे बच्चे की देखभाल करने वाली महिला कर्मचारी को भी अब इस अवकाश का लाभ मिलेगा। नियमों में दत्तक संतान ग्रहण अवकाश भी शामिल किया गया है, जिसके तहत कर्मचारी बच्चे की उम्र एक साल होने तक अवकाश ले सकेंगे। नए प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी को हर वर्ष 30 दिन अर्जित अवकाश मिलेगा और इसे दो किस्तों में दिया जाएगा। किसी भी कर्मचारी को लगातार पांच वर्ष से अधिक की छुट्टी स्वीकृत नहीं की जाएगी। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि अवकाश मांगना अधिकारी का अधिकार नहीं माना जाएगा, बल्कि अंतिम निर्णय स्वीकृत करने वाले अधिकारी का होगा।

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अद्धवेतन अवकाश बगैर मेडिकल प्रमाण पत्र के
चिकित्सा अवकाश के मामले में भी नियम कड़े किए गए हैं। मेडिकल सर्टिफिकेट अवकाश मंजूरी की गारंटी नहीं होगा, यह पूर्णतः स्वीकृति प्राधिकारी के विवेक पर निर्भर करेगा। पूरे सेवाकाल में 180 दिन तक का अर्द्धवेतन अवकाश बगैर मेडिकल प्रमाण पत्र के मिल सकेगा, लेकिन अगर कर्मचारी इस अवधि में इस्तीफा देता है तो यह अवधि अर्द्धवेतन अवकाश मानी जाएगी और अंतर की राशि वसूली जाएगी। स्टडी लीव के लिए भी नई शर्तें तय की गई हैं। कर्मचारी को अधिकतम एक वर्ष की अध्ययन अवकाश और पूरे सेवाकाल में कुल 24 माह तक की अनुमति दी जा सकेगी, लेकिन इसमें फीस, यात्रा और अन्य खर्च कर्मचारी को स्वयं वहन करना होगा। साथ ही सेवा में वापसी सुनिश्चित करने के लिए बॉन्ड अनिवार्य किया गया है।

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कर्मचारी संगठनों ने जताई आपत्ति 
कर्मचारी संगठनों ने नए नियमों पर आपत्ति जताई है। संगठन का कहना है कि महिला कर्मचारियों की चाइल्ड केयर लीव में वेतन कटौती का प्रावधान अनुचित है और पुराने नियमों में ऐसी कोई कटौती नहीं थी। उनके अनुसार अधिकांश नियम पहले जैसे ही हैं, केवल महिलाओं के वेतन वाले प्रावधान में बदलाव किया गया है, जो स्वीकार नहीं हैं। 
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