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Sehore news: शहर में भक्ति का महाकुंभ, पं. प्रदीप मिश्रा बोले–संदेह से भगवान दूर, विश्वास से मिलन होता

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: सीहोर ब्यूरो Updated Wed, 03 Sep 2025 07:21 PM IST
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सार

सीहोर के अग्रवाल पंचायती भवन में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा में पं. प्रदीप मिश्रा ने संदेह को भगवान से दूरी और विश्वास को सान्निध्य का माध्यम बताया। उन्होंने तुलसीदास, वामन अवतार और बाल भक्तों के प्रसंग सुनाए। कथा में जनप्रतिनिधि व नागरिक पहुंचे, प्रसाद वितरित हुआ और जन्मोत्सव की तैयारी की गई। 

Sehore news: Faith brings closeness to God, doubt creates distance, Pt. Pradeep Mishra at Sehore Bhagwat Katha
बाजार में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा
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विस्तार
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सीहोर शहर इन दिनों भक्ति के रंग में डूबा हुआ है। बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा में देश-विदेश में चर्चित अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी अपने शब्दों से श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति का संचार कर रहे हैं।

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कथा के तीसरे दिन पं. मिश्रा ने कहा कि संदेह भगवान से दूरी बढ़ाता है। जब हम संदेह करते हैं तो ईश्वर की शक्ति और कृपा पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हैं, जबकि विश्वास हमें प्रभु के सान्निध्य में पहुंचाता है। उन्होंने महाभारत काल का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने शांति स्थापना हेतु दुर्योधन से केवल पांच गांव मांगे थे, लेकिन उसके अहंकार ने शांति प्रस्ताव को ठुकरा दिया। यही संदेह और अहंकार महाभारत का कारण बना।
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तुलसीदास का प्रसंग और संदेह की समाप्ति
पं. मिश्रा ने तुलसीदास जी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब उन्होंने “सिय राम मय सब जग जानी” चौपाई लिखी, तो उनके मन में संदेह उत्पन्न हुआ। इस पर हनुमान जी ने उन्हें गले लगाकर समझाया और उनका भ्रम दूर किया। यही शिक्षा हमें देती है कि भक्त और भगवान के बीच विश्वास की डोर जितनी मजबूत होगी, उतना ही उनका सान्निध्य मिलेगा।

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वामन अवतार का वर्णन
कथा में पं. मिश्रा ने वामन अवतार का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भगवान ने असुरराज बलि के अभिमान को तोड़ने के लिए वामन रूप धारण किया। भगवान की यह लीला दर्शाती है कि जब भक्त अहंकार और मोह में डूब जाते हैं तो भगवान स्वयं अवतार लेकर उनका मार्गदर्शन करते हैं।

हर उम्र में हो सकती है भक्ति
उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश देते हुए कहा कि भक्ति की कोई उम्र नहीं होती। लोग अक्सर कहते हैं कि बुढ़ापे में भक्ति करेंगे, लेकिन जब चलने-फिरने की शक्ति रहते हुए ही हम भगवान को नहीं साध पा रहे हैं तो बुढ़ापे में कैसे साधेंगे? हमें प्रहलाद और ध्रुव जैसे बाल भक्तों से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने कम उम्र में ही घोर तप करके भगवान की कृपा पाई।

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बुधवार को कथा स्थल पर विधायक सुदेश राय, वरिष्ठ समाजसेवी अरुणा राय, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर सहित अनेक गणमान्य नागरिक पहुंचे और पं. प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लिया। इस दौरान तीन क्विंटल से अधिक फलहारी खिचड़ी का वितरण किया गया। कथा आयोजन समिति ने बताया कि गुरुवार को हर्ष और उल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अग्रवाल समाज के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, सत्यनारायण मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष निलेश जयपुरिया सहित समिति के सभी पदाधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कथा और जन्मोत्सव का लाभ उठाएं।

 

भक्ति का संगम बना सीहोर, शहर के बाद बाजार में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा

पंडित प्रदीप मिश्रा

 

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