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MP News: सीहोर में पांच दिन में पारा 12 डिग्री गिरा, न्यूनतम 7.5 °C पहुंचकर इस सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर
Published by: सीहोर ब्यूरो
Updated Sun, 09 Nov 2025 02:23 PM IST
सार
दिन के मुकाबले रात के तापमान में चार गुना अंतर देखा जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर-पूर्वी हवाओं और आसमान से बादल छंटने के कारण धरती की गर्मी तेजी से निकल रही है, जिससे ठंड सामान्य समय से पहले बढ़ गई है।
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सर्दी ने दी दस्तक।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पिछले कुछ दिनों में सीहोर जिले में रात के तापमान में तीव्र कमी देखने को मिली है। 5 नवंबर को न्यूनतम 19.5 °C था। 6 नवंबर को 18.5 °C, 7 नवंबर को 10.8 °C, 8 नवंबर को 8.5 °C और 9 नवंबर को न्यूनतम तापमान 7.5 °C रहा। इस प्रकार पांच दिनों में लगभग 12 °C की गिरावट हुई। ऐसे तेज बदलाव से ठंड का प्रभाव झट से महसूस-होने लगा है।
आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान लगभग 29.0 °C रहा, जबकि न्यूनतम 7.5 °C दर्ज किया गया। दिन-और-रात के तापमान में लगभग चार गुना अंतर दिखाई दिया है। दिन में हल्की धूप और तापमान रहने के बावजूद रात को ठंड इतनी बढ़ गई कि राहत नहीं मिली। उत्तर-पूर्वी दिशाओं से आ रही ठंडी हवाओं ने ठंड को और तीव्र किया है।
बादल छंटने से बढ़ेगी ठंड
जिले के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आसमान से बादल धीरे-धीरे हट रहे हैं, जिससे रात को अधिक तेजी से ठंड बढ़ रही है। इसके चलते दिन के समय तापमान कुछ ऊंचा दिखाई देने के बावजूद रातें जल्दी और ठंडी हो चुकी हैं। विशेष रूप से बादल की कमी से धरती-से निकलने वाली गर्मी जल्दी हवा में चली जा रही है, जो न्यून तापमान को और नीचे ले जा सकती है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि इस बार ठंड का प्रभाव सामान्य से पहले शुरू हो गया है। आमतौर पर सर्दी नवंबर के दूसरे सप्ताह से जोर पकड़ती है, लेकिन इस बार पहले-ही इसका संकेत मिल रहा है। अगर बादल पूरी तरह हट गए तो न्यूनतम तापमान और नीचे जा सकता है। ऐसे में कोहरा, शीतल हवाएं और ठंडी रातें अधिक संभव हैं।
ये भी पढ़ें- सतना की बेटी प्रिया का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन, MPPSC परीक्षा में हासिल की प्रदेश में छठवीं रैंक
हार्ट रोगी ऐसे करें खुद की सुरक्षा
सर्दी के मौसम का सबसे ज्यादा विपरीत प्रभाव बच्चे और हार्ट रोग से पीड़ित व्यक्तियों पर पकड़ा है। जिला चिकित्सालय में पदस्थ एमपी मेडिसिन डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि हार्ट रोगी ठंड में खुद को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़े पहनें। टोपा, स्कार्फ और दस्ताने का उपयोग करें, खासकर बाहर जाते समय, अत्यधिक ठंड में सुबह की वॉक से बचें। धूप निकलने पर ही टहलें। घर में वार्मर का उपयोग करें और सुनिश्चित करें कि घर का तापमान आरामदायक बना रहे। डॉ. वर्मा के मुताबिक शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं, जैसे गर्म पानी या हर्बल चाय। अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फल और सब्जियों को शामिल करें। अत्यधिक नमक, वसा, चीनी और जंक फूड से बचें। ठंड के मौसम में घर के अंदर ही व्यायाम करें। अत्यधिक परिश्रम करने से बचें। तनाव को प्रबंधित करने के लिए गहरी सांस लेने के व्यायाम करें। धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है, इनसे बचें। कोई भी दिक्कत होने पर तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
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आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान लगभग 29.0 °C रहा, जबकि न्यूनतम 7.5 °C दर्ज किया गया। दिन-और-रात के तापमान में लगभग चार गुना अंतर दिखाई दिया है। दिन में हल्की धूप और तापमान रहने के बावजूद रात को ठंड इतनी बढ़ गई कि राहत नहीं मिली। उत्तर-पूर्वी दिशाओं से आ रही ठंडी हवाओं ने ठंड को और तीव्र किया है।
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जिले के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आसमान से बादल धीरे-धीरे हट रहे हैं, जिससे रात को अधिक तेजी से ठंड बढ़ रही है। इसके चलते दिन के समय तापमान कुछ ऊंचा दिखाई देने के बावजूद रातें जल्दी और ठंडी हो चुकी हैं। विशेष रूप से बादल की कमी से धरती-से निकलने वाली गर्मी जल्दी हवा में चली जा रही है, जो न्यून तापमान को और नीचे ले जा सकती है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि इस बार ठंड का प्रभाव सामान्य से पहले शुरू हो गया है। आमतौर पर सर्दी नवंबर के दूसरे सप्ताह से जोर पकड़ती है, लेकिन इस बार पहले-ही इसका संकेत मिल रहा है। अगर बादल पूरी तरह हट गए तो न्यूनतम तापमान और नीचे जा सकता है। ऐसे में कोहरा, शीतल हवाएं और ठंडी रातें अधिक संभव हैं।
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