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Sehore News: छोटे कपड़े पहनकर पहुंचे तो गणेश पंडाल में नहीं मिलेगी प्रवेश, समिति के बोर्ड पर जमकर हो रही चर्चा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: सीहोर ब्यूरो Updated Fri, 05 Sep 2025 01:34 PM IST
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सार

सीहोर के जगदीश मंदिर चौराहा स्थित गणेश पंडाल के बाहर छोटे व अमर्यादित कपड़े पहनने वालों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। समिति ने इसे भारतीय संस्कृति व मर्यादा को बनाए रखने का वाला कदम बताया है। वहीं, लोगों की राय इस पर बंटी हुई है।

Sehore news:No Entry in Ganesh Pandal for Short Dresses, Notice Board Sparks Debate in Sehore
गणेश पंडाल में लगा अनोखा बोर्ड, बना चर्चा में
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विस्तार
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सीहोर शहर इन दिनों गणेशोत्सव की भक्ति और उमंग में डूबा हुआ है। हर गली-मोहल्ले में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जहां श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इसी बीच नगर के जगदीश मंदिर चौराहा स्थित गणेश पंडाल के बाहर लगा एक बोर्ड चर्चा का विषय बन गया है।

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इस बोर्ड में साफ शब्दों में लिखा गया है कि छोटे और अमर्यादित कपड़े पहनकर आने वाले युवक-युवतियों को पंडाल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोर्ड लगते ही यह पूरे इलाके में चर्चा का केंद्र बन गया है। लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। गणेश पंडाल पर लगा यह बोर्ड सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है।
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समिति का उद्देश्य क्या?
गणेशोत्सव का आयोजन कर रही भगत सिंह क्लब समिति ने इस बोर्ड के पीछे अपना तर्क भी स्पष्ट किया है। समिति अध्यक्ष शैलेन्द्र राठौर ने कहा कि इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को मर्यादित वस्त्र पहनने के लिए प्रेरित करना है। बोर्ड में साफ-साफ लिखा है कि महिलाएं, बालिकाएं और पुरुष सभी मर्यादित वस्त्र पहनकर ही पंडाल परिसर में प्रवेश करें। हाफ पैंट, बरमुंडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट और कटी-फटी जींस जैसे कपड़े पहनकर आने वालों को केवल बाहर से ही दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी।

लोगों की अलग-अलग राय
इस निर्णय पर लोगों की राय भी बंटी हुई है। कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाली अच्छी पहल बता रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर रोक लगाने जैसा मान रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि मंदिर और धार्मिक स्थलों पर पारंपरिक व मर्यादित वस्त्र पहनना हमारी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। वहीं, विरोध करने वालों का तर्क है कि किसी के पहनावे पर रोक लगाना सही नहीं है, क्योंकि भक्ति का संबंध आस्था से होना चाहिए, न कि कपड़ों से। इस तरह यह बोर्ड अब शहर की चर्चाओं और सोशल मीडिया पर बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है।

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अन्य समितियों से अपील
गणेश पंडाल समिति ने न केवल इस बार नियम लागू किए हैं, बल्कि अन्य समितियों से भी ऐसी ही पहल करने का आग्रह किया है। अध्यक्ष शैलेन्द्र राठौर ने कहा कि मंदिरों और धार्मिक आयोजनों में स्वच्छता और मर्यादा बनाए रखना आवश्यक है। अगर लोग छोटे और फैशनेबल कपड़े पहनकर आते हैं, तो यह धार्मिक स्थल की गरिमा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में अधिक समितियां भी इसी तरह के बोर्ड लगाएंगी, ताकि समाज में मर्यादित आचरण और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो सके।    

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गणेश पंडाल में लगा अनोखा बोर्ड, बना चर्चा में

 

गणेश पंडाल में लगा अनोखा बोर्ड, बना चर्चा में

 

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