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Sehore News: खाद पर मचे हाहाकार से सबक, ऑनलाइन वितरण से काली कमाई करने वालों पर लगेगी लगाम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर
Published by: सीहोर ब्यूरो
Updated Wed, 10 Sep 2025 04:12 PM IST
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सार
सीहोर कलेक्टर बाला गुरु ने 27 सितंबर से ऑनलाइन खाद वितरण शुरू करने की घोषणा की। आधार लिंक सिस्टम से फर्जीवाड़ा रोका जाएगा और किसानों को पारदर्शी तरीके से खाद मिलेगी।

मुख्यमंत्री की चेतावनी का असर सीहोर में दिखा।
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विस्तार
प्रदेशभर में खाद की मारामारी और कालाबाजारी की खबरों ने सरकार को हिलाकर रख दिया था। सीएम डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में भोपाल में हुई समीक्षा बैठक में सभी कलेक्टरों को कड़ा संदेश दिया था कि अगर वे खाद वितरण की व्यवस्था संभाल नहीं सकते, तो यह मान लिया जाएगा कि उन्हें जिला चलाना नहीं आता। मुख्यमंत्री की इस सख्त चेतावनी का असर अब सीहोर में साफ दिखने लगा है।

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कलेक्टर बाला गुरु ने जिले में पारदर्शिता लाने और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए 27 सितंबर से किसानों को ऑनलाइन खाद वितरण की व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है। अब हर किसान को उसकी जमीन के अनुपात में खाद उपलब्ध होगी और आधार कार्ड से लिंक रहने पर फर्जीवाड़ा करने वालों की पोल तुरंत खुल जाएगी। प्रशासन का दावा है कि इससे खाद माफियाओं की जड़ें हिल जाएंगी।
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कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं
कलेक्टर ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि खाद की कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने गोदामों और दुकानों का नियमित निरीक्षण करने और जिले की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए। कलेक्टर का कहना है कि किसानों को खाद लेने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पारदर्शी ऑनलाइन सिस्टम से उन्हें उनके हक का खाद मिलेगा और कालाबाजारी करने वाले मटियामेट होंगे।
किसानों की उम्मीदें
पिछले दिनों किसानों को खाद वितरण केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ा। कई जगहों पर हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को लाठियां तक चलानी पड़ीं। भिंड जिले के लहार में किसानों पर बरसी पुलिस की लाठियों ने सरकार की नींद उड़ा दी थी। वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेशभर में सरकार की किरकिरी हुई। अब किसानों को उम्मीद है कि ऑनलाइन व्यवस्था से मारामारी और धक्कामुक्की का दौर खत्म होगा।
पिछले साल से ज्यादा खाद आई
ज्ञात रहे, बीते दिनों खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम मोहन यादव ने साफ कहा था कि इस बार प्रदेश में पिछले साल से ज्यादा खाद आई है, बावजूद इसके किसानों को समस्या हो रही है। सवाल यह है कि आखिर खाद कहां गायब हो रही है? कालाबाजारी की यह जमीनी हकीकत सरकार की छवि पर सीधा प्रहार कर रही है। किसानों का कहना है कि जब तक प्रशासन पूरी नीयत से कालाबाजारी पर नकेल नहीं कसता, तब तक ऑनलाइन सिस्टम भी सिर्फ कागजी साबित होगा।
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खाद वितरण की व्यवस्था लागू होगी
डीडीए एके उपाध्याय ने बताया कि 27 सितंबर से ऑनलाइन खाद वितरण की व्यवस्था लागू होगी। इस व्यवस्था में न सिर्फ आधार लिंक होगा, बल्कि किसानों द्वारा ली गई खाद और उनकी जमीन का ब्योरा भी ऑनलाइन दिखेगा।
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