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सिवनी में हादसा: मानेगांव कला में पांच वर्षीय मासूम की पानी भरे गड्ढे में डूबने से मौत, गांव में पसरा मातम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिवनी Published by: सिवनी ब्यूरो Updated Fri, 11 Jul 2025 08:05 AM IST
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सार

MP: मृतक निहाल दोपहर करीब दो बजे घर से खेलने निकला था। खेलते-खेलते वह खेत के पास बने एक पुराने, कुएं जैसे गड्ढे तक पहुंच गया, जो बारिश के चलते पानी से पूरी तरह भरा था। वहां कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं था।

Seoni heartbreaking accident: 5-year-old boy drowns in water pit at Manegaon Kala in Barghat area
रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया शव - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सिवनी के बरघाट थाना क्षेत्र के ग्राम मानेगांव कला में गुरुवार दोपहर एक मासूम की पानी भरे गड्ढे में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया है। मृतक बच्चा सिर्फ पांच साल का था और माता-पिता का इकलौता बेटा था।

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जानकारी के अनुसार, निहाल (5) पुत्र ज्वाला सिंह ठाकुर गुरुवार को दोपहर करीब दो बजे घर से खेलने निकला था। खेलते-खेलते वह खेत के पास बने एक पुराने, कुएं जैसे गड्ढे तक पहुंच गया, जो बारिश के चलते पानी से पूरी तरह भरा था। वहां कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं था।
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शाम पांच बजे तक निहाल के घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। रिश्तेदारों और आसपास के खेतों में तलाश के दौरान एक ग्रामीण को पानी भरे गड्ढे के पास उसकी चप्पल पड़ी मिली। शक होने पर लोगों ने गड्ढे में झांका तो मासूम का शव पानी में तैरता दिखा। सूचना मिलने पर बरघाट पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के शव को बाहर निकालकर पंचनामा कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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गांव में पसरा मातम, परिजन बेसुध
नन्हें निहाल की मौत की खबर फैलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मासूम की मां बेसुध हो गईं, वहीं पिता ज्वाला ठाकुर को ग्रामीणों ने मुश्किल से संभाला। गांव के बुजुर्गों और पड़ोसियों ने परिजनों को ढांढस बंधाया, लेकिन किसी की आंखें नम होने से नहीं बचीं।

प्रशासन पर उठे सवाल
ग्रामीणों ने प्रशासन और पंचायत पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि खेतों और बस्तियों के पास बने पुराने गड्ढे, तालाब और कुएं बारिश के मौसम में जानलेवा साबित हो रहे हैं, लेकिन इनके आसपास कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जाते और न ही चेतावनी बोर्ड लगाए जाते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सभी खतरनाक स्थलों को चिन्हित कर वहां उचित घेराबंदी और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने जताई चिंता
स्थानीय सामाजिक संगठनों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता और सख्त सरकारी निगरानी बेहद जरूरी है। यह हादसा एक बार फिर सोचने को मजबूर करता है कि क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित बचपन दे पा रहे हैं? यदि समय रहते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते तो शायद एक मासूम की जान बचाई जा सकती थी।

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