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Shahdol News: सास और सौतेली बेटी की हत्या करने वाली उर्मिला को दोहरा आजीवन कारावास, सोते समय फावड़े से मारा था
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल
Published by: शहडोल ब्यूरो
Updated Thu, 11 Sep 2025 04:21 PM IST
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सार
शहडोल जिले के ग्राम दरेन में सास सावित्री और सौतेली बेटी लक्ष्मी की हत्या मामले में अभियुक्त उर्मिला को जयसिंहनगर न्यायालय ने दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उर्मिला ने 2019 में फावड़े से दोनों की हत्या कर शव छिपाए थे। 26 गवाहों और 15 दस्तावेजों से अपराध सिद्ध हुआ।

अदालत ने दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई (सांकेतिक)
- फोटो : ANI
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विस्तार
शहडोल जिले के सीधी थाना क्षेत्र के ग्राम दरेन के दोहरी हत्या के मामले में जयसिंहनगर न्यायालय द्वारा दोषी महिला को को दोहरे आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। उस पर सास और सौतेली बेटी की हत्या करने का आरोपा था।

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जिला अभियोजन अधिकारी हरिओम कुसमाकर बैस द्वारा निर्णय की जानकारी देते हुए बताया गया कि मामला जिला स्तरीय समिति द्वारा चिन्हित किया जाकर जघन्य और सनसनीखेज प्रकरणों की सूची में शामिल किया गया था, प्रकरण में अभिययोजन द्वारा 26 गवाह और 15 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
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पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार सावित्री व उसकी नातिन लक्ष्मी अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में कामता, उसकी पत्नी उर्मिला और नकुल एक साथ रहते थे। अभियुक्त कामता उर्फ शंभू के प्रथम पत्नी की मृत्यु होने पर उर्मिला को दूसरी पत्नी बनाकर रखा था। उसके प्रथम पत्नी से लक्ष्मी हुई थी। उर्मिला उसकी सास सावित्री से सदैव विवाद करती रहती थी एवं लक्ष्मी से नफरत करती थी। घटना 17 जून 2019 की रात में सावित्री व लक्ष्मी दोनों साथ में सोए थे, तभी अभियुक्त कामता उर्फ शंभू खेत में आम रखवाली करने चला गया। घर में नकुल कुशवाहा तथा उर्मिला थी। रात्रि में उर्मिला ने फावड़ा से सोई हुई सावित्री उर्फ समुद्री बाई के सिर व गर्दन में 4-5 बार प्रहार किए जिससे उसकी मृत्यु हो गई। उर्मिला के प्रहार करते समय सावित्री के साथ सोई उसकी नातिन लक्ष्मी के जागकर चिल्लाने पर उर्मिला ने उस पर भी हमला कर दिया। उसके नाक में फावड़ा से प्रहार किया, जिससे उसकी भी मृत्यु हो गई।
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हत्या के बाद छुपाई थी लाशें
हत्या के बाद उर्मिला ने सावित्री के शव को घसीटते हुए बाड़ी के गोबरीला में ले जाकर घास-फूंस से ढंककर छिपा दिया और लक्ष्मी के शव को कथरी में लपेटकर लोहे के बक्से में छिपा दिया। कामता उर्फ शंभू ने अगले दिन 18 जून 2019 सुबह घर आकर उर्मिला से उसकी मां सावित्री व पुत्री लक्ष्मी के बारे में पूछा। उर्मिला ने उसे बताया कि रात में यहां सोए थे पता नहीं कहां चले गए हैं। तत्पश्चात कामता उर्फ शंभू उसकी बहन मीना के यहां ग्राम दरमोहनी जिला बिलासपुर (छग) चला गया।
दुर्गन्ध आने पर चला पता
पड़ोसियों द्वारा सावित्री व लक्ष्मी के बारे में पूछने पर उर्मिला ने बताया कि घर में बिना बताए कहीं चले गए हैं। घटना के बाद उर्मिला ने लक्ष्मी के शव को घर से निकालकर कमलभान सिंह के कुएं में ले जाकर फेंक दिया एवं उसके ऊपर बेशरम की झाड़ियां डाल दीं। 21 जून 2019 के सुबह लगभग 7ः30 बजे साक्षी पूनम कुशवाहा अपने घर में गोबर इकट्ठा कर बाड़ी में फेंकने गई तो उसे तेज दुर्गंध आई। उसने आसपास देखा तो अभियुक्तगण की बाड़ी के गोबर के ढेर में एक लाश पड़ी हुई दिखाई दी। तब वह उर्मिला के घर पहुंची और उसे बताया कि उसके बाड़ी में बांस के पास किसी का शव पड़ा है। दोनों ने जाकर देखा, फिर उर्मिला ने गांव के अन्य लोगों को जानकारी दी। कामता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।
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उर्मिला ने ही दी पुलिस को सूचना
उर्मिला की सूचना पर मर्ग लेखबद्ध कर जांच प्रारंभ की गई। घटनास्थल पर जाकर पूछताछ करने पर पता चला कि शव सावित्री का है, तब लक्ष्मी की तलाश प्रारंभ की गई, तलाश करते समय उसका शव कमलभान सिंह के क्षतिग्रस्त कुएं में पड़ा हुआ मिला। सावित्री व लक्ष्मी के शव सड़ चुके थे कीड़े लग गए थे।
साक्षियों से पूछताछ करने उपरांत यह तथ्य प्रकाश में आया कि उर्मिला तथा कामता उर्फ शंभू द्वारा घटना कारित की गई। उन्हें अभिरक्षा में लिया गया। साक्षियों के कथन उपरांत मर्ग जांच के बाद अभियुक्तगण के विरुद्ध धारा 302, 201 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। सम्पूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायलय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, दस्तावेज, तर्क से उर्मिला के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाया। उसे दोषी करार देकर दंडित किया।