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जुड़वा बच्चों के एक हत्यारोपी ने जेल में फांसी लगाई
chitrakoot
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Wed, 08 May 2019 12:05 AM IST
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र बंदी रामघाट निवासी रामकेश यादव पुत्र रामशरण
- फोटो : amarujala
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चित्रकूट। जिले के रामघाट निवासी तेल कारोबारी के जुड़वा बच्चों की अपहरण के बाद हत्या करने के मामले में एक आरोपी ने सेंट्रल जेल सतना में फांसी लगाकर जान दे दी। इस मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। सभी आरोपी सतना जेल में बंद हैं। उच्च सुरक्षा वाली जेल में फांसी की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मौके पर फोरेंसिक टीम के अलावा जेलर, एसपी व जांच टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद मौत का कारण स्पष्ट होने की बात कही है।
गौरतलब है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के रामघाट निवासी तेल कारोबारी बृजेश रावत के छह वर्षीय जुड़वा बच्चे प्रियांश व श्रेयांश का जानकी कुंड के सद्गुरु स्कूल परिसर में 12 फरवरी को स्कूली बस से बाइक सवारों ने अपहरण कर एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। 20 लाख की फिरौती मिलने के बाद भी पहचान के डर से आरोपियों ने दोनों बच्चों की गला घोंटकर हत्या कर नदी में फेंक दिया था। इस मामले में सतना जेल में मास्टर माइंड पदम शुक्ला, लकी तोमर, रामकेश यादव, राजू द्विवेदी, रोहित द्विवेदी व पिंटा उर्फ पिंटू यादव को पुलिस ने पकड़कर जेल भेजा है।
सतना जेलर नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मंगलवार की दोपहर बंदी रामघाट निवासी रामकेश यादव पुत्र रामशरण ने सेंट्रल जेल सतना के अंदर बने मंदिर के पीछे नल की टोंटी के पास गमछा (तौलिया) से अपने गले में फांसी लगा ली। वह मूल निवासी नरैनी जिला बांदा का रहने वाला था। लगभग 15 मिनट बाद अन्य बंदियों ने उसे फंदे पर देखा तो जेलर को सूचना दी। तत्काल उसे फंदे से उतारकर जेल के अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। सतना मध्य प्रदेश के एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि जब उसे अस्पताल लाया गया तो डाक्टरों ने उसके मौत की पुष्टि की। इसके बाद मृतक रामकेश के परिजनों को सूचना भेजी गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच टीम गठित हो चुकी है।
देर शाम तक मृतक के परिजनों के सतना न पहुंचने पर पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। इसके लिए तीन डाक्टरों की टीम का पैनल बनाया गया है। एक जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी ने फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक का निरीक्षण कर पूछताछ की। इस मामले में छह आरोपियों में रामके श की आत्महत्या के बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी सिक्योरिटी के बाद भी बंदी ने आसानी से जेल में खुदकुशी कैसे कर ली। इसमें अन्य पांच बंदी पदम शुक्ला, लकी तोमर, राजू द्विवेदी, रोहित द्विवेदी व पिंटू यादव पर शक गया है कि कहीं इन्होंने अपने बचाव में तो उसे नहंी मार डाला है। इस मामले में एसपी सतना का कहना कि यह जांच का विषय है लेकिन प्रथम दृष्टया यह आत्मग्लानि से आत्महत्या का मामला लगता है।
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गौरतलब है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के रामघाट निवासी तेल कारोबारी बृजेश रावत के छह वर्षीय जुड़वा बच्चे प्रियांश व श्रेयांश का जानकी कुंड के सद्गुरु स्कूल परिसर में 12 फरवरी को स्कूली बस से बाइक सवारों ने अपहरण कर एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। 20 लाख की फिरौती मिलने के बाद भी पहचान के डर से आरोपियों ने दोनों बच्चों की गला घोंटकर हत्या कर नदी में फेंक दिया था। इस मामले में सतना जेल में मास्टर माइंड पदम शुक्ला, लकी तोमर, रामकेश यादव, राजू द्विवेदी, रोहित द्विवेदी व पिंटा उर्फ पिंटू यादव को पुलिस ने पकड़कर जेल भेजा है।
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सतना जेलर नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मंगलवार की दोपहर बंदी रामघाट निवासी रामकेश यादव पुत्र रामशरण ने सेंट्रल जेल सतना के अंदर बने मंदिर के पीछे नल की टोंटी के पास गमछा (तौलिया) से अपने गले में फांसी लगा ली। वह मूल निवासी नरैनी जिला बांदा का रहने वाला था। लगभग 15 मिनट बाद अन्य बंदियों ने उसे फंदे पर देखा तो जेलर को सूचना दी। तत्काल उसे फंदे से उतारकर जेल के अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। सतना मध्य प्रदेश के एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि जब उसे अस्पताल लाया गया तो डाक्टरों ने उसके मौत की पुष्टि की। इसके बाद मृतक रामकेश के परिजनों को सूचना भेजी गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच टीम गठित हो चुकी है।
देर शाम तक मृतक के परिजनों के सतना न पहुंचने पर पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। इसके लिए तीन डाक्टरों की टीम का पैनल बनाया गया है। एक जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी ने फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक का निरीक्षण कर पूछताछ की। इस मामले में छह आरोपियों में रामके श की आत्महत्या के बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी सिक्योरिटी के बाद भी बंदी ने आसानी से जेल में खुदकुशी कैसे कर ली। इसमें अन्य पांच बंदी पदम शुक्ला, लकी तोमर, राजू द्विवेदी, रोहित द्विवेदी व पिंटू यादव पर शक गया है कि कहीं इन्होंने अपने बचाव में तो उसे नहंी मार डाला है। इस मामले में एसपी सतना का कहना कि यह जांच का विषय है लेकिन प्रथम दृष्टया यह आत्मग्लानि से आत्महत्या का मामला लगता है।