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धर्मेंद्र की बेवफाई ने बना दिया मीना कुमारी को शराबी

Updated Mon, 01 Aug 2016 10:07 AM IST
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meena kumari dumped by dharmendra
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चांद तन्हा है आसमां तन्हा, दिल मिला है कहां-कहां तन्हा, राह देखा करेगा सदियों तक, छोड़ जाएंगे ये जहां तन्हा' ये शब्द खुद मीना कुमारी की लिखी एक नज्म के हैं। कहते हैं मीना कुमारी पहली तारिका थीं, जिन्होंने बॉलीवुड में पराए मर्दों के बीच बैठकर शराब के प्याले पर प्याले गटके।

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यही नहीं, वे छोटी-छोटी बोतलों में देसी-विदेशी शराब भरकर पर्स में रखने लगी थीं। जब मौका मिलता एक शीशी गटक लेतीं। मीना की शराब छुड़ाने के लिए अशोक कुमार ने उनको होमियोपैथी की छोटी गोलियां खाने को दीं, लेकिन मीना ने कहा, ‘दवा खाकर भी जिऊंगी नहीं, यह जानती हूं मैं। इसलिए कुछ तंबाकू खा लेने दो। शराब के कुछ घूंट गले के नीचे उतर जाने दो’, यह सुनकर दादामुनि बहुत दुखी हुए थे।
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वैसे तो मीना कुमारी के चाहने वाले कम नहीं थे। बैजू बावरा में उनके नायक भारत भूषण ने भी उनसे प्रेम का इजहार किया था। पाकीजा में उनके प्रेमी बने राजकुमार को उनसे ऐसा इश्क हो गया था कि वे मीना के सामने अपने संवाद भूल जाते थे। लेकिन, मीना तो प्यार करतीं थीं कमाल अमरोही से, तभी तो उन्होंने शादीशुदा अमरोही की दूसरी बीवी बनना भी कबूल कर लिया था।

हर मुलाकात में फूलों की सौगात देने वाले कमाल अमरोही भी विवाह के पश्चात मीना को एक खुशहाल जीवन ना दे सके। विवाह से जुड़े मीना के सुनहरे सपने टूटने लगे। उसी दौरान उनकी जिंदगी में एक पंजाबी गबरू की एंट्री हुई। आज के ही-मैन कहलाने वाले वे गबरू थे धर्मेंद्र। फिल्म फूल और पत्थर (1966) में दोनों ने साथ में पहली बार काम किया।

फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए प्रयास कर रहे धर्मेंद्र को मीना जैसी स्थापित अभिनेत्री का सहारा मिला। मीना की सिफारिश पर धर्मेंद्र को कई फिल्मों में काम मिला। फिल्मों में साथ अभिनय करते-करते दोनों नजदीक आ गए। लेकिन विडंबना यह थी कि उस समय दोनों ही शादीशुदा थे। उनके रोमांस की खबरें सब और फैल चुकी थीं।

कमाल ने करवा दिया धर्मेन्द्र का मुंह काला

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फिल्म काजल के प्रीमियर की पार्टी ओडियन सिनेमा के साहनी बंधुओं ने अपनी दिल्ली स्थित कोठी पर दी थी। इस पार्टी में मेहमानों की भीड़ थी, सब खाने-पीने में मशगूल थे। पार्टी में धर्मेंद्र भी थे जो वहां बहुत देर तक रुके।

खाने-पीने का दौर भी चल ही रहा था। थोड़ा पीने के बाद मीना कुमारी वापस होटल चली गईं। फिल्म काजल की पूरी यूनिट होटल इम्पीरियल में ठहरी थी। होटल जाते समय मीना कुमारी को यह चिंता सताने लगी कि धर्मेंद्र कहीं ज्यादा ना पी लें।

उन्हें लगा कि उन्हें वहीं धर्मेंद्र के साथ ही रुकना चाहिए था। वह वापस उस पार्टी में आ गईं। अभी तक तो उनके बीच रोमांस की केवल अटकले ही लगाई जा रही थीं, लेकिन अब इन अटकलों को आधार मिल गया था।

सुना जाता है कि एक बार मीना जब दिल्ली में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन से एक कार्यक्रम में मिलीं तो राष्ट्रपति ने पहला सवाल पूछ लिया कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड धर्मेंद्र कैसा है? इसी तरह फिल्मकार मेहबूब खान ने महाराष्ट्र के गर्वनर से कमाल अमरोही का परिचय यह कहकर दिया कि ये प्रसिद्ध स्टार मीना कुमारी के पति हैं।

अमरोही यह सुन आग बबूला हो गए थे। धर्मेंद्र और मीना के चर्चे भी उन तक पहुंच गए थे। उन्होंने पहला बदला धर्मेंद्र से यह लिया कि उन्हें पाकीजा से आउट कर दिया। उनके स्थान पर राजकुमार की एंट्री हो गई। कहा तो यहां तक जाता है कि अपनी फिल्म रजिया सुल्तान में उन्होंने धर्मेंद्र को रजिया के हब्शी गुलाम प्रेमी का रोल देकर मुंह काला कर दिया था।

सच्चे प्रेमी नहीं निकले धर्मेन्द्र

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धर्मेंद्र के साथ मीना कुमारी का संबंध लगभग तीन साल तक चला। धर्मेंद्र सिने इंडस्ट्री में अपने पांव पूरी तरह जमा चुके थे। अब उन्हें मीना के सहारे की उन्हें जरूरत नहीं थी। दोनों ने आखिरी बार फिल्म 1968 में आई चंदन का पालना में काम किया।

अब ही-मैन धर्मेद्र पर मर मिटने वाली हीरोइनों की कमी नहीं थी। वक्त ने धर्मेंद्र के मन में मीना का आकर्षण समाप्त कर दिया था। कुंठा ने मीना को नशे का आदी बना दिया। 1956 में मुहूर्त से शुरू हुई फिल्म पाकीज़ा 4 फरवरी 1972 को रिलीज हुई और 31 अगस्त 1972 को मीना चल बसीं।

उन्हें ब्लड कैंसर हुआ था। पाकीज़ा हिट रही, कमाल अमरोही अमर हो गए, लेकिन मीना कुमारी ग़ुरबत में मरीं। लाखों कमाने वाली मीना के पास अपने आखिरी दिनों में एक फ्लैट और एक गाड़ी के सिवाय कुछ भी न था।

यहां तक हक अस्पताल का बिल उनके प्रशंसक एक डॉक्टर ने चुकाया था। इस तरह तमाम बंधनों को पीछे छोड़ मीना कुमारी तन्‍हा चली गईं बादलों के पार अपने सच्चे प्रेमी की तलाश में।
 
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