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Vastu Tips: क्या आप भी दरवाजे पर पायदान रखने में करते हैं ये गलती? सुख-समृद्धि के लिए इन नियमों को रखें याद
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Fri, 31 Jan 2025 06:13 PM IST
सार
घर के मुख्य द्वार पर रखा जाने वाला पायदान सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तु शास्त्र में इसे नकारात्मक ऊर्जा को रोकने और शुभता बनाए रखने का एक प्रभावी माध्यम माना जाता है।
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मुख्य द्वार पर पायदान रखने का महत्व
- फोटो : Amar Ujala
How to keep durmat outside the house: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी हर वस्तु का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है। सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए हमें घर की साज-सज्जा और वस्तुओं के स्थान को वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप रखना चाहिए। इसी क्रम में घर के मुख्य द्वार पर रखा जाने वाला पायदान भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई लोग इसे केवल सफाई का साधन समझते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में इसे नकारात्मक ऊर्जा को रोकने और शुभता बनाए रखने का एक प्रभावी माध्यम माना जाता है।
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किस दिशा में रखना चाहिए कौन सा पायदान?
- फोटो : adobe stock
किस दिशा में रखना चाहिए कौन सा पायदान?
घर के मुख्य द्वार की दिशा के अनुसार पायदान के रंग का चयन किया जाना चाहिए।
पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा का संबंध शनि ग्रह से होता है। घर का मुख्य द्वार अगर पश्चिम की ओर है, तो आपको काला, नीला या ग्रे रंगे के पायदान का इस्तेमान करना चाहिए। ये रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
उत्तर दिशा: यह दिशा कुबेर की मानी जाती है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं। घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में हो, तो हरे या हल्के नीले रंग का पायदान शुभ रहेगा। यह धन वृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक माना जाता है।
घर के मुख्य द्वार की दिशा के अनुसार पायदान के रंग का चयन किया जाना चाहिए।
पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा का संबंध शनि ग्रह से होता है। घर का मुख्य द्वार अगर पश्चिम की ओर है, तो आपको काला, नीला या ग्रे रंगे के पायदान का इस्तेमान करना चाहिए। ये रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
उत्तर दिशा: यह दिशा कुबेर की मानी जाती है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं। घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में हो, तो हरे या हल्के नीले रंग का पायदान शुभ रहेगा। यह धन वृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक माना जाता है।
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किस दिशा में रखना चाहिए कौन सा पायदान?
- फोटो : adobe stock
पूर्व दिशा: यह दिशा सूर्य से जुड़ी हुई है, जो जीवन ऊर्जा का स्रोत है। इस दिशा में द्वार पर लाल, नारंगी या सुनहरे रंग का पायदान रखना उत्तम माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
दक्षिण दिशा: यह दिशा मंगल और राहु ग्रह से प्रभावित होती है। इस दिशा के मुख्य द्वार पर गहरे लाल, मरून या भूरे रंग का पायदान रखना शुभ माना जाता है। इससे घर में स्थिरता और शक्ति बनी रहती है।
दक्षिण दिशा: यह दिशा मंगल और राहु ग्रह से प्रभावित होती है। इस दिशा के मुख्य द्वार पर गहरे लाल, मरून या भूरे रंग का पायदान रखना शुभ माना जाता है। इससे घर में स्थिरता और शक्ति बनी रहती है।
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पायदान का सही आकार और सामग्री
- फोटो : adobe stock
पायदान का सही आकार और सामग्री
रंग के अलावा पायदान का आकार भी उसके प्रभाव को निर्धारित करता है। अलग-अलग आकार के पायदान विभिन्न प्रकार की ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
आयताकार पायदान- यह आर्थिक समृद्धि और धन को आकर्षित करने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है।
गोलाकार पायदान- यह शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
अंडाकार पायदान- यह घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करता है और समृद्धि को बढ़ाता है।
रंग के अलावा पायदान का आकार भी उसके प्रभाव को निर्धारित करता है। अलग-अलग आकार के पायदान विभिन्न प्रकार की ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
आयताकार पायदान- यह आर्थिक समृद्धि और धन को आकर्षित करने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है।
गोलाकार पायदान- यह शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
अंडाकार पायदान- यह घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करता है और समृद्धि को बढ़ाता है।
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पायदान की सामग्री
- फोटो : adobe stock
पायदान की सामग्री
पायदान की सामग्री भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। हमेशा कपड़े से बना पायदान ही रखना चाहिए, क्योंकि यह प्राकृतिक होता है और घर में ऊर्जा संतुलन बनाए रखता है। एक्रेलिक या प्लास्टिक से बने पायदानों से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को रोकने में सक्षम नहीं होते। बुनाई वाले डोरमेट (जूट या सूती) को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि यह अधिक लाभकारी माना जाता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
पायदान की सामग्री भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। हमेशा कपड़े से बना पायदान ही रखना चाहिए, क्योंकि यह प्राकृतिक होता है और घर में ऊर्जा संतुलन बनाए रखता है। एक्रेलिक या प्लास्टिक से बने पायदानों से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को रोकने में सक्षम नहीं होते। बुनाई वाले डोरमेट (जूट या सूती) को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि यह अधिक लाभकारी माना जाता है।
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