एक नए अध्ययन के अनुसार, 2032 तक भारत की सड़कों पर लगभग 123 मिलियन यानी 12.3 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ते नजर आएंगे। इस आंकड़े तक पहुंचने में नेशनल ईवी टारगेट्स (NEV) की ओर से मिलने वाले इंसेंटिव्स (प्रोत्साहन) की बड़ी भूमिका होगी। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2019 में जहां देश में सिर्फ 3.5 लाख ईवी थे, वहीं 2024 तक इनकी संख्या 4.4 मिलियन (44 लाख) तक पहुंच गई। यानी ईवी में लगभग 12 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
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EV: 2032 में ईवी की होने वाली है भरमार, सड़कों पर दौड़ेंगे 12.3 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन, अध्ययन में दावा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Wed, 07 May 2025 02:59 PM IST
सार
एक नए अध्ययन के अनुसार, 2032 तक भारत की सड़कों पर लगभग 123 मिलियन यानी 12.3 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ते नजर आएंगे। इस आंकड़े तक पहुंचने में नेशनल ईवी टारगेट्स (NEV) की ओर से मिलने वाले इंसेंटिव्स (प्रोत्साहन) की बड़ी भूमिका होगी।
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ईवी ग्रोथ के पीछे सरकारी नीतियों का हाथ
यह रिपोर्ट IESA (इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस) और CES (कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस) द्वारा मिलकर तैयार की गई है। स्टडी में बताया गया कि भारत में ईवी की तेजी से बढ़ती संख्या के पीछे सरकार की मददगार नीतियां हैं। FAME-II (फेम-2) स्कीम जैसे प्रोग्राम, जो इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए इंसेंटिव देते हैं, और चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सब्सिडी, इस ग्रोथ को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
यह भी पढ़ें - Cashless Treatment: सड़क हादसे में घायल लोगों को अब पूरे देश में मिलेगा मुफ्त इलाज, सरकार ने जारी की अधिसूचना
यह रिपोर्ट IESA (इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस) और CES (कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस) द्वारा मिलकर तैयार की गई है। स्टडी में बताया गया कि भारत में ईवी की तेजी से बढ़ती संख्या के पीछे सरकार की मददगार नीतियां हैं। FAME-II (फेम-2) स्कीम जैसे प्रोग्राम, जो इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए इंसेंटिव देते हैं, और चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सब्सिडी, इस ग्रोथ को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
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BMW iX1 LWB Electric Car
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2024 में किस तरह के ईवी का रहा बोलबाला
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत के ईवी स्टॉक का 93 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा दोपहिया और तिपहिया वाहनों का था। वहीं, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन (E4W) सिर्फ 6 प्रतिशत थे और इलेक्ट्रिक बसें और ट्रक तो 1 प्रतिशत से भी कम रहे। हालांकि, E4W यानी पर्सनल इलेक्ट्रिक कारें अब होम और प्राइवेट चार्जिंग सिस्टम के तेजी से बढ़ते उपयोग की वजह बन रही हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत के ईवी स्टॉक का 93 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा दोपहिया और तिपहिया वाहनों का था। वहीं, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन (E4W) सिर्फ 6 प्रतिशत थे और इलेक्ट्रिक बसें और ट्रक तो 1 प्रतिशत से भी कम रहे। हालांकि, E4W यानी पर्सनल इलेक्ट्रिक कारें अब होम और प्राइवेट चार्जिंग सिस्टम के तेजी से बढ़ते उपयोग की वजह बन रही हैं।
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घरों में लगे चार्जर और उनकी संख्या
2024 तक भारत में करीब 2.2 लाख पर्सनल E4Ws सड़कों पर चल रही थीं। इनका ज्यादातर चार्जिंग निर्भरता रिहायशी इलाकों में लगे टाइप-2 AC चार्जर्स पर थी। इसी साल तक देश में 3.2 लाख निजी टाइप-2 AC चार्जर्स लगे हुए थे। जिनमें से 70 प्रतिशत चार्जर 3.3 kW, 28 प्रतिशत चार्जर 7.4 kW और बाकी 11-22 kW वाले हाई-कैपेसिटी यूनिट्स थे।
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पब्लिक चार्जिंग की स्थिति
2024 में भारत में लगभग 76,000 पब्लिक और कैप्टिव चार्जिंग पॉइंट्स मौजूद थे, जिनकी कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 1.3 गीगावाट थी। हालांकि, चार्जिंग पॉइंट्स में से लगभग आधे AC-001 टाइप के थे, लेकिन सबसे ज्यादा पावर CCS2 DC फास्ट चार्जर्स से मिल रही थी। जो ये दर्शाता है कि अब लोग फास्ट चार्जिंग की तरफ ज्यादा झुकाव रख रहे हैं।
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