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Budget 2025: सीआईआई ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की, जानें वजह

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Mon, 30 Dec 2024 03:36 PM IST
सार

उद्योग संगठन सीआईआई (CII) ने 2025-2026 के लिए अपने बजट सुझावों में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने की सिफारिश की है। उद्योग संगठन ने अपने सुझाव में तर्क दिया है कि ईंधन की ऊंची कीमतें मुद्रास्फीति को काफी हद तक बढ़ाती हैं।

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Industry body CII recommends lowering excise duty on petrol and diesel
Petrol Pumps - फोटो : Adobe Stock
उद्योग संगठन सीआईआई (CII) ने 2025-2026 के लिए अपने बजट सुझावों में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने की सिफारिश की है। उद्योग संगठन ने अपने सुझाव में तर्क दिया है कि ईंधन की ऊंची कीमतें मुद्रास्फीति को काफी हद तक बढ़ाती हैं। जबकि इस सुझाव का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों और अर्थव्यवस्था को राहत प्रदान करना है। इससे भारत में मोटर चालकों को भी मदद मिलेगी जो पिछले कुछ वर्षों से आसमान छूती ईंधन कीमतों के दबाव में हैं।
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Petrol Pump - फोटो : AdobeStock
इस समय, पूरे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें उच्च स्तर पर हैं। कई महीनों पहले मामूली कमी के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अब भारत के कई शहरों और राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है। जबकि एक लीटर डीजल की कीमत भी 100 रुपये के करीब है। भारत में पेट्रोल और डीजल की इतनी अधिक कीमत के पीछे एक प्रमुख कारण इन मोटर ईंधनों पर लगाए गए केंद्रीय उत्पाद शुल्क की उच्च दर है। जो कुल टैक्स भार के कारण खुदरा मूल्य को बढ़ा देता है। सीआईआई ने मोटर ईंधन के लिए कर की दर में कमी की सिफारिश की है। पीटीआई ने यह जानकारी दी है।
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Industry body CII recommends lowering excise duty on petrol and diesel
Petrol Pumps - फोटो : Freepik
पेट्रोल की खुदरा कीमत में अकेले केंद्रीय उत्पाद शुल्क का हिस्सा करीब 21 फीसदी है। वहीं, डीजल की खुदरा कीमत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क का हिस्सा 18 फीसदी है। मई 2022 से पेट्रोल और डीजल के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क को वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के अनुरूप समायोजित नहीं किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान वैश्विक कच्चे तेल की कीमत में करीब 40 फीसदी की कमी आई है। हालांकि, भारत में तेल विपणन कंपनियों ने देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों को वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के अनुरूप कम नहीं किया है। जिससे उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
Industry body CII recommends lowering excise duty on petrol and diesel
Petrol Pumps - फोटो : Adobe Stock
पेट्रोल और डीजल की ऊंची खुदरा कीमतें न सिर्फ केंद्रीय उत्पाद शुल्क की उच्च दर के कारण हैं। बल्कि राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए मूल्य वर्धित कर (वैट) के कारण भी हैं। दरअसल, देश भर में इन दो मोटर ईंधनों के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कीमतों के पीछे यही कारण है। ऑटोमोटिव उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों द्वारा कई बार यह सिफारिश की गई है कि पेट्रोल और डीजल में एकरूपता लाने के लिए उन्हें जीएसटी व्यवस्था के तहत लाया जाना चाहिए। हालांकि, सरकार ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
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