{"_id":"68f72a6b6c0fd4b73c0ca59e","slug":"suvs-rule-indian-car-market-as-hatchbacks-lose-buyers-to-premium-features-and-lifestyle-appeal-claims-report-2025-10-21","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"SUV: अब भारतीय सड़कों पर एसयूवी का बोलबाला, हैचबैक कारों से दूर हो रहे खरीदार! रिपोर्ट में खुलासा","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
SUV: अब भारतीय सड़कों पर एसयूवी का बोलबाला, हैचबैक कारों से दूर हो रहे खरीदार! रिपोर्ट में खुलासा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Tue, 21 Oct 2025 12:08 PM IST
सार
भारतीय ऑटो मार्केट अब एक नए दौर में है, जहां सस्ती कारों का जमाना खत्म हो रहा है और किफायती लग्जरी का दौर शुरू हो चुका है। इस कहानी में, एसयूवी सिर्फ एक गाड़ी नहीं बल्कि भारत की नई "स्टाइल स्टेटमेंट" बन चुकी है।
विज्ञापन

Tata Nexon
- फोटो : Tata Motors
भारत का ऑटोमोबाइल बाजार तेजी से बदल रहा है। यह बदलाव सिर्फ कुछ समय के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सोच में आया स्थायी बदलाव है। SOIC रिसर्च की नई रिपोर्ट के मुताबिक, अब SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) (एसयूवी) सिर्फ एक कार सेगमेंट नहीं रहीं, बल्कि भारत में लोगों की नई "मोबिलिटी की पहचान" बन गई हैं। वहीं, शुरुआती खरीदारों की पहली पसंद रही हैचबैक कारों की लगातार पांच साल से पकड़ हो रही है। यानी अब कार खरीदते वक्त लोग सिर्फ सस्ती गाड़ी नहीं, बल्कि स्टाइल और स्टेटस भी देख रहे हैं।
Trending Videos

Maruti Suzuki Celerio
- फोटो : Maruti Suzuki
SUV का बोलबाला
आंकड़े बताते हैं कि एसयूवी का मार्केट शेयर अब 52 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि हैचबैक सिर्फ 26 प्रतिशत पर सिमट गई हैं, जो पिछले 20 वर्षों में सबसे कम है। सिर्फ FY2024 में ही एसयूवी की बिक्री में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि हैचबैक की बिक्री 17 प्रतिशत घट गई। यह बड़ा बदलाव उस बाजार में आया है, जो कभी छोटी कारों पर टिकी रहती थी।
यह भी पढ़ें - Anand Mahindra: आनंद महिंद्रा बोले- अगर भारत ने इस एक चीज पर ध्यान दिया, तो चीन की ऑटो इंडस्ट्री की नींद उड़ जाएगी
अब गाड़ी सिर्फ जरूरत नहीं, पहचान बन चुकी है
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियमाइजेशन यानी "गाड़ियों में लग्जरी की चाह" अब पूरे ऑटो सेक्टर में फैल चुकी है। चाहे कार डिजाइन हो, इंटीरियर, टेक्नोलॉजी फीचर्स या फिर रोड प्रेजेंस। अब कार सिर्फ चलने का जरिया नहीं रही, बल्कि लाइफस्टाइल और पर्सनैलिटी का हिस्सा बन चुकी है।
यह भी पढ़ें - EV: गौतम सिंघानिया बोले- इलेक्ट्रिक वाहनों को 'राजनीतिक रूप से प्रचारित' किया जा रहा है, इन्हें खिलौना समझें
आंकड़े बताते हैं कि एसयूवी का मार्केट शेयर अब 52 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि हैचबैक सिर्फ 26 प्रतिशत पर सिमट गई हैं, जो पिछले 20 वर्षों में सबसे कम है। सिर्फ FY2024 में ही एसयूवी की बिक्री में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि हैचबैक की बिक्री 17 प्रतिशत घट गई। यह बड़ा बदलाव उस बाजार में आया है, जो कभी छोटी कारों पर टिकी रहती थी।
यह भी पढ़ें - Anand Mahindra: आनंद महिंद्रा बोले- अगर भारत ने इस एक चीज पर ध्यान दिया, तो चीन की ऑटो इंडस्ट्री की नींद उड़ जाएगी
अब गाड़ी सिर्फ जरूरत नहीं, पहचान बन चुकी है
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियमाइजेशन यानी "गाड़ियों में लग्जरी की चाह" अब पूरे ऑटो सेक्टर में फैल चुकी है। चाहे कार डिजाइन हो, इंटीरियर, टेक्नोलॉजी फीचर्स या फिर रोड प्रेजेंस। अब कार सिर्फ चलने का जरिया नहीं रही, बल्कि लाइफस्टाइल और पर्सनैलिटी का हिस्सा बन चुकी है।
यह भी पढ़ें - EV: गौतम सिंघानिया बोले- इलेक्ट्रिक वाहनों को 'राजनीतिक रूप से प्रचारित' किया जा रहा है, इन्हें खिलौना समझें
विज्ञापन
विज्ञापन

Mahindra Scorpio-N SUV
- फोटो : Mahindra
ऑटो कंपनियों ने भी बदल दी रणनीति
वाहन निर्माता भी इस नई मांग को समझ चुके हैं और उसी हिसाब से अपनी कार लाइनअप तैयार कर रहे हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा, जिसने Scorpio-N, Thar और XUV जैसी एसयूवी से धमाल मचाया, अब साफ कह चुकी है, "महिंद्रा अब सेडान, हैचबैक या छोटी एसयूवी नहीं बनाएगी," ऐसा कहना है कंपनी के एमडी और सीईओ डॉ. अनीश शाह का।
टाटा मोटर्स भी इसी राह पर है। Nexon, Punch और Harrier जैसी एसयूवी की वजह से टाटा की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। कंपनी के एमडी शैलेश चंद्रा के मुताबिक, "एसयूवी सेगमेंट में हमारी ग्रोथ इंडस्ट्री औसत से कहीं ज्यादा है, और ये ग्रोथ सिर्फ अपग्रेड करने वाले ग्राहकों से नहीं, बल्कि पहली बार कार खरीदने वालों से भी आ रही है।"
यहां तक कि मारुति सुजुकी, जो कभी छोटी कारों की पहचान थी, अब एसयूवी मार्केट को प्राथमिकता दे रही है। कंपनी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा, "भारत अब छोटी कारों से बड़ी कारों की ओर बढ़ रहा है। छोटी कारें शायद भविष्य में कभी लौटें, लेकिन असली ग्रोथ अब एसयूवी के पास ही है।"
यह भी पढ़ें - Luxury Cars: गुजरात में जैन समुदाय ने दिखाई समझदारी, खरीदीं 186 लग्जरी कारें, बचाए 21 करोड़ रुपये, जानें डिटेल
वाहन निर्माता भी इस नई मांग को समझ चुके हैं और उसी हिसाब से अपनी कार लाइनअप तैयार कर रहे हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा, जिसने Scorpio-N, Thar और XUV जैसी एसयूवी से धमाल मचाया, अब साफ कह चुकी है, "महिंद्रा अब सेडान, हैचबैक या छोटी एसयूवी नहीं बनाएगी," ऐसा कहना है कंपनी के एमडी और सीईओ डॉ. अनीश शाह का।
टाटा मोटर्स भी इसी राह पर है। Nexon, Punch और Harrier जैसी एसयूवी की वजह से टाटा की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। कंपनी के एमडी शैलेश चंद्रा के मुताबिक, "एसयूवी सेगमेंट में हमारी ग्रोथ इंडस्ट्री औसत से कहीं ज्यादा है, और ये ग्रोथ सिर्फ अपग्रेड करने वाले ग्राहकों से नहीं, बल्कि पहली बार कार खरीदने वालों से भी आ रही है।"
यहां तक कि मारुति सुजुकी, जो कभी छोटी कारों की पहचान थी, अब एसयूवी मार्केट को प्राथमिकता दे रही है। कंपनी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा, "भारत अब छोटी कारों से बड़ी कारों की ओर बढ़ रहा है। छोटी कारें शायद भविष्य में कभी लौटें, लेकिन असली ग्रोथ अब एसयूवी के पास ही है।"
यह भी पढ़ें - Luxury Cars: गुजरात में जैन समुदाय ने दिखाई समझदारी, खरीदीं 186 लग्जरी कारें, बचाए 21 करोड़ रुपये, जानें डिटेल

Mahindra Thar SUV
- फोटो : Mahindra
खरीदारों की सोच में बड़ा बदलाव
पहले पहली कार खरीदने वाला ग्राहक सिर्फ बजट देखकर फैसला करता था। अब वही ग्राहक ऊंची, फीचर्स से भरपूर और स्टाइलिश एसयूवी चाहता है, चाहे इसके लिए बजट थोड़ा बढ़ाना पड़े या लंबा फाइनेंस टर्म लेना पड़े।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे वजह है बढ़ती आय, आसान लोन की उपलब्धता और लोगों की सोच में यह बदलाव कि "अब गाड़ी सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि रुतबे का मामला है।"
यह भी पढ़ें - Diwali Car Delivery: दिवाली पर लेने जा रहे हैं नई कार? शोरूम से निकलने से पहले जरूर चेक करें ये अहम चीजें
पहले पहली कार खरीदने वाला ग्राहक सिर्फ बजट देखकर फैसला करता था। अब वही ग्राहक ऊंची, फीचर्स से भरपूर और स्टाइलिश एसयूवी चाहता है, चाहे इसके लिए बजट थोड़ा बढ़ाना पड़े या लंबा फाइनेंस टर्म लेना पड़े।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे वजह है बढ़ती आय, आसान लोन की उपलब्धता और लोगों की सोच में यह बदलाव कि "अब गाड़ी सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि रुतबे का मामला है।"
यह भी पढ़ें - Diwali Car Delivery: दिवाली पर लेने जा रहे हैं नई कार? शोरूम से निकलने से पहले जरूर चेक करें ये अहम चीजें
विज्ञापन

Adventure X
- फोटो : Tata Motors
आगे क्या होगा?
रिपोर्ट कहती है कि आने वाले समय में, यानी FY2025 और उसके बाद भी, एसयूवी का दबदबा बरकरार रहेगा। अब ऑटो कंपनियां अपनी प्रोडक्ट लाइन को नए सिरे से तैयार कर रही हैं - कॉम्पैक्ट एसयूवी धीरे-धीरे एंट्री लेवल हैचबैक की जगह ले रही हैं। 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये की कारों में अब टचस्क्रीन, कनेक्टेड टेक्नोलॉजी और पैनोरामिक सनरूफ जैसे फीचर्स आम बात बन चुके हैं।
भारतीय ऑटो मार्केट अब एक नए दौर में है, जहां सस्ती कारों का जमाना खत्म हो रहा है और किफायती लग्जरी का दौर शुरू हो चुका है। इस कहानी में, एसयूवी सिर्फ एक गाड़ी नहीं बल्कि भारत की नई "स्टाइल स्टेटमेंट" बन चुकी है।
यह भी पढ़ें - Nitin Gadkari: नितिन गडकरी का एलान- भारत की लॉजिस्टिक्स लागत दिसंबर तक घटकर एकल अंक में आ जाएगी
यह भी पढ़ें - Traffic Violation: इस राज्य में लगातार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त हुआ विभाग, 34 हजार वाहनों का पंजीकरण रद्द करने की तैयारी
रिपोर्ट कहती है कि आने वाले समय में, यानी FY2025 और उसके बाद भी, एसयूवी का दबदबा बरकरार रहेगा। अब ऑटो कंपनियां अपनी प्रोडक्ट लाइन को नए सिरे से तैयार कर रही हैं - कॉम्पैक्ट एसयूवी धीरे-धीरे एंट्री लेवल हैचबैक की जगह ले रही हैं। 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये की कारों में अब टचस्क्रीन, कनेक्टेड टेक्नोलॉजी और पैनोरामिक सनरूफ जैसे फीचर्स आम बात बन चुके हैं।
भारतीय ऑटो मार्केट अब एक नए दौर में है, जहां सस्ती कारों का जमाना खत्म हो रहा है और किफायती लग्जरी का दौर शुरू हो चुका है। इस कहानी में, एसयूवी सिर्फ एक गाड़ी नहीं बल्कि भारत की नई "स्टाइल स्टेटमेंट" बन चुकी है।
यह भी पढ़ें - Nitin Gadkari: नितिन गडकरी का एलान- भारत की लॉजिस्टिक्स लागत दिसंबर तक घटकर एकल अंक में आ जाएगी
यह भी पढ़ें - Traffic Violation: इस राज्य में लगातार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त हुआ विभाग, 34 हजार वाहनों का पंजीकरण रद्द करने की तैयारी