{"_id":"60d33b268ebc3e29fd7f1b8b","slug":"interesting-facts-about-howrah-bridge-india-only-bridge-that-has-not-yet-been-inaugurated","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"अजब-गजब: कहानी भारत के एक मशहूर पुल की, जिसका आजतक नहीं हो सका उद्घाटन, जानिए और भी कई रोचक बातें","category":{"title":"Bizarre News","title_hn":"हटके खबर","slug":"bizarre-news"}}
अजब-गजब: कहानी भारत के एक मशहूर पुल की, जिसका आजतक नहीं हो सका उद्घाटन, जानिए और भी कई रोचक बातें
फीचर डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नवनीत राठौर
Updated Wed, 23 Jun 2021 09:30 PM IST
दुनियाभर में ऐसे कई पुल हैं, जो अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। कहीं-कहीं ये पुल देश की शान भी कहलाते हैं। ऐसा ही एक पुल भारत में भी ही है, जो सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हैरानी की बात तो ये है कि इस विश्व प्रसिद्ध पुल का आज तक उद्घाटन भी नहीं हुआ है।
यह पुल है कोलकाता का हावड़ा ब्रिज। यह हमेशा से कोलकाता का पहचान रहा है। इस पुल को बने करीब 77 साल हो चुके हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दिसंबर 1942 में जापान का एक बम इस ब्रिज से कुछ दूरी पर ही गिरा था, लेकिन यह ब्रिज तब भी ज्यों का त्यों ही खड़ा रहा, जैसे आज है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्नीसवीं सदी के आखिरी दशकों में ब्रिटिश इंडिया सरकार ने कोलकाता और हावड़ा के बीच बहने वाली हुगली नदी पर एक तैरते हुए पुल के निर्माण की योजना बनाई। ऐसा इसलिए क्योंकि उस दौर में हुगली में रोजाना कई जहाज आते-जाते थे। खंभों वाला पुल बनाने से कहीं जहाजों की आवाजाही में रुकावट न आये, इसलिए 1871 में हावड़ा ब्रिज एक्ट पास किया गया।
Trending Videos
2 of 5
हावड़ा ब्रिज
- फोटो : सोशल मीडिया
साल 1936 में हावड़ा ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ और 1942 में यह पूरा हो गया। उसके बाद 3 फरवरी, 1943 को इसे जनता के लिए खोल दिया गया। उस समय यह पुल दुनिया में अपनी तरह का तीसरा सबसे लंबा ब्रिज था।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 5
हावड़ा ब्रिज
- फोटो : सोशल मीडिया
साल 1965 में कविगुरु रबींद्र नाथ के नाम पर इसका नाम रवींद्र सेतु रखा गया। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ब्रिज को बनाने में 26,500 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 23,500 टन स्टील की सप्लाई टाटा स्टील ने की थी।
4 of 5
हावड़ा ब्रिज
- फोटो : सोशल मीडिया
इस पुल की खासियत ये है कि पूरा ब्रिज महज नदी के दोनों किनारों पर बने 280 फीट ऊंचे दो पायों पर टिका है। इसके दोनों पायों के बीच की दूरी डेढ़ हजार फीट है। इन दो पायों के अलावा नदी में कहीं कोई पाया नहीं है, जो ब्रिज को सपोर्ट कर सके।
विज्ञापन
5 of 5
हावड़ा ब्रिज
- फोटो : सोशल मीडिया
हावड़ा ब्रिज की एक और खासियत यह है कि इसके निर्माण में स्टील की प्लेटों को जोड़ने के लिए नट-बोल्ट की जगह धातु की बनी कीलों का इस्तेमाल किया गया है। साल 2011 में एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि तंबाकू थूकने की वजह से ब्रिज के पायों की मोटाई कम हो रही है। इसके बाद इस पुल को बचाने के लिए स्टील के पायों को नीचे फाइबर ग्लास से ढंक दिया गया। इसमें लगभग 20 लाख रुपये खर्च हुए थे।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all Bizarre News in Hindi related to Weird News - Bizarre, Strange Stories, Odd and funny stories in Hindi etc. Stay updated with us for all breaking news from Bizarre and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।