जैक द रिपर एक बेहद खौफनाक हत्यारा था। वह सिर्फ नशे में धुत्त बार बालाओं को ही अपना शिकार बनाता था। साल 1888 के दौरान वह उनकी हत्या कर अंग निकाल लेता था। आखिर वह कौन था और क्यों बार बालाओं की हत्या करता था। लंदन में साल 1888 में इस सीरियल किलर का काफी खौफ था। सितंबर 1888 में लंदन के एक अखबार में सनसनीखेज पत्र प्रकाशित हुआ जिसे एक खतरनाक हत्यारे ने लिखा था। उसने अपनी पहली हत्या के बारे में खौफनाक तरीके से बताया था। उसने कहा कि वह और भी हत्या करने वाला है। यह साफ नहीं था कि इस पत्र को सीरियल किलर ने ही लिखा है। इस पत्र से हत्यारे को एक पहचान मिल गई और नाम मिल गया जैक द रिपर।
जानिए कौन था सीरियल किलर जैक द रिपर, सिर्फ इन महिलाओं को बनाता था शिकार
जैक द रिपर बार बालाओं की हत्या करने के बाद उनके शरीर के अंदरूनी अंगों का काटकर बाहर निकाल लेता था। उसने कई बार बालाओं के प्राइवेट पार्ट को चाकुओं से गोद डाला था। इस सीरियल किलर ने उनकी हत्या करने के बाद गर्भाशय, किडनी और दिल निकाल लेता था। लंदन का व्हाइट चैपल शहर बार बालाओं का गढ़ माना जाता था। इस शहर में उसका खौफ सबसे अधिक था। रात को महिलाएं अकेले घर से नहीं निकलती थीं। सीरियल किलर कहां से आता था और कहां लापता हो जाता था, यह आज तक नहीं पता चल पाया। दावे तो कई किए जाते हैं।
कई महिलाओं ने बताया कि वह हमेशा चमड़े का ऐप्रन पहनता था। पुलिस को आशंकी थी कि कहीं वह शख्स कोई यहूदी तो नहीं है, क्योंकि उसे गिरफ्तार करने से दंगा न भड़क जाए। लेकिन पुलिस की यह आशंका गलत साबित हुई। इसके बाद फिर खबर प्रकाशित हुई कि खूंखार सीरियल किलर वापस आ गया है। उसने दो और लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद लंदन के व्हाइट चैपल शहर में देश भर से हजारों लोग जमा हुए और रानी विक्टोरिया भी वहा पहुंची। यहां पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई और जासूस लगा दिए। लेकिन इस सीरियल किलर का असली नाम कभी भी नहीं पता चल पाया, क्योंकि वह कभी भी पकड़ा नहीं गया।
हत्याओं के खुलासा का दावा
इस मामले की जांच करने वालों का दावा है कि उन्होंने 'जैक द रिपर' का पता लगा लिया है। 100 साल से ज्यादा बीते जाने के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने डीएनए मैच के आधार पर हत्याओं का खुलासा किया है। सीरियल किलर द्वारा मारी पांच पीड़ितों के पास से मिले शॉल से डीएनए लिया गया। यह डीएनए एक 23 साल के एक नाई से मैच किया है जिसका नाम एरन कॉसमिंस्की की है। वैज्ञानिकों ने दो साल पहले दावा किया था यह डीएनए एरन के डीएनए से पूरी तरह मैच करता है।वैज्ञानिकों का कहना है कि हत्यारे के भूरे बाल और भूरी आंखें थीं। उनका कहना है कि हमारे पास सबूत हैं जो हत्यारे से मैच खाते हैं।