भारत में किसानों की समस्या कई वर्षों से चलती आ रही है। सरकार के अनेक प्रयासों के बावजूद देश में किसानों की समस्या का हल नहीं निकल पाया है। इस दिशा में अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक ऐसी योजना की तैयारी कर रही है, जिसका फायदा सीधे तौर पर भारत के लाखों किसानों को मिलेगा। आइए जानते हैं पीएम मोदी के प्लान के बारे में।
अब किसान ना हों परेशान, मोदी सरकार तैयार कर रही है ये खास योजना
केंद्र सरकार आधार कार्ड की मदद से किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए जो योजना तैयार कर रही है, उससे किसानों और मंडियों के बीच काम करने वाले बिचौलियों की मुनाफाखोरी को रोका जा सकेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि किसान को सीधे तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) का फायदा देने के लिए सरकार बहुत जल्द आधार नंबर की मदद ले सकती है।
यानी किसानों को उनकी बायोमेट्रिक जानकारी की मदद से न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिया जाएगा। इस संदर्भ में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, 'हम ओडिशा के चार जिलों के एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट सफल हो जाने पर इसे देशभर में लागू किया जाएगा।'
दरअसल, लंबे समय से यह शिकायतें आ रही थीं कि व्यापारी और बिचौलिए, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर अनाज खरीदते हैं और इसे ऊंचे दरों पर सरकार को बेचते हैं। इसलिए किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार इस योजना पर काम कर रही है। इस योजना से मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी।
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इसके साथ ही अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि सरकार प्रोक्योरमेंट सेंटर्स को कंप्यूटरीकृत करने के लिए एक लाख रुपये का अनुदान देगी। हर सेंटर पर एक लैपटॉप और एक प्वाइंट ऑफ सेल ( पीओएस ) मशीन उपलब्ध होगी। पीओएस मशीन को आधार वेरिफिकेशन के लिए सेंट्रल डाटा सेंटर से लिंक किया जाएगा।
आमतौर पर सरकार किसानों से चावल व गेहूं की खरीद करती है, जिसके बाद इसे गरीब लोगों को सब्सिडी वाले दर पर बेचा जाता है। करीब 10 करोड़ किसानों से हर साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार करीब 3.5 करोड़ टन गेहूं और 4.5 करोड़ टन चावल खरीदती है।