मोहाली में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान ऊना के शाही घराने से संबंध रखने वाले राणा बलाचौरिया की हत्या ने चंडीगढ़ के क्लब कारोबार से जुड़े रंगदारी नेटवर्क और गैंगवार की परतें फिर उधेड़ दी हैं।
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राणा बलाचाैरिया मर्डर: गैंगस्टर डोनी बल का बड़ा दावा-खिलाड़ी नहीं था राणा... एक फोन काॅल बनी माैत की वजह
संदीप खत्री, संवाद, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 19 Dec 2025 09:46 AM IST
सार
कबड्डी प्रमोटर एवं खिलाड़ी कुंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया की सोमवार शाम सोहाना में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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गैंगस्टर डोनी बल और राणा बलाचाैरिया
- फोटो : संवाद
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पत्नी के साथ राणा
- फोटो : फाइल
हमने किसी खिलाड़ी को परेशान नहीं किया
डोनी ने यह भी दावा किया कि हमने किसी और खिलाड़ी को परेशान नहीं किया। राणा ही सब कुछ कर रहा था इसलिए उसे रोका गया। उसने यह कहा कि राणा को पहले चेतावनी दी गई थी कि वह खिलाड़ियों पर दबाव में न डाले लेकिन उसने बात नहीं मानी। सूत्रों के मुताबिक, डोनी जिस क्लब का जिक्र कर रहा है, वह सेक्टर-26 स्थित एक बड़ा क्लब है जो पहले भी गैंगस्टरों के निशाने पर रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक सेक्टर-26 क्लब एरिया लंबे समय से उगाही, धमकी भरे कॉल और गैंगों की आपसी रंजिश का केंद्र बना हुआ है।
डोनी ने यह भी दावा किया कि हमने किसी और खिलाड़ी को परेशान नहीं किया। राणा ही सब कुछ कर रहा था इसलिए उसे रोका गया। उसने यह कहा कि राणा को पहले चेतावनी दी गई थी कि वह खिलाड़ियों पर दबाव में न डाले लेकिन उसने बात नहीं मानी। सूत्रों के मुताबिक, डोनी जिस क्लब का जिक्र कर रहा है, वह सेक्टर-26 स्थित एक बड़ा क्लब है जो पहले भी गैंगस्टरों के निशाने पर रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक सेक्टर-26 क्लब एरिया लंबे समय से उगाही, धमकी भरे कॉल और गैंगों की आपसी रंजिश का केंद्र बना हुआ है।
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पत्नी के साथ राणा
- फोटो : फाइल
शगनप्रीत के साथ मिलकर वारदात का दावा
डोनी ने इस हत्याकांड में शगनप्रीत की भूमिका होने का भी दावा किया है। उसने कहा कि वारदात के वक्त वह और शगनप्रीत फोन पर संपर्क में थे और जिन नामों का जिक्र किया गया है, वही इस हत्या में शामिल हैं। डोनी ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मूसेवाला को फेम और पैसे के लिए मारा गया, जबकि उसका कोई कसूर नहीं था। उसने दावा किया कि मूसेवाला पंजाब की बोली और संस्कृति को आगे ले जा रहा था।
डोनी ने इस हत्याकांड में शगनप्रीत की भूमिका होने का भी दावा किया है। उसने कहा कि वारदात के वक्त वह और शगनप्रीत फोन पर संपर्क में थे और जिन नामों का जिक्र किया गया है, वही इस हत्या में शामिल हैं। डोनी ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मूसेवाला को फेम और पैसे के लिए मारा गया, जबकि उसका कोई कसूर नहीं था। उसने दावा किया कि मूसेवाला पंजाब की बोली और संस्कृति को आगे ले जा रहा था।
दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया
- फोटो : फाइल
सेक्टर-26 की पैरी हत्या से भी जुड़ा क्लब कनेक्शन
क्लबों से रंगदारी और गैंगवार का यह खेल पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले एक दिसंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में इंद्रप्रीत सिंह उर्फ पैरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में भी क्लब और रंगदारी का कनेक्शन सामने आया था। लॉरेंस गैंग के करीबी हरी बॉक्सर और आरजू बिश्नोई ने सोशल मीडिया पोस्ट डालकर पैरी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। पोस्ट में पैरी को गद्दार बताते हुए लिखा गया था कि वह गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा का फोन करवाकर चंडीगढ़ के क्लबों से पैसा इकट्ठा कर रहा था।
क्लबों से रंगदारी और गैंगवार का यह खेल पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले एक दिसंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में इंद्रप्रीत सिंह उर्फ पैरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में भी क्लब और रंगदारी का कनेक्शन सामने आया था। लॉरेंस गैंग के करीबी हरी बॉक्सर और आरजू बिश्नोई ने सोशल मीडिया पोस्ट डालकर पैरी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। पोस्ट में पैरी को गद्दार बताते हुए लिखा गया था कि वह गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा का फोन करवाकर चंडीगढ़ के क्लबों से पैसा इकट्ठा कर रहा था।
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जांच करते पुलिसकर्मी
- फोटो : संवाद
2024 में क्लब पर बम धमाका, गोल्डी बराड़ ने ली थी जिम्मेदारी
चंडीगढ़ के क्लब कारोबार को दहशत में रखने के लिए गैंगस्टरों ने बम धमाकों तक का सहारा लिया। नवंबर 2024 में एक मशहूर क्लब पर बम धमाका किया गया था जिसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि धमाके का मकसद क्लब संचालकों में डर पैदा करना और रंगदारी वसूली को मजबूती देना था। इसके बाद कई क्लब संचालकों को लगातार धमकी भरे फोन कॉल आए लेकिन इसके बावजूद गैंगस्टरों के नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने में पुलिस नाकाम रही।
हर महीने क्लबों से लाखों की वसूली, विरोध पर जानलेवा हमले
सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ के अधिकतर बड़े क्लबों से हर महीने लाखों की रंगदारी के रूप में वसूली जाती है जो संचालक पैसे देने से इन्कार करते हैं, उन्हें धमकियां, फायरिंग, हमले और बम धमाकों के जरिये डराया जाता है। इसी वसूली को लेकर अलग-अलग गैंगों के बीच टकराव बढ़ता है और यही टकराव गैंगवार और हत्याओं का रूप ले रहा है। राणा बलाचौरिया और इंद्रप्रीत उर्फ पैरी की हत्याएं इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं कि क्लबों की कमाई अब सीधे खून-खराबे से जुड़ चुकी है।
चंडीगढ़ के क्लब कारोबार को दहशत में रखने के लिए गैंगस्टरों ने बम धमाकों तक का सहारा लिया। नवंबर 2024 में एक मशहूर क्लब पर बम धमाका किया गया था जिसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि धमाके का मकसद क्लब संचालकों में डर पैदा करना और रंगदारी वसूली को मजबूती देना था। इसके बाद कई क्लब संचालकों को लगातार धमकी भरे फोन कॉल आए लेकिन इसके बावजूद गैंगस्टरों के नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने में पुलिस नाकाम रही।
हर महीने क्लबों से लाखों की वसूली, विरोध पर जानलेवा हमले
सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ के अधिकतर बड़े क्लबों से हर महीने लाखों की रंगदारी के रूप में वसूली जाती है जो संचालक पैसे देने से इन्कार करते हैं, उन्हें धमकियां, फायरिंग, हमले और बम धमाकों के जरिये डराया जाता है। इसी वसूली को लेकर अलग-अलग गैंगों के बीच टकराव बढ़ता है और यही टकराव गैंगवार और हत्याओं का रूप ले रहा है। राणा बलाचौरिया और इंद्रप्रीत उर्फ पैरी की हत्याएं इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं कि क्लबों की कमाई अब सीधे खून-खराबे से जुड़ चुकी है।