सोहाना में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान राणा बलाचौरिया की हत्या के पीछे की वजह अब भी पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है। हालांकि बंबीहा गैंग की ओर से हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद यह मामला लगातार नए सवाल खड़े कर रहा है।
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क्यों मारा गया राणा बलाचाैरिया: न पुलिस जांच में और न चार्जशीट में नाम... कैसे जुड़ा मूसेवाला मर्डर का एंगल?
संदीप खत्री, संवाद, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 17 Dec 2025 01:48 PM IST
सार
कबड्डी प्रमोटर एवं खिलाड़ी कुंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया की सोमवार शाम सोहाना में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद बंबीहा गैंग ने इसे सिद्धू मूसेवाला के मर्डर का बदला बताया था।
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सिद्धू मूसेवाला और राणा बलाचाैरिया
- फोटो : फाइल
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पत्नी के साथ राणा
- फोटो : फाइल
मूसेवाला हत्याकांड से कैसे जुड़ा केस
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज तक न तो किसी पुलिस जांच में और न ही किसी केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में राणा बलाचौरिया का नाम सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से जुड़ा सामने आया। न ही कभी उससे इस केस में पूछताछ की गई और न ही उसे किसी जांच में संदिग्ध माना गया। तो विरोधी गैंग को यह जानकारी आखिर कहां से मिली?
अगर हकीकत में राणा ने मूसेवाला हत्याकांड के आरोपियों को पनाह दी थी, तो उसकी जानकारी सिर्फ लॉरेंस गैंग या उसके बेहद करीबी लोगों तक ही सीमित हो सकती थी।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज तक न तो किसी पुलिस जांच में और न ही किसी केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में राणा बलाचौरिया का नाम सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से जुड़ा सामने आया। न ही कभी उससे इस केस में पूछताछ की गई और न ही उसे किसी जांच में संदिग्ध माना गया। तो विरोधी गैंग को यह जानकारी आखिर कहां से मिली?
अगर हकीकत में राणा ने मूसेवाला हत्याकांड के आरोपियों को पनाह दी थी, तो उसकी जानकारी सिर्फ लॉरेंस गैंग या उसके बेहद करीबी लोगों तक ही सीमित हो सकती थी।
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जांच करते पुलिसकर्मी
- फोटो : संवाद
लॉरेंस से टूटे ग्रुप ने खोले राज?
सूत्रों के मुताबिक बंबीहा गैंग की पोस्ट में जिस तरह राणा पर सीधे आरोप लगाए गए, उससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि लॉरेंस गैंग से अलग हुए किसी ग्रुप ने ही यह जानकारी विरोधी गैंग तक पहुंचाई हो।
कुछ दिन पहले ही लॉरेंस गैंग के एक करीबी सदस्य की ओर से एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लॉरेंस से अलग हुए एक गैंगस्टर ने धोखा देकर विरोधी गैंग से हाथ मिला लिया है। इस ऑडियो के सामने आने के बाद अब राणा हत्याकांड में भी वही कड़ी जोड़कर देखी जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉरेंस से अलग होने के बाद किसी ने बदले की भावना से उसके करीबी माने जाने वालों की जानकारियां विरोधी गैंग तक पहुंचाई हो। इसी वजह से राणा को निशाना बनाया गया हो। हालांकि अब तक की किसी भी जांच में यह बात सामने नहीं आई है कि राणा ने कभी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपियों को पनाह दी हो। न ही उसका नाम चार्जशीट में है।
सूत्रों के मुताबिक बंबीहा गैंग की पोस्ट में जिस तरह राणा पर सीधे आरोप लगाए गए, उससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि लॉरेंस गैंग से अलग हुए किसी ग्रुप ने ही यह जानकारी विरोधी गैंग तक पहुंचाई हो।
कुछ दिन पहले ही लॉरेंस गैंग के एक करीबी सदस्य की ओर से एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लॉरेंस से अलग हुए एक गैंगस्टर ने धोखा देकर विरोधी गैंग से हाथ मिला लिया है। इस ऑडियो के सामने आने के बाद अब राणा हत्याकांड में भी वही कड़ी जोड़कर देखी जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉरेंस से अलग होने के बाद किसी ने बदले की भावना से उसके करीबी माने जाने वालों की जानकारियां विरोधी गैंग तक पहुंचाई हो। इसी वजह से राणा को निशाना बनाया गया हो। हालांकि अब तक की किसी भी जांच में यह बात सामने नहीं आई है कि राणा ने कभी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपियों को पनाह दी हो। न ही उसका नाम चार्जशीट में है।
पत्नी के साथ राणा
- फोटो : फाइल
जब रिकॉर्ड में नाम नहीं, तो दावा किस आधार पर?
यह भी सवाल बना हुआ है कि जब राणा का नाम कभी मूसेवाला हत्याकांड में सामने नहीं आया, तो विरोधी गैंग ने पोस्ट में इतनी बड़ी बात किस आधार पर लिखी। क्या यह महज एक थ्योरी है या फिर लॉरेंस से टूटे किसी ग्रुप द्वारा दी गई अंदरूनी जानकारी का नतीजा? राणा बलाचौरिया की हत्या सिर्फ एक गैंगवार नहीं, बल्कि लॉरेंस गैंग के टूटे ग्रुप, बदले की राजनीति और अंदरूनी सूचनाओं के लीक होने की कहानी भी हो सकती है। अब देखना यह है कि जांच एजेंसियां इन सवालों को कितनी गंभीरता से लेती हैं और क्या लॉरेंस से टूटे ग्रुप की भूमिका की भी जांच होगी या नहीं।
यह भी सवाल बना हुआ है कि जब राणा का नाम कभी मूसेवाला हत्याकांड में सामने नहीं आया, तो विरोधी गैंग ने पोस्ट में इतनी बड़ी बात किस आधार पर लिखी। क्या यह महज एक थ्योरी है या फिर लॉरेंस से टूटे किसी ग्रुप द्वारा दी गई अंदरूनी जानकारी का नतीजा? राणा बलाचौरिया की हत्या सिर्फ एक गैंगवार नहीं, बल्कि लॉरेंस गैंग के टूटे ग्रुप, बदले की राजनीति और अंदरूनी सूचनाओं के लीक होने की कहानी भी हो सकती है। अब देखना यह है कि जांच एजेंसियां इन सवालों को कितनी गंभीरता से लेती हैं और क्या लॉरेंस से टूटे ग्रुप की भूमिका की भी जांच होगी या नहीं।
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घटनास्थल पर जांच करती पुलिस।
- फोटो : संवाद
शगनप्रीत ने ली जिम्मेदारी, फिर क्लीन चिट कैसे?
बलाचौरिया की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई, जिसमें घनश्यामपुरिया गैंग और शगनप्रीत के नाम से हत्या की जिम्मेदारी ली गई। पोस्ट में साफ तौर पर हैशटैग लगाकर बंबीहा ग्रुप भी लिखा गया। इसके बाद जब एसएसपी की ओर से शगनप्रीत की भूमिका से सीधा इनकार किया गया, तो यह बयान भी सवालों के घेरे में आ गया। सवाल यह है कि बिना विस्तृत जांच के एसएसपी शगनप्रीत को क्लीन चिट कैसे दे सकते हैं?
क्या एसएसपी के पास ऐसे कोई ठोस इनपुट या खुफिया रिपोर्ट हैं, जिनके आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि शगनप्रीत का इस हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है?
गौरतलब है कि शगनप्रीत सिंह, जो कभी सिद्धू मूसेवाला का मैनेजर रह चुका है, 2021 में यूथ अकाली दल के पदाधिकारी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या में अहम भूमिका निभा चुका है। बताया जा रहा है कि शगनप्रीत फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में है और उसके खिलाफ एलओसी जारी की जा चुकी है।
बलाचौरिया की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई, जिसमें घनश्यामपुरिया गैंग और शगनप्रीत के नाम से हत्या की जिम्मेदारी ली गई। पोस्ट में साफ तौर पर हैशटैग लगाकर बंबीहा ग्रुप भी लिखा गया। इसके बाद जब एसएसपी की ओर से शगनप्रीत की भूमिका से सीधा इनकार किया गया, तो यह बयान भी सवालों के घेरे में आ गया। सवाल यह है कि बिना विस्तृत जांच के एसएसपी शगनप्रीत को क्लीन चिट कैसे दे सकते हैं?
क्या एसएसपी के पास ऐसे कोई ठोस इनपुट या खुफिया रिपोर्ट हैं, जिनके आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि शगनप्रीत का इस हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है?
गौरतलब है कि शगनप्रीत सिंह, जो कभी सिद्धू मूसेवाला का मैनेजर रह चुका है, 2021 में यूथ अकाली दल के पदाधिकारी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या में अहम भूमिका निभा चुका है। बताया जा रहा है कि शगनप्रीत फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में है और उसके खिलाफ एलओसी जारी की जा चुकी है।