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जब मां-बाप के पैरों में झुके आर्मी चीफ तो भर आईं आंखें

जितेंद्र सहारण/अमर उजाला, झज्जर(हरियाणा) Updated Mon, 28 Dec 2015 08:55 AM IST
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जब मां-बाप के पैरों में झुके आर्मी चीफ तो भर आईं आंखें

general dalbir singh first time at his village after army chief, Emotional moment
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सेना प्रमुख बनने के बाद करीब डेढ़ साल बाद अपने पैतृक गांव पहुंचे सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह ने जब मां-बाप के पैर हुए तो नजारा देखने वाला है। तस्वीरें। -रिपोर्ट/जितेंद्र सहारण, झज्जर।
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हरियाणा के झज्जर जिले के गांव सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह जब मां ईशरी के सामने आए तो दोनों ही तरफ से खूब प्यार देखने को मिला। मंच पर आते ही जनरल ने माता-पिता के पैर छुए। भावुक मां बोली- बेटा मुझे गर्व है तुम इस मुकाम तक पहुंचे। देश व अपनों के सम्मान में कोई आंच न आने देना।

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बारी जनरल दलबीर सिंह के बोलने की आई तो बोले -जिस मुकाम पर मैं पहुंचा हूं उसमें मेहनत, इमानदारी के अलावा अपनों के आशीर्वाद का बड़ा योगदान हैं। मां-बाप ने सिर्फ जन्म ही नहीं दिया, बल्कि अच्छी शिक्षा व गुण भी दिए, जिसकी बदौलत यहां तक (सेनाध्यक्ष) पहुंचने का मौका मिला।

जब मां-बाप के पैरों में झुके आर्मी चीफ तो भर आईं आंखें

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पैतृक गांव बिसाहन पहुंचे सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह करीब साढ़े चार घंटे बड़ी आत्मीयता के साथ अपनों के बीच रहे। उन्होंने लोगों के साथ दुख दर्द सांझा किया तो मन की  बात भी ग्रामीणों के सामने रखी। जीवन से जुड़ी हर उस बात का उन्होंने उल्लेख किया, जिससे कि सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचे। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से वे सैनिकों के साये में रहे, लेकिन सुरक्षा घेरा तोड़कर हर उस शख्स से मिले, जो उनसे मिलने पहुंचा।

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जनरल दलबीर सिंह ने कहा कि सेना की 42 साल की नौकरी में मैं 32 साल अपने परिवार से दूर रहा हूं। बच्चों, पत्नी व परिवार के अन्य लोगों से मिलने का मौका ही नहीं मिला। जनरल बनने से पहले साल में दो दिन की छुट्टी लेकर गांव आता था, लेकिन ओहदा बढ़ा तो जिम्मेदारी भी। बेटी की शादी में भी वे एक दिन की छुट्टी ले पाए थे। बच्चों को बड़ा करना, पालना व अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी पत्नी ने निभाई।
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