जालंधर की दिव्यांग शतरंज खिलाड़ी मल्लिका हांडा का दर्द एक बार फिर छलक उठा। उन्होंने वीडियो साझा कर अपनी बात सोशल मीडिया पर रखी। मल्लिका राष्ट्रीय और अंतररष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम कर चुकी हैं लेकिन अभी तक उन्हें न सरकारी नौकरी मिली और न ही नकद ईनाम राशि। मल्लिका हांडा ने इस बार पंजाब के खेलमंत्री परगट सिंह, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और राहुल गांधी को टैग कर अपना दर्द साझा किया। बता दें कि एक तरफ क्रिकेट समेत तमाम खेलों में पदक जीतने पर खिलाड़ियों पर धनवर्षा होती है। उन्हें सरकारी नौकरी से नवाजा जाता है लेकिन कई पदक जीतने के बाद भी दिव्यांग शतरंज खिलाड़ी मल्लिका हांडा के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। मल्लिका ने ट्वीट किया कि पंजाब सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल है
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मल्लिका हांडा।
- फोटो : @MalikaHanda
मल्लिका ने लिखा- पूर्व खेल मंत्री ने मेरे लिए नकद ईनाम की घोषणा की थी और मेरे पास निमंत्रण पत्र भी है, जिसमें मुझे आमंत्रित किया गया था लेकिन इसे कोविड-19 के कारण रद्द कर दिया गया था। मैं 31 दिसंबर को खेल मंत्री परगट सिंह से मिली थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नौकरी और नकद ईनाम राशि नहीं दे सकती क्योंकि उनके पास मूक-बधिर खेलों के लिए कोई नीति नहीं है।
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मल्लिका हांडा
- फोटो : @MalikaHanda
सात अगस्त को मल्लिका ने एक ट्वीट कर अपनी उपलब्धि साझा की थी। उन्होंने लिखा था कि मैं नेशनल अवार्डी हूं। छह पदक मेरी उपलब्धि हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण और दो रजत पदक हैं। एशियन चैम्पियनशिप में भी एक स्वर्ण और दो रजत जीते हैं। फीडे ओलंपियाड में दो बार हिस्सा लिया।
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खेलमंत्री परगट सिंह के साथ मल्लिका हांडा।
- फोटो : @MalikaHanda
सात बार नेशनल चैंपियन रही लेकिन फिर भी मुझे सरकार से ना तो कोई नौकरी मिली और ना ही कोई मदद। यहां तक कि मेरे पास कोच भी नहीं है। मल्लिका हांडा जालंधर के खोसला मूक बधिक स्कूल की छात्रा रही है। मल्लिका के पिता सुरेश हांडा अकाउंटेंट हैं। मल्लिका ने स्कूल में ही शतरंज खेलना शुरू किया था।
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मल्लिका हांडा
- फोटो : @MalikaHanda
31 अक्तूबर को मल्लिका हांडा ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उन्होंने पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मुलाकात की। उन्होंने मुझसे (मल्लिका) कहा कि पंजाब सरकार मुझे जॉब देगी और मेरे पदकों को सम्मान देगी। मल्लिका खेलमंत्री परगट सिंह समेत पंजाब सरकार के कई नेताओं से मुलाकात कर चुकी हैं। विपक्ष के कई नेताओं से भी मिलीं लेकिन अब तक उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिली है।