लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन

चंडीगढ़ में भाजपा के हार के पांच बड़े कारण: महंगाई, किसान आंदोलन ने पहुंचाया नुकसान तो इन मुद्दों पर जनता थी परेशान

रिशु राज सिंह, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Tue, 28 Dec 2021 01:45 AM IST
Five big reasons behind BJP defeat in Chandigarh Municipal elections
1 of 5
साल 2016 में 22 में से 21 सीट लाने वाली भाजपा, वर्ष 2021 में 35 में से सिर्फ 12 सीटों पर सिमट कर रह गई है। राजनीतिक विश्लेषक भी नतीजे देखकर चौंक गए हैं। भाजपा के लिए कई राष्ट्रीय नेता चंडीगढ़ पहुंचे लेकिन उसका भी कुछ खास लाभ नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस डंपिंग ग्राउंड, महंगाई, सांसद किरण खेर का लोगों के बीच न आना, पार्षदों का कामकाज, किसान आंदोलन, महंगाई समेत कई मुद्दों को उठाती रही लेकिन भाजपा इन्हें मुद्दा मानने से ही इनकार करती रही। इन्हीं मुद्दों ने भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।

1. लोगों के बीच सांसद किरण खेर की नामौजूदगी
लोगों में सांसद किरण खेर के प्रति काफी गुस्सा था, जो निगम चुनाव के नतीजों में दिखा। भाजपा इससे इनकार करती रही। किरण खेर अपना इलाज कराने के लिए दिसंबर 2020 में मुंबई चली गईं। सोशल मीडिया पर खूब चर्चा रही कि वह एक टीवी शो में हिस्सा ले रही हैं लेकिन अपने लोकसभा क्षेत्र नहीं पहुंचीं। मतदान से एक दिन पहले किरण खेर चंडीगढ़ पहुंचीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई वीडियो डाले और आप-कांग्रेस पर निशाना साधा। इसके बाद कमेंट में भी लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
Five big reasons behind BJP defeat in Chandigarh Municipal elections
2 of 5
विज्ञापन
2. किसान आंदोलन का असर
निगम चुनाव में किसान आंदोलन का असर देखने को मिला है। आंदोलन में सक्रिय कई नेताओं को आम आदमी पार्टी ने टिकट दी और वो जीते भी। दमनप्रीत सिंह और प्रेमलता पर आंदोलन की वजह से केस भी दर्ज हुए। वार्ड नंबर-17 में दमनप्रीत सिंह ने मेयर रविकांत शर्मा को हराया और वार्ड नंबर-23 से प्रेम लता ने कांग्रेस की दिग्गज नेता रविंदर कौर गुजराल को शिकस्त दी। गांवों में भी इसका असर दिखा है और भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि, भाजपा नेता कहते रहे कि चंडीगढ़ में किसान आंदोलन का कोई असर नहीं है।
विज्ञापन
Five big reasons behind BJP defeat in Chandigarh Municipal elections
3 of 5
3. टिकटों का बंटवारा
भाजपा ने अपने कई नेताओं को उनकी वर्तमान सीट से टिकट न देकर अन्य इलाकों में चुनाव लड़ने के लिए भेजा। पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली, भरत कुमार, गोपाल शुक्ला, देवी सिंह, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय राणा आदि ने दूसरे इलाकों से चुनाव लड़ा और हार गए। वार्ड नंबर-20 में भाजपा तीसरे नंबर पर रही और भाजपा से ही बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार कृपानंद ठाकुर दूसरे नंबर पर रहे। वह 269 वोटों से पीछे रहे। लोगों का मानना है कि अगर उन्हें भाजपा टिकट देती तो ये सीट भाजपा की झोली में होती।
 
Five big reasons behind BJP defeat in Chandigarh Municipal elections
4 of 5
विज्ञापन
4. पार्षदों के प्रति लोगों में गुस्सा
भाजपा के कई वर्तमान पार्षद हारे हैं। कारण है कि उन्होंने लोगों की उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किया। भाजपा के पदाधिकारी दावा करते रहे कि वह विकास के नाम पर जीतेंगे लेकिन लोगों का कहना था कि भाजपा पार्षदों ने अपने वार्ड में काम ही नहीं किया। पांच मेयर बदले लेकिन डंपिंग ग्राउंड नहीं हटा। जवाब देने के बजाय भाजपा कांग्रेस पर ही सवाल उठाती नजर आई लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसका जमकर प्रचार किया और लोगों के बीच एक बड़ा मुद्दा बनाया।
विज्ञापन
विज्ञापन
Five big reasons behind BJP defeat in Chandigarh Municipal elections
5 of 5
विज्ञापन
5. अफसरों ने सुनी नहीं, चुनाव से पहले भेजे हजारों नोटिस
मतदान करने पहुंची सांसद खेर ने कहा कि उनकी सभी अफसर सुनते हैं लेकिन मकानों में बदलाव को लेकर चुनाव से कुछ दिन पहले हजारों लोगों को नोटिस भेजे गए। लोग इससे भड़क गए। अधिकारियों ने कुछ काम नहीं किया और आखिरी दिनों में स्वच्छ सर्वेक्षण की रिपोर्ट आई। चंडीगढ़ 16वें नंबर से 66वें स्थान पर पहुंच गया। विपक्ष ने इसे जमकर उछाला। भाजपा के बड़े नेता भले दावा करते रहे लेकिन अधिकारियों ने कई मुद्दों पर उनकी बात नहीं मानी।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed