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चमत्कार से कम नहीं ये घटना: दादी ने की मुंह देखने की जिद तो जिंदा हो गया 'मृत' पोता, ऐसे जुड़ी जिंदगी की कड़ी

संवाद न्यूज एजेंसी, बहादुरगढ़ (हरियाणा) Published by: ajay kumar Updated Fri, 18 Jun 2021 03:38 AM IST
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Seven year old child started breathing when When relatives were preparing for the funeral in Bahadurgarh
सात वर्षीय कुनाल। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

जाको राखे साइयां मार सके न कोय...यह चमत्कार हरियाणा के बहादुरगढ़ में हुआ। यहां एक सात साल का बच्चा मौत को हराकर जिंदगी जीत लाया। परिवार में मौत का मातम पसरा था। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल था। लेकिन जैसे ही बेटे की सांसे चलने लगी तो पूरे इलाके में नई जिंदगी की खुशी फैल गई। देश-दुनिया में यह चमत्कारी घटना सुर्खी बनी। दरअसल, यह परिवार हरियाणा के बहादुरगढ़ के किला मोहल्ला में रहता है। परिजन बेटे को मृत समझ कर अस्पताल से घर ले लाए और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गए। दादी ने पोते का चेहरा देखने की जिंद की तो सांस चलने का पता चला। जिंदगी ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी तो सभी के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई। बच्चे को फिर से रोहतक के अस्पताल ले जाया गया। अब वह पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर आ गया है। सात वर्षीय बच्चे का नाम कुनाल है। वह पिछले महीने टाइफाइड से ग्रसित हो गया था। स्थानीय स्तर पर इलाज कराने पर वह ठीक नहीं हुआ। इसके बाद परिजन उसे दिल्ली लेकर गए थे।

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Seven year old child started breathing when When relatives were preparing for the funeral in Bahadurgarh
कुनाल। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

वहां उसकी सांस लगभग थम चुकी थी। बच्चे को परिजन मृत समझ घर लेकर आ गए। बच्चे के पिता हितेष कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। हितेष के पिता विजय कुमार ने पूरी घटना को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि परिवार अस्पताल से बेटे को लेकर घर लौट रहा था।

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कुनाल। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

तभी बच्चे के पिता ने फोन कर बताया कि बेटे की जिंदगी अभी बची है। इसके बाद फिर फोनकर पिता ने बताया कि बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। बस इतनी बात सुनने के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई और माहौल मातम में तब्दील हो गया। घरवालों ने बर्फ का इंतजाम करना भी शुरू कर दिया था। लोग भी  'मौत' की खबर सुनते ही इकट्ठा होने लगे। 

Seven year old child started breathing when When relatives were preparing for the funeral in Bahadurgarh
अस्पताल में लेटा कुनाल। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भी तलाशना शुरू कर दिया था। इस बीच बच्चे की दादी ने कहा कि मुझे अपने पोते का मुंह देखना है। मुंह दिखाने के लिए कुनाल को जब एंबुलेंस से उठाया गया तो कुछ धड़कन महसूस हुई। घरवालों ने बच्चे को फर्श पर लेटा दिया और मुंह से सांस देना शुरू कर दिया। अगले पल चमत्कार हो गया। बच्चे के शरीर में हलचल शुरू हो गई। सभी मौजूद लोगों ने जयकारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद बच्चे को एंबुलेंस से बहादुरगढ़ के अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि वहां इलाज नहीं मिल पाया।

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कुनाल। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

रोहतक स्थित एक अस्पताल में इलाज मिलने पर वह ठीक हो गया। दादा विजय कहते हैं कि परिवार पर भगवान भोलेनाथ की कृपा हुई है। आज मेरा पोता हम सबके बीच है। पता नहीं भगवान ने कैसे जिंदगी की कड़ी जोड़ दी। विजय का कहना है कि मेरी पत्नी मुंह देखने की जिद न करती और बहू उसे एंबुलेंस से न उठाती तो शायद वह इस दुनिया से विदा हो जाता। ईश्वर ने मेरे परिवार पर यह चमत्कार किया।

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