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IPL 2026 Auction: नीलामी में किन पांच टीमों ने की सबसे बड़ी गलती? महंगे सौदे, पर अधूरी रणनीति ने खींचा ध्यान
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 22 Dec 2025 11:22 AM IST
सार
आईपीएल 2026 की नीलामी ने एक बार फिर साबित किया कि सिर्फ बड़ी रकम खर्च करना सफलता की गारंटी नहीं है। उपलब्धता, फॉर्म, भूमिका की स्पष्टता और टीम संतुलन, ये सभी कारक उतने ही अहम हैं। जिन टीमों ने इन बातों को नजरअंदाज किया, उनके लिए यह सीजन भारी पड़ सकता है।
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आईपीएल 2026
- फोटो : ANI
आईपीएल 2026 के लिए मिनी नीलामी चर्चा में रहा, लेकिन इस बार वजह रिकॉर्ड बोली नहीं, बल्कि कई टीमों की संदिग्ध रणनीति रही। इस बार कुछ फ्रेंचाइजियों ने जरूरत से ज्यादा पैसे अनिश्चित खिलाड़ियों पर खर्च किए, जबकि कुछ ने साबित मैच-विनर्स को बेहद सस्ते में जाने दिया और उनकी जगह उन खिलाड़ियों को खरीदा, जो अब तक इस लीग में फेल रहे हैं। यह ऑक्शन कई मायनों में मौका चूकने की कहानी बन गया।
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लियम लिविंगस्टोन
- फोटो : IPL
सनराइजर्स हैदराबाद: बड़ा दांव, लेकिन दिशा अस्पष्ट
सनराइजर्स हैदराबाद की सबसे ज्यादा आलोचना 13 करोड़ रुपये में लियम लिविंगस्टोन को खरीदने को लेकर हुई। लिविंगस्टोन एक विस्फोटक बल्लेबाज जरूर हैं, लेकिन उनका सटीक रोल फिनिशर, मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज या पार्ट-टाइम गेंदबाज है? यह अब भी स्पष्ट नहीं है। उनकी गेंदबाजी हाल फिलहाल में किसी भी टूर्नामेंट में प्रभावी नहीं रही, जिससे इतनी बड़ी रकम सवालों के घेरे में आ गई। इसके अलावा इस टीम की सबसे बड़ी चूक यह रही कि मोहम्मद शमी के विकल्प के रूप में कोई बड़ा और भरोसेमंद तेज गेंदबाज नहीं जोड़ सका। नतीजा यह हो सकता है कि बल्लेबाजी में चमक के बावजूद टीम का बॉलिंग अटैक पूरे सीजन दबाव में रहे। पिछले सत्र में खराब गेंदबाजी चिंता की वजह बनी थी।
सनराइजर्स हैदराबाद की सबसे ज्यादा आलोचना 13 करोड़ रुपये में लियम लिविंगस्टोन को खरीदने को लेकर हुई। लिविंगस्टोन एक विस्फोटक बल्लेबाज जरूर हैं, लेकिन उनका सटीक रोल फिनिशर, मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज या पार्ट-टाइम गेंदबाज है? यह अब भी स्पष्ट नहीं है। उनकी गेंदबाजी हाल फिलहाल में किसी भी टूर्नामेंट में प्रभावी नहीं रही, जिससे इतनी बड़ी रकम सवालों के घेरे में आ गई। इसके अलावा इस टीम की सबसे बड़ी चूक यह रही कि मोहम्मद शमी के विकल्प के रूप में कोई बड़ा और भरोसेमंद तेज गेंदबाज नहीं जोड़ सका। नतीजा यह हो सकता है कि बल्लेबाजी में चमक के बावजूद टीम का बॉलिंग अटैक पूरे सीजन दबाव में रहे। पिछले सत्र में खराब गेंदबाजी चिंता की वजह बनी थी।
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मथीशा पथिराना
- फोटो : IPL
कोलकाता नाइट राइडर्स: फिर से जोखिम भरे फैसले
कोलकाता नाइट राइडर्स का ऑक्शन पूरी तरह 'उच्च जोखिम-उच्च लाभ' रणनीति पर आधारित दिखा, लेकिन जोखिम कुछ ज्यादा ही बड़े रहे। टीम ने मथीशा पथिराना पर 18 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 2025 सीजन में उनकी इकॉनमी 10 से ऊपर रही और चोट की आशंका भी बनी हुई है। इसके अलावा फ्रेंचाइजी ने 9.20 करोड़ रुपये में मुस्तफिज़ुर रहमान को खरीदा और यह फैसला भी सुर्खियों में है। बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण उनकी उपलब्धता सीमित रह सकती है, जो आईपीएल जैसे लंबे टूर्नामेंट में बड़ी समस्या बन सकती है। इतना ही नहीं, रहमान चोटिल भी रहते हैं और तीन बार के चैंपियन केकेआर को यह रास नहीं आ सकता है।
कोलकाता नाइट राइडर्स का ऑक्शन पूरी तरह 'उच्च जोखिम-उच्च लाभ' रणनीति पर आधारित दिखा, लेकिन जोखिम कुछ ज्यादा ही बड़े रहे। टीम ने मथीशा पथिराना पर 18 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 2025 सीजन में उनकी इकॉनमी 10 से ऊपर रही और चोट की आशंका भी बनी हुई है। इसके अलावा फ्रेंचाइजी ने 9.20 करोड़ रुपये में मुस्तफिज़ुर रहमान को खरीदा और यह फैसला भी सुर्खियों में है। बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण उनकी उपलब्धता सीमित रह सकती है, जो आईपीएल जैसे लंबे टूर्नामेंट में बड़ी समस्या बन सकती है। इतना ही नहीं, रहमान चोटिल भी रहते हैं और तीन बार के चैंपियन केकेआर को यह रास नहीं आ सकता है।
मिल्ने
- फोटो : ANI
राजस्थान रॉयल्स (RR): मैच विनर को छोड़ा, जोखिम उठाया
राजस्थान रॉयल्स की सबसे बड़ी गलती डेविड मिलर को मात्र 2 करोड़ रुपये में जाने देना मानी जा रही है। आईपीएल में खुद को बार-बार साबित कर चुके फिनिशर मिलर का यूं हाथ से निकलना कई विशेषज्ञों को हैरान कर गया। इसके उलट आरआर ने एडम मिल्ने पर 2.40 करोड़ रुपये खर्च किए। उनके पास तेज गेंदबाजों की पूरी सेना है, इसके बावजूद अतिरिक्त तेज गेंदबाजों को भरना समझ से परे रहा। टीम में भरोसेमंद फिनिशर की कमी साफ दिखेगी। हेटमायर और जुरेल पिछले सीजन में कई मैचों को फिनिश करने में कामयाब नहीं हो सके थे। जडेजा के रूप में एक भरोसेमंद ऑलराउंडर जुड़ा जरूर है, लेकिन नई टीम के संयोजन में वह कितने फिट बैठते हैं, यह देखने वाली बात होगी। संजू सैमसन के नहीं रहने से टीम कमजोर तो हुई है।
राजस्थान रॉयल्स की सबसे बड़ी गलती डेविड मिलर को मात्र 2 करोड़ रुपये में जाने देना मानी जा रही है। आईपीएल में खुद को बार-बार साबित कर चुके फिनिशर मिलर का यूं हाथ से निकलना कई विशेषज्ञों को हैरान कर गया। इसके उलट आरआर ने एडम मिल्ने पर 2.40 करोड़ रुपये खर्च किए। उनके पास तेज गेंदबाजों की पूरी सेना है, इसके बावजूद अतिरिक्त तेज गेंदबाजों को भरना समझ से परे रहा। टीम में भरोसेमंद फिनिशर की कमी साफ दिखेगी। हेटमायर और जुरेल पिछले सीजन में कई मैचों को फिनिश करने में कामयाब नहीं हो सके थे। जडेजा के रूप में एक भरोसेमंद ऑलराउंडर जुड़ा जरूर है, लेकिन नई टीम के संयोजन में वह कितने फिट बैठते हैं, यह देखने वाली बात होगी। संजू सैमसन के नहीं रहने से टीम कमजोर तो हुई है।
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जोश इंग्लिस
- फोटो : ANI
एलएसजी और आरसीबी की रणनीतिक चूक
लखनऊ सुपर जाएंट्स (LSG) ने भी जोश इंग्लिस पर भारी रकम खर्च की, जबकि उनके पास पहले से विकेटकीपर विकल्प मौजूद थे। सीमित उपलब्धता वाले खिलाड़ी पर इतना निवेश कई विश्लेषकों को गैरजरूरी लगा। इंगलिश तूफानी बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन चार विदेशी खिलाड़ियों को ही खेलने की इजाजत है। टीम के पास पहले से ही पूरन, मार्करम, मिचेल मार्श और नॉर्त्जे-हसरंगा जैसे मैच विनर्स हैं। इसके अलावा उन्होंने पहले ही जानकारी दे दी है कि शादी की वजह से उनकी उपलब्धता सीमित रहेगी। इसके बावजूद उन्हें खरीदना सवालों के घेरे में है। वहीं रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने वेंकटेश अय्यर को सात करोड़ रुपये में खरीदा, जबकि वह अब आईपीएल में गेंदबाजी नहीं करते और घरेलू क्रिकेट में भी उनकी फॉर्म अस्थिर रही है। पहले से मजबूत टॉप ऑर्डर के बावजूद यह खरीद रणनीतिक रूप से कमजोर मानी गई।
लखनऊ सुपर जाएंट्स (LSG) ने भी जोश इंग्लिस पर भारी रकम खर्च की, जबकि उनके पास पहले से विकेटकीपर विकल्प मौजूद थे। सीमित उपलब्धता वाले खिलाड़ी पर इतना निवेश कई विश्लेषकों को गैरजरूरी लगा। इंगलिश तूफानी बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन चार विदेशी खिलाड़ियों को ही खेलने की इजाजत है। टीम के पास पहले से ही पूरन, मार्करम, मिचेल मार्श और नॉर्त्जे-हसरंगा जैसे मैच विनर्स हैं। इसके अलावा उन्होंने पहले ही जानकारी दे दी है कि शादी की वजह से उनकी उपलब्धता सीमित रहेगी। इसके बावजूद उन्हें खरीदना सवालों के घेरे में है। वहीं रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने वेंकटेश अय्यर को सात करोड़ रुपये में खरीदा, जबकि वह अब आईपीएल में गेंदबाजी नहीं करते और घरेलू क्रिकेट में भी उनकी फॉर्म अस्थिर रही है। पहले से मजबूत टॉप ऑर्डर के बावजूद यह खरीद रणनीतिक रूप से कमजोर मानी गई।