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‘छोटे’ देशों से भी आते हैं क्रिकेट के बड़े दिग्गज खिलाड़ी
टीम डिजिटल/ अमर उजाला, दिल्ली
Updated Wed, 19 Oct 2016 01:36 PM IST
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क्रिकेट
- फोटो : getty
क्रिकेट कई देशों में खेला जाता है। आईसीसी में 10 देशों को ‘फुल मेंबर’ का दर्जा प्राप्त है तथा कई देश ऐसे भी हैं, जो लगातार अच्छा खेल दिखाकर फुल मेंबर बनने की दावेदारी पेश कर कर रहे हैं। 'मिनोज़' के नाम से जाने जाने वाली टीम कमज़ोर टीमों ने कई बार स्थापित टीम को भी पस्त किया है। ये कोई हैरानी की बात नहीं है कि इन छोटी टीमों ने हर फॉर्मेट के अच्छे खिलाड़ी दिए हैं। कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो भले ही विश्व प्रसिद्ध न हों लेकिन अपने देश में उन्होंने खेल को नई ऊंचाई देने में जरुर अहम रोल निभाया है। ऐसे ही 5 खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जो अपनी अपनी देश की टीमों के दिग्गज कहलाते हैं:

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‘छोटे’ देशों से भी आते हैं क्रिकेट के बड़े दिग्गज खिलाड़ी

तमीम इकबाल
- फोटो : getty
तमीम इकबाल
पिछले 5 -7 सालों में तमीम इकबाल बांग्लादेश के सबसे भरोसेमंद ओपनर बनकर उभरे हैं। इकबाल ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट को मिलाकर 9000 से ज्यादा रन अपने नाम दर्ज किए हैं। तमीम इकबाल ने 2007 वर्ल्ड कप में प्रभाव छोड़ते हुए 51 रन की विस्फोटक पारी खेली थी और भारत के खिलाफ जीत दिलाकर पहली बार बांग्लादेश को आईसीसी के टूर्नामेंट के नॉक आउट दौर में पहुंचाने में अपना योदगदान दिया था। टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ तमीम की 206 रनों की पारी किसी भी बांग्लादेशी बल्लेबाज़ के द्वारा बनाया बेस्ट स्कोर है। साल 2011 में तमीम को 'विसडन क्रिकेटर ऑफ द इयर चुना गया'।
पिछले 5 -7 सालों में तमीम इकबाल बांग्लादेश के सबसे भरोसेमंद ओपनर बनकर उभरे हैं। इकबाल ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट को मिलाकर 9000 से ज्यादा रन अपने नाम दर्ज किए हैं। तमीम इकबाल ने 2007 वर्ल्ड कप में प्रभाव छोड़ते हुए 51 रन की विस्फोटक पारी खेली थी और भारत के खिलाफ जीत दिलाकर पहली बार बांग्लादेश को आईसीसी के टूर्नामेंट के नॉक आउट दौर में पहुंचाने में अपना योदगदान दिया था। टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ तमीम की 206 रनों की पारी किसी भी बांग्लादेशी बल्लेबाज़ के द्वारा बनाया बेस्ट स्कोर है। साल 2011 में तमीम को 'विसडन क्रिकेटर ऑफ द इयर चुना गया'।
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‘छोटे’ देशों से भी आते हैं क्रिकेट के बड़े दिग्गज खिलाड़ी

रयान टेन डश्काटे
- फोटो : getty
रयान टेन डश्काटे
रयान टेन डोशेट ने एक समय में क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया था, लेकिन वो सिर्फ 33 अंतरराष्ट्रीय वनडे ही खेल सके। डश्काटे ने वनडे में 67 की बेमिसाल औसत से रन बनाए हैं। नीदरलैंड्स के इस खिलाड़ी ने 5 शतक लगाने के अलावा 5 विकेट भी अपने नाम किए हैं। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान डश्काटे ने इंग्लैंड के खिलाफ 119 रन की शानदार पारी खेली थी। वनडे में 10 पारियों से ज्यादा के बाद आज भी सबसे ज्यादा बल्लेबाज़ी औसत का रिकॉर्ड डशचाटे के ही नाम दर्ज है। इनके बाद साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स का नाम आता है।
रयान टेन डोशेट ने एक समय में क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया था, लेकिन वो सिर्फ 33 अंतरराष्ट्रीय वनडे ही खेल सके। डश्काटे ने वनडे में 67 की बेमिसाल औसत से रन बनाए हैं। नीदरलैंड्स के इस खिलाड़ी ने 5 शतक लगाने के अलावा 5 विकेट भी अपने नाम किए हैं। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान डश्काटे ने इंग्लैंड के खिलाफ 119 रन की शानदार पारी खेली थी। वनडे में 10 पारियों से ज्यादा के बाद आज भी सबसे ज्यादा बल्लेबाज़ी औसत का रिकॉर्ड डशचाटे के ही नाम दर्ज है। इनके बाद साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स का नाम आता है।
‘छोटे’ देशों से भी आते हैं क्रिकेट के बड़े दिग्गज खिलाड़ी

ब्रेंडन टेलर
- फोटो : getty
ब्रेंडन टेलर
एंडी फ्लॉवर के दौर के बाद जब जिंबाब्वे का क्रिकेट स्तर बदतर होता चला गया, ब्रेंडन टेलर जिम्बॉब्वे के टॉप बल्लेबाज़ की श्रेणी में दिखे। फ्लॉवर के जाने के बाद टीम 12 साल में सिर्फ 3 टेस्ट ही जीतने में सफल रही। साल 2011 में टेस्ट में वापसी के बाद ब्रेंडन टेलर को जिम्बॉब्वे टीम की कमान सौंपी गई और इनके बल्लेबाज़ी के रिकॉर्ड ने नया आयाम छू लिया। अपनी कप्तानी में ब्रेंडन टेलर ने सात टेस्ट में 4 बेहतरीन शतक जड़े। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने जिम्बॉब्वे के लिए अपना आखिरी वनडे 2015 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान खेला और भारत के खिलाफ 138 रन की विदाई पारी खेली।
एंडी फ्लॉवर के दौर के बाद जब जिंबाब्वे का क्रिकेट स्तर बदतर होता चला गया, ब्रेंडन टेलर जिम्बॉब्वे के टॉप बल्लेबाज़ की श्रेणी में दिखे। फ्लॉवर के जाने के बाद टीम 12 साल में सिर्फ 3 टेस्ट ही जीतने में सफल रही। साल 2011 में टेस्ट में वापसी के बाद ब्रेंडन टेलर को जिम्बॉब्वे टीम की कमान सौंपी गई और इनके बल्लेबाज़ी के रिकॉर्ड ने नया आयाम छू लिया। अपनी कप्तानी में ब्रेंडन टेलर ने सात टेस्ट में 4 बेहतरीन शतक जड़े। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने जिम्बॉब्वे के लिए अपना आखिरी वनडे 2015 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान खेला और भारत के खिलाफ 138 रन की विदाई पारी खेली।
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‘छोटे’ देशों से भी आते हैं क्रिकेट के बड़े दिग्गज खिलाड़ी

जॉन डेविसन
- फोटो : getty
जॉन डेविसन
जॉन डेविसन को कनाडा क्रिकेट टीम का चेहरा कहा जा सकता है। डेविसन कनाडा के लिए 2003 और 2011 वर्ल्डकप मिलाकर कुल 32 वनडे खेल चुके हैं। जॉन की सबसे यादगार पारी 2003 वर्ल्ड कप में आई थी जब वेस्टइंडीज़ के खिलाफ उन्होंने 67 गेंद में उस समय का वर्ल्डकप का सबसे तेज शतक जमाया। हालांकि उनका शतक भी कनाडा को जीत नहीं दिला सका। 2003 में लगाया गया जॉन डेविसन का शतक बिना किसी शक के कनाडा के लिए क्रिकेट का आज तक का सबसे यादगार पल है। इस साल के बाद 2004 में डेविसन को नेश्नल टीम का कप्तान बना दिया गया। 50 वर्षों में कनाडा में हुए पहले फर्स्ट क्लास मैच में डेविसन ने 137 रन देकर 17 विकेट लेने का कारनामा किया, जो जिम लेकर के एक मैच में 19 विकेटों के बाद बेस्ट प्रदर्शन है।
जॉन डेविसन को कनाडा क्रिकेट टीम का चेहरा कहा जा सकता है। डेविसन कनाडा के लिए 2003 और 2011 वर्ल्डकप मिलाकर कुल 32 वनडे खेल चुके हैं। जॉन की सबसे यादगार पारी 2003 वर्ल्ड कप में आई थी जब वेस्टइंडीज़ के खिलाफ उन्होंने 67 गेंद में उस समय का वर्ल्डकप का सबसे तेज शतक जमाया। हालांकि उनका शतक भी कनाडा को जीत नहीं दिला सका। 2003 में लगाया गया जॉन डेविसन का शतक बिना किसी शक के कनाडा के लिए क्रिकेट का आज तक का सबसे यादगार पल है। इस साल के बाद 2004 में डेविसन को नेश्नल टीम का कप्तान बना दिया गया। 50 वर्षों में कनाडा में हुए पहले फर्स्ट क्लास मैच में डेविसन ने 137 रन देकर 17 विकेट लेने का कारनामा किया, जो जिम लेकर के एक मैच में 19 विकेटों के बाद बेस्ट प्रदर्शन है।