अमर उजाला संवाद कार्यक्रम जारी है। कार्यक्रम में हर पल राज्य के विकास के पहलुओं पर बात हो रही है। इसमें देश की चर्चित हस्तियां अपनी बात रख रही हैं। कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और केद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तक पहुंचे हैं। यहां उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए।
Amar Ujala Samvad: संवाद कार्यक्रम में पहुंची चर्चित हस्तियां, धामी से लेकर सहवाग तक ने रखे अपने विचार
लव जिहाद जैसी घटनाओं पर बोले सीएम धामी
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार निधि कुलपति के साथ बातचीत के दौरान राज्य की घटनाओं के संदर्भ में इस्तेमाल हो रहे 'लव जिहाद', 'जमीन जिहाद' जैसे शब्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने पर्यटकों के दबाव को देखते हुए बुनियादी ढांचे की विकास योजनाओं का भी जिक्र किया।
12 ज्योतिर्लिंगों की हवाई यात्रा कर सकेंगे: सतपाल महाराज
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से अहम कई स्थानों के सुरक्षित नहीं होने की बात की जाती थी। लेकिन अब उनके प्रति धारणा बदली है। अब उत्तराखंड में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। क्योंकि अब उन्हें सुविधाएं मिल रही हैं। पैनल डिस्कशन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि शहरों की धारण क्षमता पर सरकार विचार कर रही हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जाएगा। भविष्य में केदारनाथ के साथ-साथ श्रद्धालु 12 ज्योतिर्लिंगों की हवाई यात्रा कर सकेंगे।
वीरेंद्र सहवाग ने 'संवाद' में बताई टेस्ट चैंपियनशिप में हार की वजह
अमर उजाला संवाद 2023 के मन की जीत सत्र में वीरेंद्र सहवाग ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारतीय टीम की हार की वजह बताई। उन्होंने कहा कि हमारे बल्लेबाजों ने उतने रन नहीं बनाए। अश्विन का नहीं खेलना भी इसकी बड़ी वजह रही। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि 2011 विश्व कप जीतने के लिए भारतीय टीम ने कैसी तैयारी की थी और उससे मौजूदा टीम इंडिया क्या सीख ले सकती है। सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से जुड़े कुछ मजेदार किस्से भी सुनाए। वहीं, युवा खिलाड़ियों को लेकर उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। आपको मेहनत करनी पड़ेगी, तभी आप सफल होंगे। वहीं, वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय टीम में बदलाव पर भी बयान दिया।
योग और अध्यात्म हमारे जीवन का अभिन्न अंग: गौरांग दास
कार्यक्रम में इस्कॉन जीबीसी और गोवर्धन इकोविलेज के निदेशक गौरांग दास आज सोशल मीडिया के जमाने में समस्या यह आ गई है कि लोग यह नहीं देखते कि उनके पास क्या है, लोग देखते हैं कि दूसरों के पास क्या है। कम्पेयरिंग, कम्प्लेनिंग एंड क्रिटिसाइजिंग। यानी तुलना, शिकायत और आलोचना। ये तीन तरह के कैंसर हैं। इससे बचने की जरूरत है। योग और अध्यात्म हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण क्यों हैं। आप सभी जानते हैं कि भारत में लगभग 70 हजार अस्पताल हैं, लेकिन 20 लाख मंदिर हैं। कोविड काल में कई कारोबार बंद हुए, एक भी मंदिर बंद नहीं हुआ। यहां तक कि कोविड के दौर के बाद मंदिरों में भीड़ तीन से पांच गुना बढ़ गई। प्रश्न उठता है कि भारत इतना आध्यात्मिक देश है, कई पीढ़ियों से भारत को इस क्षेत्र में विश्व गुरु माना गया है, लेकिन युवा पीढ़ी को हम कैसे आश्वस्त कराएं कि योग और अध्यात्म हमारे जीवन का अभिन्न अंग है।