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देहरादून में कुदरत का कहर: टूटा रिकॉर्ड...101 साल बाद सहस्रधारा में हुई इतनी बारिश, आया सैलाब और सब बहा ले गया
माई सिटी रिपोर्टर, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Wed, 17 Sep 2025 12:57 AM IST
सार
Dehradun Cloudburst News:बीते 24 घंटे में अकेले सहस्रधारा में 264.0 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से बहुत अधिक है। इससे पहले इतनी बारिश साल 1924 की तीन सितंबर को 212.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो अब तक का ऑलटाइम रिकॉर्ड था।
उत्तराखंड में इस साल मानसून की बारिश कई इलाकों में तबाही लेकर आई है। सोमवार-मंगलवार की रात दून में हुई बारिश से कई इलाकों में आपदा आई तो लोगों को साल 2013 की केदारनाथ आपदा की याद आ गई। इसके साथ ही दून की बारिश ने 101 साल बाद बारिश का नया रिकॉर्ड भी बनाया।
मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में अकेले सहस्रधारा में 264.0 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से बहुत अधिक है। इससे पहले इतनी बारिश साल 1924 की तीन सितंबर को 212.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो अब तक का ऑलटाइम रिकॉर्ड था। दूसरे नंबर पर सबसे अधिक बारिश मालदेवता में 149.0 एमएम बारिश दर्ज की गई। कालसी में 119.5, नैनीताल में 105.0 एमएम बारिश हुई। प्रदेशभर की बात करें तो देहरादून में सबसे अधिक बारिश हुई। यहां 66.7 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 1136 फीसदी अधिक है।
बारिश के बाद अब सहस्त्रधारा और मालदेवता में आई आपदा ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। एक ओर मूसलाधार बारिश ने सहस्त्रधारा में तबाही मचाई तो वहीं, मालदेवता के केशरवाला में सड़क का करीब 100 मीटर का हिस्सा बहने से तकरीबन 17 गांवों का संपर्क टूट गया।
सहस्त्रधारा में लोगों के घरों, रेस्टोरेंट और होटल में पानी भरने के साथ ही कई मकान जमींदोज हो गए। इतना ही नहीं इलाके के पुल, रास्ते और जगह-जगह हुआ भूस्खलन आपदा की तबाही का मंजर बता रहा है। जबकि कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के वाहन भी मलबे में दबे रहे। दिन भर यहां लोग अपना सामान बचा सुरक्षित स्थान की तलाश करते हुए नजर आए और क्षेत्र की दुकानें और होटल बंद रहे। उधर केशरवाला में सड़क का करीब 100 मीटर का हिस्सा पूरी तरह से पानी में बह गया। इसके चलते यातायात पूरी तरह से प्रभावित रहा। दोनों क्षेत्र में नदी के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की चिंता बढ़ाए रखी।
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देहरादून में आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आईटी पार्क के मुख्य गेट पर लगा मलबे का ढेर
मूसलाधार बारिश से सहस्त्रधारा से पहले आईटी पार्क के मुख्य गेट पर भी मलबे का ढेर लग गया। इसके चलते मंगलवार की सुबह कुछ घंटों तक यातायात पूरी तरह से बाधित रहा। हालांकि जेसीबी ने मलबे को हटाया और यातायात को सुचारू किया गया।
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देहरादून में आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कोई जेसीबी में सवार होकर तो कोई पैदल ही निकला
सहस्त्रधारा में स्थानीय निवासी और पर्यटक जेसीबी से सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। जबकि कुछ लोग पैदल ही निकल अपनी जान बचाते हुए नजर आए। आलम यह रहा कि सड़कों पर भी जलभराव होने से वाहन चलाना भी किसी खतरे से खाली नहीं है।
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देहरादून में आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सहस्त्रधारा में झील टूटने की अफवाह से अफरा-तफरी
सहस्त्रधारा के ऊपरी इलाके में झील टूटने की अफवाह फैलने के बाद लोगों में दहशत और अफरा-तफरी मच गई। सोमवार-मंगलवार की रात दो बार बादल फटने के बाद दिन में जब यह अफवाह उड़ी तो लोग अपनी जान बचाने के लिए दौड़ने लगे। दुकानदार और स्थानीय लोग अपनी दुकानों और घरों को बंद कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते दिखाई दिए। क्षेत्रीय दुकानदार अरविंद पंवार और जितेंद्र रमोला ने बताया कि अफवाह फैली कि ऊपर की तरफ बनी झील टूट गई है और सारा पानी तेजी से नीचे की ओर आ रहा है। इस डर से सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे। सहस्त्रधारा में बादल फटने के बाद पहले ही तबाही का मंजर था और इस अफवाह ने लोगों के डर को और बढ़ा दिया।
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