दीप जलाओ शिक्षा का, घर-घर फैले उजियारा, अज्ञान खत्म हो हर कोने से, ऐसा हो पूर्ण प्रयास हमारा... पौड़ी जिले के चामी गांव में हर ओर ये पंक्तियां चरितार्थ होती दिखती हैं। यहां का हर बच्चा आज बिना आर्थिक तंगी के न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहा है बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत हो रहा है।
Teachers Day: बदला नज़ारा.. चामी में घर-घर फैला शिक्षा का उजियारा, टीनेजर्स क्लब की पढ़िए ये अनोखी कहानी
ऐसे की क्लब की शुरुआत
विभिन्न सरकारी विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके अरुण ने बताया कि करीब 32 साल नौकरी करने के बाद 2016 में उन्होंने रिटायर्मेंट ले लिया। वह गांव गए तो देखा कि वहां लोग आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस समस्या को दूर करने की ठानी। एक जनवरी वर्ष 2019 में उन्होंने गांव में ही ग्राम सभा के भवन में क्लब की शुरुआत की। उनका क्लब चामी के ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों के बच्चों की भी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाता है। भविष्य में वे बच्चों की हायर एजुकेशन में भी मदद की योजना तैयार रहे हैं।
ये कर रहे मदद
क्लब को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में परिवारजनों, मित्रों के साथ-साथ दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र, आडिमिया संस्था, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, सुंदर सिंह चौहान वृद्ध आश्रम, अरविन्द अध्ययन केंद्र, पराग बुक टीम और टाटा ट्रस्ट समेत कई संस्थाएं सहयोग दे रही हैं।
ये मिल रहीं सुविधाएं
छात्रों के लिए मिलन केंद्र में कुर्सी-मेज के अलावा कंप्यूटर, डिसप्ले बोर्ड, बुक शैल्फ में एक हजार से अधिक पुस्तकें व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके अलावा कक्षा-6 से 12 तक के बच्चों को पढ़ाई के लिए टेबलेट दिए गए हैं। वहीं, हाईस्कूल उर्तीण करने वाले बच्चों को लैपटॉप दिए जाने की भी योजना है।
जातीय भेदभाव कर रहे दूर
क्लब में बच्चों को जातीय भेदभाव को दूर करने की भी शिक्षा दी जा रही है। इसके लिए उन्होंने अनोखी पहल की है। उनके क्लब में बच्चों के नाम उनकी जाति के बिना रजिस्टर्ड हैं।
महिलाओं को भी दे रहे शिक्षा
अरुण ने बताया कि क्लब के प्रशिक्षण केंद्र में केवल बच्चे ही नहीं बल्कि गांव की महिलाएं भी निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। जिन्हें पढ़ाने लिए अनुभवी शिक्षक रखा गया है।
प्रवासी उत्तराखंडियों से की अपील
अरुण ने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपील की है कि वह भी अपने परिचितों-रिश्तेदारों को जोड़कर ऐसे क्लब बनाएं और अपने गांवों के बच्चों की शिक्षा ग्रहण करने में मदद करें।
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सरकार से उम्मीद
अरुण का कहना है कि उनका ग्राम सभा का भवन जर्जर हालत में है। इसे में वो क्लब की गतिविधियों का संचालन करते हैं। सरकार अगर इसे ठीक करा दे तो काफी राहत मिल जाएगी।