नई दिल्ली निवासी जॉय शर्मा दिनभर अपनी बेटी के मिलने के इंतजार में यमुनोत्री पैदल मार्ग के घटनास्थल पर बैठे रहे। इस दौरान वे डीएम और विधायक से मलबे में दबी उनकी बेटी को जल्द ढूंढने की गुहार लगाते रहे। वहीं दूसरी ओर, हादसे में मरे पिता-पुत्री के अंतिम संस्कार के लिए उनकी पत्नी और चार वर्षीय बेटा हरिद्वार पहुंच रहे हैं।
बीते सोमवार को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौकैंची के समीप हुई भूस्खलन के हादसे में नई दिल्ली निवासी 11 वर्षीय भविका शर्मा भी मलबे और बोल्डर में दब गई थी। वह अपने पिता और मां के साथ यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद लौट रही थी।
यमुनोत्री हादसा: जौनपुर के थे मृतक पिता-पुत्री, लापता यात्रियों का नहीं लगा कोई सुराग, रेस्क्यू अभियान रोका
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यमुनोत्री मार्ग पर भूस्खलन
- फोटो : अमर उजाला
उनके पिता ने डीएम, एसपी और विधायक को बताया कि पूरा परिवार हंसी-खुशी धाम से लौट रहा था। उनकी बेटी भाविका उनके आगे ही चल रही थी कि तभी पहाड़ से ऐसा सैलाब टूटा कि उनकी आंखों के सामने मलबे और बोल्डरों के बीच उनकी मासूम बेटी लापता हो गई।
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भूस्खलन के कारण रोकी गई यमुनोत्री यात्रा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
जॉय शर्मा दिनभर घटनास्थल पर आंखों में आंसू लिए इस उम्मीद के साथ पूरे दिन बैठे रहे कि शायद उनकी बेटी मिल जाए। वहीं वह बार-बार मौके पर अधिकारियों को भी बताते रहे कि इस स्थान से उनकी बेटी मलबे और बोल्डरों के साथ खाई में गिरी।
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भूस्खलन के कारण रोकी गई यमुनोत्री यात्रा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वहीं घटना में मृतक हरिशंकर और ख्याति के परिजन ने बताया कि दोनों पिता-पुत्री उनके साथ 20 जून को यात्रा के लिए रवाना हुए थे। उनके साथ उनकी पत्नी और बेटा नहीं आया था। यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद भैरो मंदिर के समीप वे आगे निकल गए थे।
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रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वहीं जब तक उनके साथी वहां पर पहुंचे, तो तब तक पता चला कि वे दोनों मलबे और बोल्डर के साथ खाई में गिर गए हैं। वहीं मंगलवार को दोनों की शिनाख्त के बाद उनके साथी उनके अंतिम संस्कार के लिए शवों को हरिद्वार ले गए।