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श्मशान घाट हादसा: जांच में सामने आए चौंकाने वाले सबूत, फाइल अक्तूबर के बाद बनी, हस्ताक्षर 30 सितंबर से पहले के

अमर उजाला नेटवर्क, गाजियाबाद Published by: शाहरुख खान Updated Sun, 10 Jan 2021 10:33 AM IST
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Muradnagar Incident News: Muradnagar Cremation Ground Accident News File made after October, signature before 30 September
cremation ground accident news - फोटो : अमर उजाला
गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित श्मशान घाट हादसे में पूरे सिस्टम की मिलीभगत का खेल सामने आ रहा है। जेल भेज गया जेई चंद्रपाल सिंह 30 सिंतबर को सेवानिवृत्त हो चुका था, लेकिन उसके बाद भी वो नियमित रूप से नगर पालिका में टेंडर से जुड़े सभी काम देख रहा था। पालिका से लेकर ऊपर सिस्टम में बैठे अधिकारियों को पूरी जानकारी थी लेकिन किसी ने उसे नहीं रोका। बल्कि सेवानिवृत्त होने के बाद श्मशान घाट के सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार कार्य का संशोधित एस्टिमेट भी बनाया गया था जिसमें कुल खर्च को 54 लाख से बढ़ाकर 65 लाख किया जाना था। 


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हादसे के बाद का खौफनाक मंजर - फोटो : अमर उजाला
10 लाख रुपया अतिरिक्त खर्च होने का एस्टिमेट अगली पालिका बोर्ड बैठक में रखकर पास कराया जाना था, जिसको लेकर ठेकेदार और पालिका अधिकारियों की पहले से मौखिक सहमति बनी थी। प्रशासन और शासन के निर्देश पर चार स्तर की जांच चल रही है। एसआईटी और मजिस्ट्रेट जांच जारी है। अभी तक की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 
 
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Muradnagar Incident News: Muradnagar Cremation Ground Accident News File made after October, signature before 30 September
muradnagar crematorium accident - फोटो : अमर उजाला
अवर अभियंता सीपी सिंह बीते वर्ष 30 सितंबर को ही सेवानिवृत्त हो गया था लेकिन उसके बाद पालिका में करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों के एस्टिमेट बैक डेट से बनाता रहा। इसके साथ ही निर्माण कार्यों का सत्यापन भी उसके द्वारा बैक डेट से किया गया। अक्तूबर में श्मशान घाट गलियारे बनाए जाने की तैयारी शुरू की गई और नवंबर में इसका निर्माण शुरू कर लिंटर डाल दिया गया। इसके डिजाइन को कहीं से पास कराया गया। इसको लेकर पालिका अधिकारी, जेई और ठेकेदार के बीच सहमति बनीं कि आगामी बोर्ड बैठक में एक संशोधित एस्टिमेट के साथ प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसमें दस लाख रुपया पास करा लिया जाएगा।
Muradnagar Incident News: Muradnagar Cremation Ground Accident News File made after October, signature before 30 September
मुरादनगर हादसा - फोटो : अमर उजाला
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि मौके से कुछ दस्तावेज जांच टीमों को मिले हैं जिनसे साफ होता है कि श्मशान घाट का संशोधित एस्टिमेट बनाया जा रहा था लेकिन कुछ साक्ष्य कमिश्नर और आईजी की अध्यक्ष वाली कमेटी ने सील कर दिए हैं। सील किए गए साक्ष्यों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। सेवानिवृत्त होने के बाद सीपी सिंह का नियमित रूप से अपने कार्यालय में आना जाना बना रहा है और फाइलों पर बैक डेट से हस्ताक्षर करने का खेल चलता रहा।  

 
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Muradnagar Incident News: Muradnagar Cremation Ground Accident News File made after October, signature before 30 September
मुरादनगर श्मशान घाट का मुआयना करते अधिकारी - फोटो : अमर उजाला
फाइल अक्तूबर के बाद बनी लेकिन हस्ताक्षर 30 सिंतबर से पहले के
एक सेवानिवृत्त जेई को गिरफ्तार कर जेल भेजने का फैसला आसान नहीं था। खासकर जब यह बात सामने आ रही थी कि गलियारे का निर्माण अक्तूबर से दिसंबर के बीच हुआ है लेकिन प्रारंभिक जांच में कई अहम साक्ष्य मिले, जिन्होंने सीपी सिंह की गिरफ्तारी की राह को आसान बना दिया। बताया जा रहा है कि नगर पालिका में अक्तूबर से दिसंबर 2020 के बीच बड़ी संख्या में फर्मों को भुगतान किए गए। 
 
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