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Delhi Blast: 14 साल बाद दिल्ली में फिर दहशत का साया... लाल किले पर दिन में होता धमाका तो और भयावह होता मंजर
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 11 Nov 2025 11:57 AM IST
सार
दिल्ली की शांति एक बार फिर भंग हुई है। वह यादें ताजा हुई जब आतंकवाद शहर की आत्मा को हिलाने की कोशिश करता था। 14 साल बाद दिल्ली में फिर दहशत का साया दिखाई दिया। आखिरी बड़ा आतंकी हमला 2011 में हुआ था, जब दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर एक ब्रीफकेस में बम विस्फोट हुआ था। इसमें 9 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हुए थे।
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दिल्ली में धमाके के बाद जांच करती पुलिस टीम और सुरक्षाबल
- फोटो : पीटीआई
देश की राजधानी में सोमवार को हुआ धमाका दिल्ली वालों के दिलों के पुराने जख्म कुरेद गया। दिल्ली के ऐतिहासिक बाजार, स्मारक और सार्वजनिक स्थल बार-बार हिंसा का शिकार बनते रहे हैं और ऐसी हर घटना सामूहिक स्मृति में गहरे निशान छोड़ जाती है।
1996 की गर्मियों में राजधानी के सबसे व्यस्त शॉपिंग केंद्र लाजपत नगर में शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ था। इसमें 13 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे। इसके ठीक एक साल बाद, सदर बाजार और करोल बाग से लेकर रानीबाग, चांदनी चौक व पंजाबी बाग में एक चलती बस सहित शहर के कई हिस्सों में सिलसिलेवार विस्फोट हुए। इसी तरह, लाल किला, जो एक बार फिर निशाना बना है, लंबे समय से ऐसे हमले झेलता रहा है।
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घटनास्थल को पर्दा लगाकर सील किया गया
- फोटो : पीटीआई
दिसंबर, 2000 में एक आतंकी समूह ने किला परिसर के अंदर गोलीबारी की, जिसमें दो लोग मारे गए। दिसंबर, 2001 में संसद पर हुए हमले ने दिल्ली को एक बार फिर आतंक के केंद्र में ला दिया, जिसमें नौ सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों की जान चली गई। 2005 में, दिवाली से ठीक दो दिन पहले पहाड़गंज, सरोजिनी नगर और गोविंदपुरी में कई बम विस्फोट हुए, जिनमें 67 से ज्यादा लोग मारे गए। 200 से ज्यादा घायल हुए।
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दिल्ली में धमाके के बाद जांच करती पुलिस टीम और सुरक्षाबल
- फोटो : पीटीआई
तीन साल बाद, 2008 में, कनॉट प्लेस, करोल बाग और ग्रेटर कैलाश में लगभग एक साथ 5 विस्फोट हुए, जिनमें 20 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। सोमवार की घटना से पहले आखिरी बड़ा आतंकी हमला 2011 में हुआ था, जब दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर एक ब्रीफकेस में बम विस्फोट हुआ था। इसमें 9 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हुए थे।
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दिल्ली में धमाके के बाद जांच करती पुलिस टीम और सुरक्षाबल
- फोटो : पीटीआई
ताजा विस्फोट के साथ, दिल्ली की शांति एक बार फिर भंग हुई है। वह यादें ताजा हुई जब आतंकवाद शहर की आत्मा को हिलाने की कोशिश करता था।
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दिल्ली में धमाके के बाद जांच करती पुलिस टीम और सुरक्षाबल
- फोटो : पीटीआई
दिन में होता धमाका तो और भयावह होता मंजर
लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के पास सोमवार शाम हुए धमाके ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल तो उठाए हैं, साथ ही सोचने पर विवश कर दिया है कि अगर घटना दिन के होती तो इसका असर कितना भयावह होता। दिन के वक्त यह इलाका दिल्ली के सबसे व्यस्ततम हिस्सों में गिना जाता है।
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