मशहूर फिल्मकार हंसल मेहता को इस बात का बिल्कुल पछतावा नहीं है कि उन्होंने अन्ना हजारे के आमरण अनशन को समर्थन देने की बात कही। वह इसे अपनी एक गलती बताते हैं और उन्होंने यह भी कहा है कि गलतियां तो किसी से भी हो सकती हैं। उन्होंने भी एक गलती की जब उन्होंने फिल्म 'सिमरन' बनाई।
हंसल मेहता ने एक बार फिर साधा कंगना रणौत पर निशाना, इस बार बंदूक रखने को कंधा मिला अन्ना हजारे का
दरअसल अन्ना हजारे देश में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में अपने गांव रालेगण सिद्धि में 30 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठने वाले थे। इससे पहले ही अन्ना हजारे से भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुलाकात कर ली और अन्ना ने अनशन पर बैठने का अपना विचार त्याग दिया। अन्ना के अनशन का हंसल मेहता पहले से ही समर्थन कर चुके थे। जब अन्ना ने अनशन करने का अपना विचार त्याग दिया तो हंसल को लगा कि उन्होंने अन्ना को समर्थन देने की बात कह कर गलती कर दी।
अन्ना हजारे के अनशन पर न जाने की वजह से निराश हुए हंसल मेहता ने अपनी निराशा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करके दिखाई। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैंने अन्ना को अच्छी नियत से समर्थन देने की बात कही थी। जिस तरह मैंने अरविंद का समर्थन किया था, ठीक उसी तरह। मुझे इसका बिल्कुल भी पछतावा नहीं है। इसका कारण यह है कि गलतियां तो हम सभी से होती हैं। मैंने भी एक गलती की जब मैंने फिल्म 'सिमरन' बनाई।' यहां हंसल ने वर्ष 2017 में आई कंगना रणौत की फिल्म 'सिमरन' को अपनी गलती बताया।
I supported him (Anna) in good faith. Like I later supported Arvind. I don't regret it. All of us make mistakes. I made Simran.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब हंसल मेहता को अपनी बनाई हुई फिल्म 'सिमरन' एक गलती लगी हो। वह इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान कह चुके हैं कि उन्हें ऐसा लगता है जैसे इस फिल्म को उन्होंने बनाया ही नहीं। हंसल ने इंटरव्यू में कहा, 'वह फिल्म मेरी जरूरत नहीं थी। मेरे पूरे करियर में फिल्म 'सिमरन' एक गैर जरूरी चीज है। मुझे उससे बहुत दुख होता है। मैं चाहता तो इससे भी बहुत अच्छी फिल्म बना सकता था। इस फिल्म में भी एक अच्छी फिल्म होने की क्षमता थी। उस फिल्म को रिलीज होने के बाद मुझे बाकायदा थेरेपी लेनी पड़ी। इससे मेरी मानसिकता पर बहुत असर पड़ा था।'
जब हंसल मेहता ने फिल्म 'सिमरन' के बारे में इंटरव्यू के दौरान ऐसी बातें कहीं तो कंगना रणौत भी चुप नहीं रहीं। उन्होंने हंसल मेहता पर निशाना साधते हुए उन्हें कायर और कमजोर इंसान बताया था। फिल्म 'सिमरन' के लेखक अपूर्व असरानी ने भी एक इंटरव्यू में दावा किया था कि फिल्म 'सिमरन' को हंसल मेहता ने बीच में ही छोड़ दिया था। बाकी फिल्म का निर्देशन खुद कंगना रणौत ने ही किया