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तांडव विवादः जीशान आयूब और निर्माताओं को लगा सुप्रीम कोर्ट से झटका, गिरफ्तारी में सुरक्षा देने से कोर्ट ने किया इनकार

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: प्राची प्रियम Updated Wed, 27 Jan 2021 08:25 PM IST
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Supreme court hears on plea filed by Web Series Tandav makers against FIRs in many parts of country
तांडव फिल्म का पोस्टर - फोटो : Facebook

वेब सीरीज 'तांडव' के एक्टर, निर्माताओं और अमेजन प्राइम (इंडिया) टीम ने विवाद के कारण दर्ज हुई एफआईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट  में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने एक्टर मोहम्मद जीशान आयूब, अमेजन प्राइम वीडियो (इंडिया) और तांडव के निर्माताओं को उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है।

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Tandav - फोटो : अमर उजाला मुंबई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, 'अग्रिम जमानत या एफआईआर रद्द कराने के लिए वो हाई कोर्ट में गुहार लगाएं। कोर्ट ने ये भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी अनंत नहीं है'। बुधवार को अशोक भूषण की अगुआई में 3 जजों की बेंच ने 'तांडव' वेब सीरीज के एक्टर और निर्माताओं को नोटिस जारी किया है। ये नोटिस मेकर्स को  6 राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को क्लब करने की मांग को लेकर जारी किया गया है । हालांकि जस्टिस आरएस रेड्डी और एमआर शाह ने अंतरिम जमानत देने की अपील ठुकरा दी।
 
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तांडव - फोटो : पंकज शुक्ल

वेब सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने को लेकर विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया। इसे लेकर पहले सोशल मीडिया पर तमाम तरह के विरोध प्रदर्शन किए गए और फिर सीरीज के मेकर्स और एक्टर्स के खिलाफ 6 राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके चलते कलाकारों ने कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी में सुरक्षा देने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया।

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तांडव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते लोग - फोटो : अमर उजाला।
बेंच ने कहा कि,'आपके अभिव्यक्ति की आजादी असीमित नहीं है। आप ऐसे चरित्र की भूमिका नहीं निभा सकते जो किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए'। आरोपियों को 20 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह की अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान की थी, जिससे वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते थे। वही इस मामले के आरोपी सभी मामलों में सुरक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।


 
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तांडव के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन - फोटो : अमर उजाला
बता दें कि सीरीज पर हुए बवाल के बाद अली अब्बास जफर पहले ही एक माफीनामा जारी कर चुके हैं। अली ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट जारी करते हुए लिखा था, ‘हम तांडव वेब सीरीज को मिल रही दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को करीब से देख रहे हैं और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ विमर्श के दौरान उन्होंने हमें बड़ी तादाद में आ रही उन शिकायतों और याचिकाओं के बारे में बताया, जिनमें लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बातें कही गई हैं’। उन्होंने स्पष्ट लिखा था कि ‘तांडव एक काल्पनिक कहानी है और किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता महज एक संयोग है। कास्ट या क्रू का किसी व्यक्ति, जाति, समुदाय, मजहब, आस्था, राजनीतिक पार्टी या जिंदा या मृत व्यक्ति की भावनाओं को चोट पहुंचाने या अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। कास्ट और क्रू सभी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए बिना शर्त माफी मांगते हैं’।
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