सब्सक्राइब करें

तो क्या अधूरी है फिल्म 'मणिकर्णिका'? जानें क्या हुआ था रानी लक्ष्मीबाई की मौत के बाद 

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: अरविंद अरविंद Updated Thu, 24 Jan 2019 02:21 PM IST
विज्ञापन
What happened to his son Damodar after the death of 'Manikarnika'?
मणिकर्णिका

25 जनवरी को महारानी लक्ष्मीबाई पर बनी फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' रिलीज हो रही है। 'मणिकर्णिका' शूटिंग के साथ ही विवादों में रही है। बहरहाल, देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम 1857 में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली रानी लक्ष्मीबाई पर बहुत लिखा और पढ़ा जा चुका है। यह फिल्म उनके देश के प्रति समर्पण की एक झलकभर है। लोग यह जानते हैं कि रानी लक्ष्मीबाई युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुईं, लेकिन क्या किसी को पता है कि उनके बेटे के साथ क्या हुआ?

Trending Videos
What happened to his son Damodar after the death of 'Manikarnika'?
मणिकर्णिका

1851 में रानी लक्ष्मीबाई ने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन 4 महीने बाद उसकी मृत्यु हो गयी। लक्ष्मीबाई के पति राजा गंगाधर राव का तबियत ज्यादा बिगड़ जाने पर उन्हें दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गई। पुत्र गोद लेने के बाद 21 नवम्बर 1853 को राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गई। दत्तक पुत्र का नाम आनंद राव रखा गया।

विज्ञापन
विज्ञापन
What happened to his son Damodar after the death of 'Manikarnika'?
Manikarnika

जानकार और इतिहासकारों के मुताबिक दामोदर राव को रानी लक्ष्मी के जाने बाद बहुत कष्ट झेलने पड़े। कहा जाता है कि उन्हें भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा। रानी लक्ष्मी बाई अपने दत्तक पुत्र दामोदर राव को पीठ से बांधे हुए युद्ध करने की वह गाथा आज भी लोगों की आंखों में आंसू ले आती है। सुभद्राकुमारी चौहान की लोकप्रिय कविता, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी में, बेटे के साथ झांसी की रानी का बहुत ही सुंदर, रोचक और संवेदनशील वर्णन किया गया है। 

What happened to his son Damodar after the death of 'Manikarnika'?
Manikarnika

जानकार और ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक 1857 के युद्ध के दौरान लक्ष्मी बाई ने दामोदर की जिम्मेदारी अपने विश्वास पात्र सरदार रामचंद्र राव देशमुख सौंपी थी। युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले रामचंद्र राव देशमुख 2 साल तक दामोदर को अपने साथ लिए ललितपुर जिले के जंगलों में भटकते रहे। अंग्रेजों के डर से कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। कई बार तो उन्हें खाना तक नसीब नहीं हुआ। कई दिन जंगलों में कष्ट झेलने के बाद वे झालरापाटन पहुंचे जहां उन्हें नन्हेखान मिले। 

विज्ञापन
What happened to his son Damodar after the death of 'Manikarnika'?
मणिकर्णिका - फोटो : सोशल मीडिया

नन्हेखान महारानी के मृत्यु के बाद झालावाड़-पतन में आकर रहने लगे थे और एक अंग्रेज अधिकारी के दफ्तर में काम करते थे। नन्हेखान ने ही दामोदर को मिस्टर फ्लिंक से मिलवाया था। मिस्टर फ्लिंक दामोदर की पेंशन की व्यवस्था की। पेंशन देने ले लिए अंग्रेज सरकार ने दामोदर से सरेंडर करने के लिए कहा। काफी सिफारिश लगाने के बाद दामोदर राव को 200 रुपए प्रति माह पेंशन मिलने लगी। 

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें मनोरंजन समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। मनोरंजन जगत की अन्य खबरें जैसे बॉलीवुड न्यूज़, लाइव टीवी न्यूज़, लेटेस्ट हॉलीवुड न्यूज़ और मूवी रिव्यु आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed