मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार और राजनेता सुरेश गोपी को भाजपा ने बड़ा सम्मान दिया है। दक्षिण भारत के राज्य केरल में कमल खिलाने वाले सुरेश नरेंद्र मोदी 3.O सरकार के मंत्री बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में सुरेश गोपी इकलौते चेहरे हैं जो दक्षिण के बड़े सितारे हैं और राज्य मंत्री बने हैं।
Suresh Gopi: सिने जगत से लेकर देश की सियासत तक, कौन हैं मोदी सरकार के राज्य मंत्री सुरेश गोपी?
आज मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में केरल से एकमात्र भाजपा सांसद सुरेश गोपी मौजूद रहे। इससे पहले तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जाते समय पत्रकारों के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपी ने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें तुरंत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि नई एनडीए सरकार में उन्हें क्या भूमिका दी जाएगी। सुरेश गोपी ने कहा कि ये फैसला पीएम ने लिया है। मैं अपने प्रधान मंत्री और अपने गृह मंत्री और अपने राष्ट्रीय नेताओं की आज्ञा का पालन कर रहा हूं। हालांकि, अब साफ हो गया है कि सुरेश गोपी भाजपा सरकार के राज्य मंत्री बन गए हैं। ऐसे में चलिए आज हम आपको अभिनेता और राजनेता के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों से रूबरू करवाते हैं...
65 वर्षीय सुरेश गोपी का जन्म केरल के अलप्पुझा में 26 जून 1958 में हुआ था। सुरेश गोपी के तीन छोटे भाई हैं- सुभाष गोपी और जुड़वां भाई सुनील गोपी और सानिल गोपी। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा कोल्लम में पूरी की और बाद में जूलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री और अंग्रेजी साहित्य में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की। सुरेश गोपी ने 1965 में एक बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय की शुरुआत की। बाद में सुरेश ने कई लोकप्रिय फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें मणिचित्राथजू, ए नॉर्दर्न स्टोरी ऑफ वैलोर और ओरु सीबीआई डायरी कुरिप्पु शामिल हैं।
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80 से अधिक फिल्मों में अभिनय करने के बाद सुरेश गोपी को आखिरकार शाजी कैलास की 1992 में आई 'थलस्तानम' में मुख्य भूमिका निभाकर सफलता मिली, जिसे रेन्जी पणिक्कर ने लिखा था। सुरेश ने 1993 की 'एकलव्यन' के माध्यम से खुद को मलयालम सिनेमा में एक बैंकेबल स्टार के रूप में स्थापित किया। यह क्राइम थ्रिलर भी रेन्जी पणिक्कर द्वारा लिखी गई थी और शाजी कैलास द्वारा निर्देशित थी। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी सफलता थी और इसने सिनेमाघरों में 150 दिन पूरे किए। शाजी-रेनजी संयोजन फिल्मों ने 1990 के दशक में सुरेश गोपी को रातोंरात स्टार बना दिया। खासकर पुलिस और सेना की भूमिकाओं के माध्यम से वे खूब मशहूर हुए। उनकी 1994 की फिल्म 'कमिश्नर' केरल में एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। उन्होंने 1995 की 'हाईवे' में एक रॉ अधिकारी की भूमिका निभाई, जो सिनेमाघरों में 100 दिनों से अधिक समय तक चली। 2015 में 'आई' फिल्म के बाद उन्होंने अभिनय से चार साल का ब्रेक ले लिया। फिर उन्होंने 2020 में विजय एंटनी अभिनीत 'थमिलारसन' से अभिनय में वापसी की।
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अक्तूबर 2016 में सुरेश गोपी आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए और 2019 में उन्होंने केरल में त्रिशूर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में 2019 के भारतीय आम चुनाव में चुनाव लड़ा, जहां वे कांग्रेस के टीएन प्रथनापन से हार गए। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी हलफनामे में सुरेश गोपी ने अपना पेशा सिनेमा कलाकार के रूप में दिखाया है और उनकी कुल घोषित संपत्ति 18.6 करोड़ रुपये है, जिसमें 8.9 करोड़ रुपये चल संपत्ति और 9.7 करोड़ रुपये अचल संपत्ति शामिल है। उनकी कुल घोषित आय 4.6 करोड़ रुपये है, जिसमें से 4.4 करोड़ रुपये स्वयं की आय है।
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