Republic Day: गणतंत्र दिवस पर ध्रुव-तेजस आसमान में नहीं आएंगे नजर, ये है फ्लाईपास्ट में शामिल न होने का कारण
पांच जनवरी को गुजरात के पोरबंदर में एक तटरक्षक एएलएच दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में दो तटरक्षक पायलटों और एक एयरक्रू गोताखोर की मौत हो गई। जिसके बाद सशस्त्र बलों ने जुड़वां इंजन वाले हेलिकॉप्टर ध्रुव के पूरे बेड़े के प्रयोग पर विराम लगा दिया था।
पोरबंदर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था एएलएच ध्रुव
गौरतलब है कि पांच जनवरी को गुजरात के पोरबंदर में एक तटरक्षक एएलएच दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में दो तटरक्षक पायलटों और एक एयरक्रू गोताखोर की मौत हो गई। जिसके बाद सशस्त्र बलों ने जुड़वां इंजन वाले हेलिकॉप्टर ध्रुव के पूरे बेड़े के प्रयोग पर विराम लगा दिया था। इस दुर्घटना की जांच की जा रही है। ऐसे में जब तक उच्च-स्तरीय जांच पैनल दुर्घटना के मूल कारण का पता नहीं लगा लेता, तब तक हेलिकॉप्टरों के इस पूरे बेड़े के खड़े रहने की संभावना है।
तेजस भी नहीं होगा फ्लाईपास्ट में शामिल
वायुसेना अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सिंगल इंजन वाला लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस को भी इस वर्ष गणतंत्र दिवस फ्लाईपास्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना ने गणतंत्र दिवस पर होने वाली फ्लाईपास्ट के लिए सिंगल इंजन वाले विमानों को उड़ाना बंद कर दिया है।
फ्लाईपास्ट में शामिल होंगे 22 लड़ाकू जेट, 11 परिवहन विमान
वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली फ्लाईपास्ट में 22 लड़ाकू जेट, 11 परिवहन विमान, सात हेलीकॉप्टर और तीन डोर्नियर निगरानी विमान शामिल होंगे।इसके साथ ही एक राफेल फाइटर जेट भी फ्लाईपास्ट का हिस्सा होगा। वहीं, परेड में भारतीय वायुसेना के मार्चिंग दस्ते में 144 जवान शामिल होंगे।
इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर आधिकारिक घोषणा की है। सुबियांटो राष्ट्रपति के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा पर 25 को भारत आएंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को बताया कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो 26 जनवरी को भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक व्यापक रणनीतिक साझेदार के रूप में इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत के उसके दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत और इंडोनेशिया के बीच सदियों पुराने मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की यह आगामी यात्रा दोनों देशों के नेतृत्व को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करने और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।