{"_id":"62f38cf6a1cfec577b2c5049","slug":"bihar-nitish-kumar-gave-these-three-messages-to-the-bjp-know-what-will-happen-next-in-bihar","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"Bihar : जाते-जाते नीतीश कुमार ने भाजपा को ये तीन संदेश दिया, जानें बिहार की सियासत में अब आगे क्या होगा?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Bihar : जाते-जाते नीतीश कुमार ने भाजपा को ये तीन संदेश दिया, जानें बिहार की सियासत में अब आगे क्या होगा?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Wed, 10 Aug 2022 04:18 PM IST
सार
नीतीश के पाला बदलने से सियासी गलियारे में चर्चा है कि जाते-जाते नीतीश कुमार ने भाजपा को बड़े संदेश दिए हैं। ऐसे में अब भाजपा को तय करना है कि वह आगे किस तरह से कदम उठाते हैं।
विज्ञापन
बिहार में नीतीश कुमार का बड़ा दांव
- फोटो : अमर उजाला
बिहार में नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस बार राजद, कांग्रेस, वामपंथी दल उनके साथी हैं। मंगलवार तक नीतीश एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री थे। आज नीतीश के साथ तेजस्वी यादव ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।
Trending Videos
नीतीश कुमार
- फोटो : अमर उजाला
भाजपा को नीतीश कुमार ने क्या संदेश दिया?
इसे समझने के लिए हमने बिहार के वरिष्ठ पत्रकार मोहित कुमार से बात की। मोहित बताते हैं कि नीतीश कुमार 2013 से ही असहज हैं। जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया था। 2015 में एक बार फिर से नीतीश कुमार राजद, कांग्रेस के महागठबंधन का हिस्सा बन गए। नीतीश का ये गठबंधन भी ढाई साल ही चला और 2017 में उन्होंने फिर से महागठबंधन का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। अब एक बार फिर से नीतीश कुमार वापस महागठबंधन में चले गए हैं। नीतीश ने इससे भाजपा को तीन बड़े संदेश दिए हैं।
इसे समझने के लिए हमने बिहार के वरिष्ठ पत्रकार मोहित कुमार से बात की। मोहित बताते हैं कि नीतीश कुमार 2013 से ही असहज हैं। जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया था। 2015 में एक बार फिर से नीतीश कुमार राजद, कांग्रेस के महागठबंधन का हिस्सा बन गए। नीतीश का ये गठबंधन भी ढाई साल ही चला और 2017 में उन्होंने फिर से महागठबंधन का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। अब एक बार फिर से नीतीश कुमार वापस महागठबंधन में चले गए हैं। नीतीश ने इससे भाजपा को तीन बड़े संदेश दिए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव
- फोटो : Social Media
1. साथी पार्टियों को कमजोर न समझें: जदयू ने एक झटके में भाजपा के हाथ से एक राज्य छीन लिया। 2014 के बाद से भाजपा का जादू पूरे देश में छाने लगा है। ऐसे में भाजपा को लगता है कि वह अकेले दम पर देश के सभी राज्यों को हासिल कर सकती है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बिहार में दिया गया बयान इसका बड़ा सबूत है। ऐसे में अब एनडीए में शामिल कई पार्टियां भाजपा का साथ छोड़ने की तैयारी में हैं। नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़कर भाजपा को यही संदेश दिया है कि वह जिस तरह से बाकी सभी राजनीतिक दलों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, वो गलत है। किसी भी पार्टी को भाजपा कमजोर न समझे।
अमित शाह की बैठक में नीतीश कुमार नहीं गए थे।
- फोटो : अमर उजाला
2. अपनों के साथ छलावा तो अपने भी देंगे धोखा : लोक जनशक्ति पार्टी, शिवसेना और अब जदयू। ये तीनों पार्टियां एक समय में भाजपा के काफी करीब हुआ करती हैं। रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी में फूट पड़ गई। इसका आरोप भाजपा पर लगा। शिवसेना में अभी भी दो गुट बन चुके हैं और इसका भी आरोप भाजपा पर ही लगा। अब जदयू ने आरोप लगाया है कि भाजपा उनकी पार्टी तोड़ने में जुटी है। भाजपा कुछ करती, इससे पहले नीतीश कुमार ने ही बड़ा खेल कर दिया। नीतीश ने अपने इस दांव से भाजपा को सबक दिया है कि अपनों के साथ छलावा नहीं करना चाहिए, नहीं तो अपने भी धोखा दे सकते हैं।
विज्ञापन
Bihar Politics: नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव शपथ लेते हुए
- फोटो : Agency
3. राजनीति में कुछ भी संभव है: असम, गोवा, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कई विधायक एक झटके में भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने सरकार बना ली। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के विधायक टूटकर भाजपा में आए और भाजपा को सत्ता मिल गई। इसी तरह महाराष्ट्र में हुआ। शिवसेना के कई विधायकों ने उद्धव से अलग होकर एक नया गुट बना लिया और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। यहां तक तो भाजपा के पक्ष में राजनीति हुई, लेकिन बिहार में भाजपा का दांव ही जदयू ने खेल दिया। कल तक राजद को भला-बुरा कहने वाली जदयू आज उनके साथ है। दोनों ने मिलकर सरकार भी बना ली। नीतीश ने अपने इस दांव से भाजपा को ये भी बता दिया कि राजनीति में सबकुछ संभव है।