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Human Metapneumovirus: घबराने की जरूरत नहीं, कोरोना जैसे तेजी से नहीं फैलता वायरस; 2001 में पहली बार खोजा गया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Tue, 07 Jan 2025 03:16 AM IST
सार

एचएमपीवी के लक्षण व्यक्ति की उम्र और प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करते हैं। इसमें बहती नाक, गले में खराश, खांसी और बुखार जैसे लक्षण होते हैं, जो आम सर्दी-जुकाम जैसे दिखते हैं। कुछ लोगों को लंबे वक्त तक खांसी, सांस लेते समय घरघराहट या अत्यधिक थकान हो सकती है।

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Human Metapneumovirus: No need to panic HMPV doesnt spread as fast as corona discovered for first time in 2001
HMPV वायरस - फोटो : freepik

चीन में फैला ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस नया नहीं है...दुनियाभर में इसे सांस से जुड़ी बीमारियों या श्वसन वायरस के तौर पर पहचाना जाता है। बीते 24 साल में भारत में काफी लोग इसकी चपेट में आकर अस्पतालों में भर्ती हुए, जिनमें 24 माह तक के शिशु सर्वाधिक हैं। इसके लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत जैसे ही हैं। यह सीधे बच्चों में तीव्र श्वसन संक्रमण (एआरआई) पैदा करता है। कुछ लोग इसे कोविड-19 जैसा बता रहे हैं। हालांकि यह कोविड जैसा खतरनाक नहीं है, फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है...

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Human Metapneumovirus: No need to panic HMPV doesnt spread as fast as corona discovered for first time in 2001
HMPV केस - फोटो : अमर उजाला
बढ़ा सकता है फेफड़े और सांस की दिक्कतें
एचएमपीवी फेफड़ों और श्वसन तंत्र से जुड़ीं बीमारियां पैदा करने वाला वायरस है। इसे 2001 में पहली बार खोजा गया था। एचएमपीवी हल्की से गंभीर श्वसन समस्याएं पैदा कर सकता है, खासकर शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। आमतौर पर सर्दियों और वसंत की शुरुआत में ज्यादा फैलता है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह साल भर फैल सकता है।

एचएमपीवी अन्य श्वसन वायरस जैसे आरएसवी और इन्फ्लूएंजा के तरीके से ही फैलता है...यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकली छोटी बूंदों, दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इससे बचने के लिए हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोना जरूरी है। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें, मास्क पहनें और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को साफ करें। बीमार लोगों के पास जाने से बचें।
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HMPV- दुनिया में खौफ, वुहान में कैसी जिंदगी? - फोटो : अमर उजाला
लक्षण...खांसी-बुखार जैसे ही, बच्चे, बुजुर्ग व कमजोर इम्यूनिटी वालों को सतर्क रहने की जरूरत
एचएमपीवी के लक्षण व्यक्ति की उम्र और प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करते हैं। इसमें बहती नाक, गले में खराश, खांसी और बुखार जैसे लक्षण होते हैं, जो आम सर्दी-जुकाम जैसे दिखते हैं। कुछ लोगों को लंबे वक्त तक खांसी, सांस लेते समय घरघराहट या अत्यधिक थकान हो सकती है। गंभीर मामलों में, खासकर शिशुओं, बुजुर्गों या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों में यह ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस (सांस नली में सूजन) या न्यूमोनिया जैसी जटिलताएं पैदा कर सकता है।

कुछ मामलों में गंभीर सांस की परेशानियों के चलते मरीजों के अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत तक हो सकती है...ये गंभीर लक्षण उन लोगों के लिए खास तौर पर चिंताजनक हैं, जो ज्यादा जोखिम में हैं, जैसे बुजुर्ग, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग, या पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोग। अगर तेज बुखार (103 डिग्री से अधिक) है, सांस लेने में दिक्कत, त्वचा, होंठ या नाखून पीले पड़ने जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
Human Metapneumovirus: No need to panic HMPV doesnt spread as fast as corona discovered for first time in 2001
सां - फोटो : ANI
आरटी-पीसीआर टेस्ट से संक्रमण की पहचान
एचएमपीवी का पता सिर्फ लक्षणों के आधार पर लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण आरएसवी और फ्लू जैसी बीमारियों की तरह दिखते हैं। इसका पता लगाने के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट कराया जाता है। इसके अलावा, तेजी से नतीजे देने वाले एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट भी मौजूद हैं। भारत में, आईसीएमआर और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) जैसे संस्थान एचएमपीवी और अन्य श्वसन वायरसों की निगरानी करते हैं।
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) - फोटो : amarujala.com
वायरस की वैश्विक और राष्ट्रीय निगरानी
स्वास्थ्य मंत्रालय भारत में सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से हालात पर नजर रख रहा है। आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) जैसे निगरानी तंत्र एचएमपीवी परिसंचरण के रुझानों पर निगरानी रख रहे हैं। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले से ही चल रहे उपायों की जानकारी देने के लिए चीन की स्थिति के बारे में समय पर अपडेट प्रदान कर रहा है।
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