भारतीय सेना एलओसी से सटे राजौरी के नौशेरा क्षेत्र में पाक की चौकियों को तबाह कर दिया। सेना ने 24 सेकेंड में 16 बार ब्लास्ट कर पाक चौकी को धवस्त कर दिया। सूत्रों के मुताबिक इस पूरी कार्यवाई में जिन हथियारों का इस्तेमाल हुआ उनमें एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल्स, ऑटोमेटेड ग्रेनेड लॉन्चर्स, बोफर्स गन शामिल थीं।
जानिए उन हथियारों के बारे में जिन्होंने पलभर में पाक चौकियों को किया धवस्त
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यह एक तीसरी पीढ़ी का टैंक रोधी मिसाइल है जो की फायर और फॉरगेट तकनीक पर आधारित है, इसे इजरायली कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स द्वारा विकसित किया गया है।
यह मुख्य रूप से बख्तरबंद सैन्य वाहनों को मारने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया मिसाइल है। इन मिसाइल्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सैनिक इसे कंधे पर रखकर आसानी से ऑपरेट कर सके।
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ऑटोमेटेड ग्रेनेड लॉन्चर्स
यह स्वचालित ग्रेनेड लॉन्चर होते हैं। इनसे एक मैग्जीन के जरिए बड़ी ही आसानी से कई राउंड फायरिंग की जा सकती है।
आमतौर पर इन लॉन्चर्स को हेलिकॉप्टर और व्हीक्ल से ऑपरेट किया जाता है। सबसे पहले अमेरिकियों ने 1966 में इसका इस्तेमाल किया था, और आज भी व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, इसका वजन 62.5 किग्रा होता है।
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बोफर्स गन
बोफोर्स गन को आमतौर पर बोफोर्स 40एमएम गन के नाम से जाना जाता है। इसकी मारक क्षमता 12,500 मीटर है। बोफोर्स को एंटी-एयरक्राफ्ट और बहुउद्देश्यों के लिए 1930 में स्वीडिश हथियार निर्माता एबी बोफोर्स ने तैयार किया था।
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द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह सबसे लोकप्रिय मध्यम-वजन विमानविरोधी प्रणालियों में से एक था। हालांकि समय की जरूरत के साथ इनको अपग्रेड किया जाता रहा है।