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'एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण'

ब्यूरो/ अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Sun, 06 Mar 2016 06:01 AM IST
सार

  • राष्ट्रपति ने कहा बढ़े महिलाओं का प्रतिनिधित्व
  • आरक्षण की व्यवस्था नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण
  • प्रतिनिधित्व बढ़ाए बगैर सशक्तीकरण कैसे संभव

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 President Pranab Mukherjee  at National Conference of Women Legislators
National Conference of Women Legislators - फोटो : PTI
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर दिया है। राष्ट्रीय महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कई वर्षों बाद भी महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था नहीं हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए संशोधन विधेयक एक सदन में पारित नहीं हो पाया है। 
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 President Pranab Mukherjee  at National Conference of Women Legislators
National Conference of Women Legislators - फोटो : PTI

उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने इस मौके पर सियासी दलों से कहा कि वे चुनाव में महिला प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाएं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सशक्त भारत के निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका को रेखांकित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि 1952 से अब तक हम जनप्रतिनिधि के रूप में महिलाओं की भागीदारी को 12 प्रतिशत से अधिक नहीं कर पाए हैं। प्रतिनिधित्व बढ़ाए बगैर सशक्तीकरण कैसे संभव हो पाएगा। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की अपील के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।

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 President Pranab Mukherjee  at National Conference of Women Legislators
National Conference of Women Legislators - फोटो : PTI
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में बोलने और सलाह देने नहीं आए हैं। उनकी उपस्थिति से उनकी प्रतिबद्धता जाहिर होती है कि वे जो कहते हैं, वह करते हैं। पंचायतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ने की चर्चा करते हुए प्रणब ने कहा कि कई राज्यों ने पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है और कुछ राज्य इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम लैंगिग समानता पर घोषित किया है। इस समानता और महिला सशक्तीकरण के लिए समर्पण दिखाना होगा।

 

 President Pranab Mukherjee  at National Conference of Women Legislators
National Conference of Women Legislators - फोटो : PTI
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि संसदीय समितियों में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में 47 प्रतिशत वोटर महिलाएं थीं। पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी 43.56 प्रतिशत है जो विश्व में सबसे अधिक है लेकिन संसद में उनका प्रतिनिधित्व सिर्फ 12 प्रतिशत है। सभी राजनीतिक दलों को सहयोग कर महिला आरक्षण संबंधी संशोधन विधेयक को पारित करने को सुनिश्चित करना पड़ेगा।
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 President Pranab Mukherjee  at National Conference of Women Legislators
National Conference of Women Legislators - फोटो : PTI

पिछले लोकसभा चुनाव में 1591 प्रत्याशियों में से सिर्फ 146 महिलाएं थीं. यह सिर्फ 9.17 प्रतिशत है। राजनीतिक दलों को उनकी भागीदारी इसमें भी बढ़ानी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि महिला जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन पहली बार हो रहा है। इससे महिलाओं की प्रभावी भूमिका को तय करने में मदद मिलेगी। गौरवशाली भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने पर सम्मेलन मंथन करेगा। महिलाएं नैसर्गिक प्रबंधक होती हैं। सामाजिक, आर्थिक शासन प्रणाली में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर ही विकास संभव है।

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