उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना मंगलवार को जारी हो गई। 19 जुलाई को नामांकन की आखिरी तिथि है। छह अगस्त को मतदान होगा। नतीजे भी छह अगस्त को ही आएंगे। इसी के साथ एनडीए और यूपीए में उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू की तरह की उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम से भी भाजपा सबको चौंका सकती है। वहीं, विपक्ष भी इस बार मजबूत उम्मीदवार उतारने की रणनीति तैयार करने में जुट गया है।
आइए जानते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी सारी जानकारी। इसके अलावा ये भी कि भाजपा और विपक्ष की तरफ से कौन-कौन उम्मीदवार हो सकता है? सत्ता पक्ष और विपक्ष की क्या रणनीति है?
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Vice-President Election: भाजपा किस आधार पर चुनेगी उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, जानें किन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Wed, 06 Jul 2022 10:22 AM IST
सार
एनडीए और यूपीए में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए चर्चा तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू की तरह की उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम से भी भाजपा सबको चौंका सकती है। वहीं, विपक्ष भी इस बार मजबूत उम्मीदवार उतारने की रणनीति तैयार करने में जुट गया है।
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उपराष्ट्रपति चुनाव
- फोटो : अमर उजाला

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भाजपा के नए कार्यकर्ता जेपी नड्डा, साथ में गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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भाजपा की क्या तैयारी है?
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर भाजपा की रणनीति समझने के लिए हमने भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक नेता से संपर्क किया। उन्होंने बताया, 'यह तो साफ है कि उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार उत्तर, पश्चिम या पूर्वोत्तर भारत के किसी राज्य से होगा।'
उन्होंने कहा 'इन राज्यों के अलग-अलग नामों पर मंथन चल रहा है। देश के इतिहास में आज तक कोई महिला उपराष्ट्रपति नहीं रही हैं। संभव है कि इस बार इतिहास बनाया जाए। द्रौपदी मुर्मू के रूप में महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलें। वहीं, उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर भी कोई महिला बैठे। अगर ऐसा होता है तो ये एक नया रिकॉर्ड होगा। पहली बार ऐसा होगा जब देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही महिला होंगी।'
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर भाजपा की रणनीति समझने के लिए हमने भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक नेता से संपर्क किया। उन्होंने बताया, 'यह तो साफ है कि उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार उत्तर, पश्चिम या पूर्वोत्तर भारत के किसी राज्य से होगा।'
उन्होंने कहा 'इन राज्यों के अलग-अलग नामों पर मंथन चल रहा है। देश के इतिहास में आज तक कोई महिला उपराष्ट्रपति नहीं रही हैं। संभव है कि इस बार इतिहास बनाया जाए। द्रौपदी मुर्मू के रूप में महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलें। वहीं, उपराष्ट्रपति की कुर्सी पर भी कोई महिला बैठे। अगर ऐसा होता है तो ये एक नया रिकॉर्ड होगा। पहली बार ऐसा होगा जब देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही महिला होंगी।'
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उपराष्ट्रपति चुनाव
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किस वर्ग से बनाया जा सकता है उम्मीदवार?
राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने बताया, 'उपराष्ट्रपति के मामले में भी भाजपा का फैसला थोड़ा हटकर हो सकता है। मौजूदा समीकरण को देखते हुए भाजपा तीन-चार अलग-अलग वर्ग के प्रत्याशियों पर विचार कर रही है।'
राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने बताया, 'उपराष्ट्रपति के मामले में भी भाजपा का फैसला थोड़ा हटकर हो सकता है। मौजूदा समीकरण को देखते हुए भाजपा तीन-चार अलग-अलग वर्ग के प्रत्याशियों पर विचार कर रही है।'

उपराष्ट्रपति चुनाव
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1. महिला : आज तक देश में कोई भी महिला उपराष्ट्रपति के पद तक नहीं पहुंच पाई हैं। ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, मणिपुर की पूर्व राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की मौजूदा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम पर चर्चा चल रही है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की चर्चित महिलाओं के नाम पर भी मंथन जारी है। वह इसलिए क्योंकि, विधानसभा चुनाव में टीएमसी से मिली हार के बाद भाजपा यहां फिर से मजबूत होना चाहती है।
उमा भारती का असर मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी अच्छा खासा देखने को मिलता है। वहीं, नजमा देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की नातिन हैं। वह काफी समय तक कांग्रेस में रहीं।
नजमा का नाम आगे करने पर भाजपा को दो फायदे हो सकते हैं। पहला यह कि वह मुस्लिम हैं। दूसरा यह कि वह महिला हैं। इसी तरह आनंदीबेन पटेल के नाम पर भी चर्चा है। आनंदीबेन गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री हैं। मौजूदा समय वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। आनंदीबेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों में भी शामिल हैं।
उमा भारती का असर मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी अच्छा खासा देखने को मिलता है। वहीं, नजमा देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की नातिन हैं। वह काफी समय तक कांग्रेस में रहीं।
नजमा का नाम आगे करने पर भाजपा को दो फायदे हो सकते हैं। पहला यह कि वह मुस्लिम हैं। दूसरा यह कि वह महिला हैं। इसी तरह आनंदीबेन पटेल के नाम पर भी चर्चा है। आनंदीबेन गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री हैं। मौजूदा समय वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। आनंदीबेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों में भी शामिल हैं।
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उपराष्ट्रपति चुनाव
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2. सिख : आज तक देश में कोई सिख उपराष्ट्रपति भी नहीं रहा है। ऐसे में भाजपा किसी सिख चेहरे को उपराष्ट्रपति बना सकती है। इसका फायदा उसे पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में मिल सकता है। इसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है। पंजाबी चेहरा दिल्ली से भी हो सकता है। इसका फायदा भाजपा को दिल्ली में भी मिल सकता है।