उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने चंदनबाड़ी के पास बस हादसे में जान गंवाने वाले आईटीबीपी के वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। उनके पार्थिव शरीर को डीजीपी दिलबाग सिंह के साथ कंधा दिया। डीपीएल श्रीनगर में आईटीबीपी के बहादुरों के श्रद्धांजलि समारोह में भाग लेते हुए उपराज्यपाल ने कहा, देश उनके साहस, वीरता और सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। वीरों के पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थानों पर भेज दिया गया।
शहादत को सलाम: शहीदों के पार्थिव शरीर को एलजी ने दिया कंधा, चंदनबाड़ी में सात जांबाजों ने गवाई थी जान
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, डीजीपी दिलबाग सिंह, जीओसी 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग आरके गोयल, डीजी आईटीबीपी सुजॉय लाल थाउसेन के अलावा पुलिस, सेना, आईटीबीपी और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा नागरिक प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने श्रीनगर में आईटीबीपी जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने जो इतना लंबा अरसा जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं, उसके लिए हम हमेशा उनका आभार व्यक्त करते हैं। अमरनाथ यात्रा में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में सबसे ज्यादा योगदान आईटीबीपी के जवानों ने दिया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देती है। इनकी आत्मा को शांति मिले, यही दुआ है हमारी। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में सभी 40 लोग घायल हुए हैं। इसमें सात की मौत हो गई, 33 को रेस्क्यू किया था, जिनमें से चार को गंभीर चोटें पहुंची हैं उन्हें स्पाइनल इंजरी है।
डीजीपी ने कहा कि घायलों का बेहतरीन इलाज चल रहा है। अगर कल के रेस्क्यू ऑपरेशन को देखा जाए तो मुझे लगता है इससे बेहतर और तेज बचाव कार्य हो नहीं सकता। कम समय में सबको वहां से पहलगाम और वहां से अनंतनाग। फिर हेलिकॉप्टर के जरिये सभी 33 घायलों को सेना के 92 बेस अस्पताल पहुंचाया गया। वहां से 4 को स्किम्स सोवरा रेफेर किया गया। अगर और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट करने की जरूरत पड़ेगी तो किया जाएगा।