पंछी, नदिया, पवन के झोंके... कोई सरहद न इन्हें रोके..., रिफ्यूजी फिल्म का यह गाना उस कबूतर पर सटीक बैठता है, जो पाकिस्तान की सरहद पार कर भारत की सीमा में पहुंच गया है। बुधवार को कबूतर के मालिक की ओर से वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाई गई गुहार के बाद इस परिंदे को सरहद पार लौटने की अनुमति मिल गई है।
पंछी नदियां पवन के झोंके...कोई सरहद न इन्हें रोके, कुछ ऐसा ही किस्सा है इस पाकिस्तानी कबूतर का
24 मई को कठुआ जिले से सटी भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े गए पाकिस्तानी कबूतर को पुलिस जल्द मुक्त करने की योजना बना रही है। कबूतर के पंजे पर मिले छल्ले पर लगा कोड, इसे संदेह की ओर ले गया था।
बीते दिन हीरानगर सेक्टर पार पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके के बग्गा शरीफ निवासी एक व्यक्ति ने वीडियो के जरिए कबूतर को अपना बताते हुए मोदी सरकार और मीडिया से इसे मुक्त करवाने की अपील की थी। आखिरकार सुनवाई हो गई और जल्द ही यह कबूतर पाकिस्तान में अपने मालिक तक पहुंच जाएगा। पुलिस इसे सरहद के नजदीक फिर से उड़ा देगी, ताकि यह अपने मालिक तक पहुंच जाए।
वीडियो में कबूतर के मालिक ने बताया है कि ईद के दिन कबूतर उड़ाए थे। चूंकि परिंदों की कोई सरहद नहीं, ऐसे में मोदी सरकार उसके कबूतर को रिहा करवाए। कबूतर के पंजे में लगा छल्ला उसके मालिक का मोबाइल नंबर है, जो उसने सभी कबूतरों ने पहना है।
वीडियो देखा है, प्राथमिक जांच में कुछ भी संदेहास्पद सामने नहीं आया है। ऐसे में कबूतर को वापस भेजने की योजना है। जिस तरह से यह कबूतर भारतीय सीमा में आया था, उसी तरह इसे आजाद कर दिया जाएगा। चूंकि सीमावर्ती इलाका है, सीमा के पास हर गतिविधि को संदेह की नजर से देखा जाना जरूरी है। ऐसे ग्रामीणों ने इस परिंदे को पकड़कर बीएसएफ के हवाले किया और बाद में पुलिस को सौंप दिया था। -डॉ. शैलेंद्र मिश्रा, एसएसपी, कठुआ।