नौशेरा सेक्टर में पकड़ा गया फिदायीन आतंकी एलओसी पर सेना की अग्रिम चौकियों पर बड़े हमले के लिए आया था। पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी में कर्नल रैंक के अधिकारी यूसुफ चौधरी ने आतंकियों का ग्रुप हमले के लिए भेजा था। मौके पर उसके साथ दो और आतंकी थे। पकड़े गए फिदायीन तबारक हुसैन को हमले के लिए 30 हजार रुपये दिए गए थे, लेकिन तारबंदी काटने के दौरान तबारक को सतर्क जवानों ने फायरिंग कर घायल कर दिया। बाकी आतंकी मौके से भाग निकले। राजोरी के सैन्य अस्पताल में उपचाराधीन तबारक हुसैन ने पूछताछ में पूरी साजिश के राज उगले। बुधवार को पत्रकारों के सवालों पर भी तबारक हुसैन ने बड़े हमले की साजिश को कबूला।
फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान: 30 हजार में सौदा कर भेजा आतंकी, पकड़े जाने पर बोला- निशाने पर थे भारतीय सेना के जवान
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में गांव सब्जकोट और जिला कोटली के रहने वाले तबारक हुसैन ने बताया कि कर्नल यूसुफ से 30 हजार रुपये मिले थे। हमले के लिए भारतीय सेना की तीन चौकियों की रेकी की गई थी। सही समय मिलने पर हमला किया जाना था।
तबारक के साथ मौके पर हालांकि दो और आतंकी थे, लेकिन तबारक ने कहा कि कुल पांच आतंकियों का ग्रुप था, जिन्हें हमले को अंजाम देना था। गौरतलब है कि तबारक को उसके भाई हारून अली के साथ 2016 में भी पकड़ा गया था, जिसे कुछ वर्ष जेल में रखने के बाद पाकिस्तान को लौटा दिया गया था।
जवान ने खून देकर तबारक की बचाई जान
चार गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल तबारक ने कहा कि वह भारतीय सेना पर हमले के लिए आया था। वही सेना आज उसका इलाज कर रही है। तबारक ने कहा - मुझे इस बात पर शर्म आ रही है। वहीं, सैन्य अधिकारी ने बताया कि तबारक के शरीर से चार गोलियां निकाली गई हैं। उसका काफी खून बह गया था, जिसे बचाने के लिए सेना के जवान ने अपना खून दिया है। गंभीर रूप से जख्मी तबारक की सर्जरी की गई है।
तबारक के छह भाई, परिवार में 15 लोग
#WATCH | Tabarak Hussain, a fidayeen suicide attacker from PoK, captured by the Indian Army on 21 August at LOC in Jhangar sector of Naushera, Rajouri, says he was tasked by Pakistan Army's Col. Yunus to attack the Indian Army for around Rs 30,000 pic.twitter.com/UWsz5tdh2L
तबारह ने बताया कि उसके छह भाई है। परिवार में कुल 15 लोग हैं। तारबंदी के पास जब वह फायरिंग से घायल हुआ तो साथी आतंकी उसे छोड़कर भाग गए। फायरिंग में घायल होने पर तबारक बिलख कर चिल्ला रहा था - मैं यहां मरने आया था, मुझे यहां से निकालो भाई जान।