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जम्मू-कश्मीर: तीन घंटे पहले मिलेगी बारिश और बादल फटने की जानकारी, वैष्णो देवी-अमरनाथ यात्रियों को भी मिलेगा लाभ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: प्रशांत कुमार Updated Sat, 04 Sep 2021 10:10 AM IST
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Weather disaster management will be efficient and strong in Jammu and Kashmir Doppler Radar System
किश्तवाड़ जल प्रलय(फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला

श्रीनगर के बाद जम्मू संभाग में मौसम आपदा प्रबंधन सक्षम और मजबूत होगा। अत्याधुनिक डॉप्लर रडार सिस्टम से दो से तीन घंटे पहले ही भारी बारिश, बाढ़, बादल फटने, और आंधी जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने से जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकेगा। इससे वैष्णो देवी और अमरनाथ यात्रियों को मौसम की स्टीक जानकारी मिलने से उनकी यात्रा सुगम बनेगी। पीएमओ में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह पांच सितंबर को बनतालाब स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के कार्यालय में रडार सिस्टम को जम्मू संभाग के लोगों को समर्पित करेंगे। इंटिग्रेटेड हिमालयन मेट्रोलॉजिकल प्रोग्राम के तहत लगाया गया यह रडार सौ किलोमीटर हवाई क्षेत्र को कवर करेगा, जिसमें कश्मीर के भी कुछ जिले कवर होंगे। 

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जम्मू संभाग के दस जिलों में मौजूदा ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे दो से तीन घंटे पहले मौसम का पूर्वानुमान मिल सके। खासतौर पर बरसात के सीजन में ऐसी सुविधा न होने के कारण भारी जानमाल के नुकसान की आशंका रहती है। इसमें विशेषतौर पर बादल फटने की घटनाओं ने अधिक तबाही मचाई है। हाल ही में किश्तवाड़ के उच्च पर्वतीय क्षेत्र में बादल फटने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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किश्तवाड़ जल प्रलय(फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला

एक सामान्य बादल फटने में एक घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर से अधिक तेज बारिश होती है, जिससे मौसम संबंधी पूर्व जानकारी न होने के कारण नदी नालों में अचानक पानी के तेज बहाव से नुकसान होता है।

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किश्तवाड़ जल प्रलय(फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला

वर्तमान में मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर की ओर से जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों के लिए अगले चौबीस घंटे की मौसम संबंधी पूर्व जानकारी दी जाती है, लेकिन इसमें दो से तीन घंटे पूर्व किसी आपात मौसम संबंधी चेतावनी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन अब अत्याधुनिक डाप्लर रडार सिस्टम से इस नुकसान को कम किया जा सकेगा।

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किश्तवाड़ जल प्रलय(फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला

वर्ष 2014 की भीषण बाढ़ के बाद श्रीनगर में ऐसे डॉप्लर रडार सिस्टम को स्थापित किया गया था। लेकिन जम्मू संभाग में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर की बनिहाल टॉप स्थल में भी एक ऐसे रडार सिस्टम को लगाने की योजना है। 


 
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किश्तवाड़ जल प्रलय(फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला
पहाड़ी इलाकों को मिलेगा फायदा 

मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के निदेशक सोनम लोट्स ने बताया कि अत्याधुनिक डॉप्लर रडार सिस्टम विशेषतौर पर पहाड़ी क्षेत्र के लोगों के लिए मौसम संबंधी पूर्व जानकारी देने में वरदान साबित होगा। इससे बाढ़ जैसे संवेदनशील इलाकों में आपात प्रबंधन को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। जम्मू के बनतालाब में रडार प्रोजेक्ट पर पिछले 3-4 साल से काम किया जा रहा है, जिसे रविवार को शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सफल ट्रायल कर लिए गए हैं।

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