मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याओं का आप भी शिकार जरूर हुए होंगे। आमतौर पर इसके लिए वायरल संक्रमण को जिम्मेदार माना जाता है, जो इंफ्लूएंजा वायरस के कारण फैलता है। इंफ्लूएंजा या फ्लू एक संक्रामक श्वसन रोग है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये संक्रमण काफी तेजी से बढ़ता है। अधिकतर मामलों में इंफ्लूएंजा 5 से 7 दिनों में बिना दवा के भी ठीक हो जाता है, हालांकि कुछ लोगों को दवाओं की जरूरत हो सकती है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और पहले से क्रॉनिक बीमारियों के शिकार लोगों में ये समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है।
Influenza Death: फ्लू ने ले ली 11 साल के बच्चे की जान, क्या मामूली सर्दी-जुकाम से भी हो सकती है मौत?
- मीडिया रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि 11 साल के बच्चे की की फ्लू संक्रमण से मौत हो गई है। एक हफ्ते पहले उसे इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था।
- तो क्या सामान्य सर्दी-जुकाम वाली ये बीमारी जानलेवा होती जा रही है?
11 वर्षीय बच्चे की फ्लू संक्रमण से मौत
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 11 साल के जेस वॉटकिंस को एक हफ्ते पहले इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था। उसे फ्लू संक्रमण हुआ था, जिसके बाद उसे दौरे पड़ने लगे और एक समय तो उनकी सांसें भी रुकने लगी थीं। समय के साथ जेस की हालत और बिगड़ती गई। परिवार का कहना है कि उसके दिमाग में सूजन थी जो कम नहीं हो रही थी, जिससे ब्रेन तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रहा था। इन जटिलताओं के कारण जेस की मौत हो गई।
परिवार वालों का कहना है कि उसे पहले से कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। वह प्रीमेच्योर (समय से पहले पैदा हुआ बच्चा) जरूर था, लेकिन इसके अलावा उसे अन्य कोई दिक्कत नहीं थी।
फ्लू के मामलों में वृद्धि
हाल के महीनों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अमेरिका-ब्रिटेन सहित कई देशों में फ्लू के मामलों में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है। अमर उजाला में प्रकाशित ईयर एंडर 2025 रिपोर्ट में हमने बताया कि साल 2025 में जिन बीमारियों ने सबसे ज्यादा परेशान किया, इंफ्लूएंजा का संक्रमण भी उनमें से एक था।
जापान और मलेशिया जैसे देशों में भी इस साल फ्ल का व्यापक प्रकोप देखा गया था। जापान में फ्लू संक्रमण के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए यहां सरकार ने 'महामारी' तक घोषित कर दिया था।
भारत में भी देखा गया था असर
फ्लू के कारण बढ़ती दिक्कतों के बारे मे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा था, पिछले कुछ समय से फ्लू वायरस के व्यवहार और प्रकृति में कई प्रकार का परिवर्तन नोटिस किया जा रहा है जो इस तीव्र प्रकोप का प्रमुख कारण है।
भारत में भी म्यूटेटेड फ्लू का प्रकोप देखा गया है। राजधानी दिल्ली-एनसीआर में अगस्त-सितंबर में H3N2 वायरस के संक्रमण का प्रकोप देखा गया था। ये वायरस कितनी तेजी से बढ़ा इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि सर्वेक्षण में पाया गया कि दिल्ली-एनसीआर के लगभग 70% घरों में एक या उससे अधिक लोग फ्लू/वायरल बुखार के लक्षणों का अनुभव कर रहे थे।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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