Kerla News: पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े उठाकर देखें तो पता चलता है कि भारत में कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ा है। हाल के दिनों में केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा और दिल्ली में H3N2 फ्लू वायरस (जिसकी वजह से खांसी-बुखार से परेशान मरीजों की भीड़ अस्पतालों में बढ़ रही है) का प्रकोप देखा गया। अब हालिया रिपोर्ट में केरल में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट किया गया है। केरल से पहले अरुणाचल में भी इस महीने की शुरुआत में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के कुछ मामले रिपोर्ट किए गए थे।
Alert: केरल में 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा' के बाद अब 'अफ्रीकी स्वाइन फीवर' का प्रकोप, जानिए ये कितना खतरनाक
- स्वास्थ्य अधिकारियों ने हालिया रिपोर्ट में बताया कि केरल के त्रिशूर जिले में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का पता चला है।
- इससे पहले इसी महीने अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के विभिन्न स्थानों से अफ्रीकी स्वाइन फीवर का प्रकोप सामने आया था।
केरल में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के मामले
स्वास्थ्य अधिकारियों ने हालिया रिपोर्ट में बताया कि केरल के त्रिशूर जिले में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का पता चला है।
अधिकारियों के अनुसार, भोपाल स्थित एक सरकारी प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों के बाद, मुलनकुन्नाथुकावु पंचायत में सूअरों में संक्रमण का पता चला। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यहां एक दल को तैनात किया गया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पशुपालन विभाग के नेतृत्व में इस दल ने बीमारी के प्रसार को रोक के लिए अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने प्रभावित फार्म के आसपास के एक किलोमीटर के क्षेत्र को संक्रमित और उसके आसपास के 10 किलोमीटर के क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र घोषित किया है।
जिला कलेक्टर अर्जुन पांडियन ने संक्रमित क्षेत्रों से सुअरों के मांस की बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है और सुअर का मांस बेचने वाली दुकानों को अपना काम बंद करने को कहा है। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. आइजैक सैम ने स्पष्ट किया कि यह बीमारी केवल सुअरों को प्रभावित करती है तथा अन्य पशुओं या मनुष्यों में नहीं फैलती।
अरुणाचल प्रदेश में भी रिपोर्ट किए गए थे मामले
इससे पहले हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के विभिन्न स्थानों से अफ्रीकी स्वाइन फीवर का प्रकोप सामने आया था। पश्चिम सियांग के जिला मजिस्ट्रेट लीयी बागरा ने 4 सितंबर को बताया था कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने जिले के बाहर से सुअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके अलावा प्रशासन ने सुअर का मांस बेचने वाले कसाईयों को पशु चिकित्सा अधिकारी से निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया था। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने की भी चेतावनी दी गई थी।
अफ्रीकी स्वाइन फीवर के बारे में जानिए
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट कहती है, अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू और जंगली सुअरों में होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है, जिसकी मृत्यु दर 100% तक देखी जाती रही है। वैसे तो यह मानव स्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा वाला नहीं है, लेकिन सुअरों की आबादी और कृषि अर्थव्यवस्था पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। यह वायरस पर्यावरण में अत्यधिक प्रतिरोधी है, जिसका अर्थ है कि यह कपड़ों, जूतों, पहियों और अन्य सामग्रियों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है।
मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि एएसएफ मानव स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं है तथा सुअरों या सुअर के मांस से बने उत्पादों से मनुष्यों में इस रोग के संक्रमण का भी कोई प्रमाण नहीं है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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