Home Remedies To Stop Migraine Triggers: दिल्ली में इन दिनों ठंड और वायु प्रदूषण दोनें ही अपने चरम पर है। अधिक AQI वाले वायु प्रदूषण का सीधा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ रहा है। मगर ध्यान देने वाली बात यह है कि इस प्रदूषण का दुष्प्रभाव सिर्फ फेफड़ों के बीमारी तक सीमित नहीं है, ये हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
Air Pollution: प्रदूषण की वजह से ट्रिगर हो गया है आपका माइग्रेन? जान लें इससे बचाव के उपाय
Migraine Relief Tips in Air Pollution: माइग्रेन एक बेहद गंभीर समस्या है, जो अक्सर ही संवेदनशील वातावरण में ट्रिगर हो जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या पहले से है उन्हें इस वायु प्रदूषण में कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।
क्या करें?
प्रदूषण से बचने के लिए N95 या N99 मास्क का उपयोग अनिवार्य है, क्योंकि सामान्य कपड़े के मास्क सूक्ष्म कणों को नहीं रोक पाते। घर के अंदर हवा को साफ रखने के लिए HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि जब प्रदूषण का स्तर (AQI) अपने चरम पर हो, तो सुबह और शाम की बाहर जानें से बचें। घर की खिड़कियां बंद रखें ताकि बाहर की जहरीली हवा अंदर न आ सके।
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हाइड्रेशन और डाइट पर विशेष ध्यान
प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए शरीर को डिटॉक्स करना जरूरी है। भरपूर पानी पिएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन माइग्रेन के दर्द को और अधिक बढ़ा देता है। अपनी डाइट में मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, अखरोट और अलसी के बीज शामिल करें। अदरक की चाय का सेवन भी नसों की सूजन कम करने और मतली से राहत दिलाने में अत्यंत प्रभावी साबित होता है।
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तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद
प्रदूषण न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ाता है, जो माइग्रेन का एक बड़ा कारण है। रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें और अंधेरे व शांत कमरे में आराम करें। प्राणायाम और गहरी सांस लेने वाले व्यायाम फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की सही मात्रा पहुंचाते हैं, ध्यान रखें कि ये व्यायाम घर के अंदर ही करें। जब भी बाहर से आएं, अपनी आंखों और चेहरे को ठंडे पानी से धोएं ताकि प्रदूषक साफ हो सकें।
अगर घरेलू उपायों और सावधानियों के बावजूद माइग्रेन का दर्द असहनीय हो जाए या दर्द की आवृत्ति बढ़ जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें। कभी-कभी प्रदूषण की वजह से 'साइनसाइटिस' और माइग्रेन के लक्षण मिल जाते हैं, जिससे सही पहचान मुश्किल हो जाती है। विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लें और जरूरत पड़ने पर प्रिवेंटिव दवाएं शुरू करें। ध्यान रखें, प्रदूषण को हम तुरंत खत्म नहीं कर सकते, लेकिन सही सावधानियों से इसके असर को जरूर कम कर सकते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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