क्या अस्पताल से छुट्टी मिलने का मतलब है कि आप कोविड-19 से पूरी तरह से ठीक हो गए हैं? हाल के रिपोर्ट ने इस तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। ब्रिटेन में हुए अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने पाया है कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के पांच महीने बाद तक कई तरह के नकारात्मक लक्षणों का अनुभव हो रहा है। विशेषज्ञों ने पाया कि अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके 10 में से 7 रोगियों को शारीरिक और मानसिक रूप से संक्रमण के नकारात्मक लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है। आइए अगली स्लाइडों में जानते हैं कि रोगियों को किस प्रकार की समस्याएं हो रही हैं?
                    
                        
                         
                
        
                
     
      
    
    
    
    
        
 
 
   
    
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                        पेरू के लीमा में कोविड 19 के मरीजों की देखभाल के लिए गहन चिकित्सा इकाई में तैनात चिकित्सा कर्मी।
                                     - फोटो : PTI
                    
             
 
 
    
                        
         
        नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड रिसर्च ने अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके 1077 रोगियों की मौजूदा स्थिति पर अध्ययन किया। इनमें से 69 फीसदी पुरुष जबकि 36 फीसदी महिलाएं थीं, इनकी आयु 58 वर्ष के करीब की होगी। इनमें से करीब 50 फीसदी लोगों को कम से कम दो कोमारबिडिटी की शिकायत थी। अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि केवल 29 फीसदी लोग ही पूरी तरह से ठीक हो सके हैं जबकि करीब 20 फीसदी लोगों को नई तरह की परेशानियों का अनुभव हो रहा है। विशेषज्ञों ने पाया कि 25 फीसदी लोगों को चिंता और अवसाद जबकि 12 फीसदी लोगों को पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डरों का अनुभव हो रहा था।
                
        
                
     
       
 
 
   
    
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                        गुवाहाटी में कोरोना की जांच के लिए नमूना एकत्र करता एक स्वास्थ्य कर्मी।
                                     - फोटो : PTI
                    
             
 
 
    
                        
         
        लीसेस्टर अस्पताल में श्वसन रोगों के विशेषज्ञ डॉ रचेल इवांस रिपोर्ट में बताते हैं कि अध्ययन के दौरान हमने पाया कि कोविड-19 से ग्रसित लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल जाने के पांच महीने बाद भी मानसिक और शारीरिक समस्याओं के साथ अंगों में खराब होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह निश्चित ही चिंता की बात है, इससे यह स्पष्ट होता है कि ज्यादातर लोग बाहरी तौर पर तो संक्रमण से ठीक हो जा रहे हैं लेकिन महीनों बाद भी उन्हें इससे जनित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
                
        
                
     
       
 
 
   
 
    
                        
         
        कौन से लक्षण नजर आ रहे है?
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि रोगियों को अस्पताल से छ्ट्टी मिलने के महीनों बाद भी मुख्यरूप से मांसपेशियों में दर्द, थकान, शारीरिक कमजोरी, नींद में कमी, जोड़ों में दर्द या सूजन, अंग की कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, थोडे़ समय के लिए याददाश्त की समस्या और सोचने मेें परेशानी जैसे लक्षणों का अनुभव हो रहा है।